उत्तराखंड से धर्मांतरण मामले में बहुत बड़ा खुलासा हुआ है। यह खुलासा किया है यहीं के रहने वाले नितिन पंत नाम के एक युवक ने। नितिन पंत वो शख्स है, जो धर्मांतरण केस में गिरफ्तार कलीम सिद्दीकी के लालच का शिकार हुआ था। कलीम ने नौकरी, शादी और पैसे का लालच देकर नितिन को अली हसन बना दिया था। इस दौरान उसे राजस्थान और फिर मुजफ्फरनगर के मदरसे में रखा गया।
नितिन ने बताया कि उसे कलीम सिद्दीकी हिंदू लड़कियों को वश में करने के लिए कहता था। हिंदू लड़कियों का अश्लील वीडियो बनाने को कहता था। युवाओं को नशे की लत लगाने को कहता था। नितिन ने बताया कि कलीम सिद्दीकी के पास विदेश से पैसा आता था और दिल्ली के रोहिणी में उसका एक हेड ऑफिस भी है।
नैनीताल (उत्तराखंड) के तल्लीताल निवासी नितिन पंत फिलहाल पांवधोई नदी के पास स्थित बालाजी घाट पर बने आश्रम रह रहे हैं। नितिन ने बताया कि वह वर्ष 2010 में राजस्थान के भिवाड़ी में नौकरी की तलाश में गया था, जहाँ उसकी मुलाकात हरियाणा के मेवात के गाँव पंचगाँव निवासी इम्तियाज अली से हुई थी। इम्तियाज अली उसको अपने घर ले गया था। इसके बाद उसे बंधक बना लिया गया और जबरन एक मस्जिद में रखा गया।
इसके बाद मौलाना ने आतंकित कर उसका धर्मांतरण कराकर नाम अली हसन रख दिया। उस मस्जिद में वह छह साल तक रहा। यहीं पर उमर गौतम ने उसे लव जिहाद के बारे में ट्रेनिंग दी। बाद में उसे मुजफ्फरनगर के गाँव फुलत स्थित मदरसे में भेजा गया। जहाँ का संचालक मौलाना कलीम सिद्दीकी था और नितिन की मुलाकात कलीम से 8 से 10 बार हुई थी। मौलाना कलीम उसे बरगलाता था। उसने आरोप लगाया कि लड़कियों और युवकों का धर्मांतरण कराने पर उसे रुपए, घर, जमीन और सभी सुविधाएँ मिलने जैसे लालच दिए जाते थे। यह भी कहा जाता था कि उसका निकाह करा दिया जाएगा।
इसके बाद उसे नागल क्षेत्र के गाँव उमाही कोटा स्थित एक मदरसे में भेज दिया गया, जहाँ पर वह दो वर्ष रहा। उसे जब रामपुर मनिहारान के मदरसे में भेजा जा रहा था तो वह भाग गया और विश्व अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय सचिव निपुण भारद्वाज, महंत रामदास से मुलाकात कर मामले की जानकारी दी। इसके बाद उसका शुद्धिकरण कराकर हिंदू धर्म में वापसी कराई गई।
नितिन ने एसपी सिटी से मुलाकात कर तहरीर दी और मौलाना कलीम सहित अन्य लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की माँग की। एसपी सिटी राजेश कुमार का कहना है कि मामले की जाँच की जा रही है। नितिन पंत को भी पूछताछ के लिए ले जाया गया है। उसने यह भी बताया कि वहाँ आईटीआई के नाम पर हथियार बनाने की फैक्ट्री भी चलती है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के आतंक निरोधी दस्ते (एटीएस) ने बुधवार (22 सितंबर, 2021) को अवैध धर्मांतरण मामले में मौलाना कलीम सिद्दीकी को गिरफ्तार किया। भारत के सबसे बड़े धर्मांतरण गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए एटीएस ने यह गिरफ्तारी मेरठ से की। पुलिस ने बताया कि मौलाना जामिया इमाम वलीउल्लाह ट्रस्ट चलाता है, जो कई मदरसों को फंड देता है। इसके लिए उसे विदेशों से भारी फंडिंग मिलती है। मौलाना को पूछताछ के लिए मेरठ से लखनऊ लाया गया है। यूपी एटीएस ने कलीम के साथ ही उसके तीन सहयोगी मौलानाओं और ड्राइवर को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।