कोरोना COVID-19 की लड़ाई में डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ सहित चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े कर्मचारी दिन-रात इस वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज करने में जुटे हैं। लेकिन समाज के एक वर्ग ने मानो ठान रखी है कि वो मुश्किल से मुश्किल समय में भी व्यवस्था और सरकार के खिलाफ ही रहेगा। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे एक वीडियो को देखने के बाद काफी लोगों की यही राय सामने आ रही है।
सोशल मीडिया पर जो वीडियो शेयर किया जा रहा है, उसमें डॉक्टर्स को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वहाँ के लोग उनका सहयोग नहीं कर रहे हैं और उन पर थूक रहे हैं।
संयम जैन ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, “इंदौर के रानीपुरा इलाके में जहाँ से सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं, वहाँ पर ‘मुसलमान’ लोग बिल्कुल भी सहयोग नहीं कर रहे हैं। सहयोग करने की बजाय चेक करने गए डॉक्टर की टीम के साथ गली गलौच और उन पर थूक रहे है… अब इन्होंने ‘थूक जिहाद’ फैलाना शुरू कर दिया है।”
इंदौर के रानीपुरा इलाके में जहा से सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे है,
— Sanyam Jain (@modivanibharat) March 29, 2020
वहाँ पर “मुसलमान” लोग बिल्कुल भी सहयोग नही कर रहे है,
सहयोग करने की बजाय चेक करने गए डॉक्टर की टीम के साथ गली गलौच और उन पर थूक रहे है..
अब इन्होंने “थूक जिहाद” फैलाना शुरू कर दिया है 😡😡 pic.twitter.com/MZe45kaTGa
विडियो में डॉक्टर को पुलिस से कहते हुए सुना जा सकता है कि वहाँ एक लेडी है, जिसका बेटा फैजान थूक रहा है। जब डॉक्टर ने उसे मना किया तो ऊपर से गाली देने लगी और कहा कि वो डॉक्टर की वर्दी उतरवा देंगे। हालाँकि ऑपइंडिया इस ट्वीट में किए गए दावों की पुष्टि नहीं करता है लेकिन इस वीडियो में डॉक्टर द्वारा कही जा रही बातों को आप सुन सकते हैं।
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार, रानीपुरा, निपानिया, खातीवाला टैंक, चंदननगर और खजराना के तीन किलोमीटर के हिस्से को पुलिस-प्रशासन ने पूरी तरह सील कर दिया है और वहाँ रहने वालों की जाँच के साथ ही सेनिटाइजर्स का छिड़काव किया जा रहा है। लेकिन रविवार को स्क्रीनिंग के लिए रानीपुरा इलाके में पहुँची एक टीम के साथ स्थानीय लोगों ने बदसलूकी की और टीम के सामने ही मुँह में पानी भरकर उनके ऊपर जूठा पानी फेंका गया और थूका गया। यही नहीं, जाँच टीम द्वारा उन्हें समझाने पर उनके साथ गाली-गलौज भी की गई। विडियो में देखा जा सकता है कि डॉक्टर्स की टीम वहाँ मौजूद पुलिसकर्मियों से इसकी शिकायत कर रही है।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के रानीपुरा और इससे लगे इलाकों में कोरोना वायरस से संक्रमित ज्यादा मरीज मिलने से प्रशासन चिंतित है। जिस कारण रानीपुरा को लेकर प्रशासन ने सख्त निर्णय लेते हुए वहाँ आने-जाने के सभी रास्ते बंद करने का फैसला लिया है। हालाँकि, लोगों की सुविधा के लिए अत्यावश्यक चीजों की होम डिलिवरी किए जाने का भी फैसला लिया गया है और जिन इलाकों में कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं, शहर के ऐसे 11 इलाकों को प्रशासन ने कंटेनमेंट जोन बनाया है। इनमें रानीपुरा भी शामिल है। शहर में पॉजिटिव मरीजों की संख्या 24 हो गई है, इनमें से इंदौर और उज्जैन के एक-एक मरीज की मौत हो चुकी है।
देशभर में कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें लोगों को लॉकडाउन के ऐलान के बाद भी मनमर्जी करते हुए और शासन-व्यवस्था के साथ सहयोग ना करते हुए देखा जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज, रविवार को ही अपने ‘मन की बात’ रेडियो प्रसारण में कहा कि लोगों को अव्यवस्था जरूर हो रही है, लेकिन यह हम सबके लिए है और हमें सहयोग करना चाहिए।