बरेली में रुबीना सैय्यद ने सनातन में घर वापसी कर ली है। उन्होंने सनातन में वापसी कर अपना नाम प्रीति रखा है। साथ ही उन्होंने अपने प्रेमी प्रमोद कश्यप के साथ पूर्ण विधि-विधान से विवाह कर लिया है। रुबीना वृंदावन की रहने वाली हैं। उनका पहले निकाह हुआ था, जिसने उनके 2 बच्चे हैं, लेकिन उनके शौहर ने 6 महीने पहले तीन-तलाक देकर घर से निकाल दिया था। इसके बाद वो प्रमोद के संपर्क में आईं और अब प्रीति बन चुकी हैं। प्रीति का कहना है कि मुस्लिम होने की वजह से उन्हें प्रताड़ना झेलनी पड़ी और तीन तलाक का दंश भी, क्योंकि इस्लाम में महिलाओं की कोई इज्जत नहीं है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुरुवार (15 मई 2024) को बरेली के अगस्त्य मुनि आश्रम में सनातन अपनाने वाली प्रीति का पुराना नाम रुबीना था। वो मथुरा के वृंदावन की रहने वाली हैं। उनका शौहर उनका उत्पीड़न करता था और 6 माह पहले तीन तलाक देकर उन्हें घर से निकाल दिया था। उनके 3 और 6 साल के दो बेटे हैं, लेकिन शौहर ने उन्हें अपने पास रख लिया। इसके बाद वो बदायूँ के रहने वाले प्रमोद कश्यप के संपर्क में आईं। दोनों में प्रेम हुआ, तो मिलने का रास्ता भी निकला। इसके बाद बरेली में आचार्य के के शंकधार ने उनका गोमूत्र-गंगाजल से शुद्धिकरण कराया और फिर प्रीति और प्रमोद सात जन्मों के बंधन में बंध गए। खास बात ये है कि प्रीति अपने पति प्रमोद से 8 साल बड़ी हैं, लेकिन अब दोनों सातों जन्म साथ निभाने की सौगंध ले चुके हैं।
प्रीति ने बताया कि उन्हें शुरू से हिंदू धर्म में आस्था थी। उन्हें हिंदू धर्म अच्छा लगता है। उन्होंने करीब 15 दिन पहले ही अपना घर छोड़ दिया। अब वह अपने पति के साथ रहेगी। दोनों एक-दूसरे को बहुत प्यार करते हैं। प्रीति ने कहा कि इस्लाम धर्म में महिलाओं का कोई सम्मान नहीं करता है। तीन तलाक और हलाला जैसी कुप्रथाएँ प्रचलित हैं। मैंने स्वेच्छा से घर वापसी कर हिंदू रीति रिवाज से सनातन धर्म स्वीकार कर लिया है। प्रीति ने बताया कि पहले बच्चों की याद आती थी, लेकिन अब धीरे-धीरे वो उनके बिना जीना सीख गई हैं।
बता दें कि पिछले 2 दिनों में घर वापसी का ये तीसरा मामला है। इससे पहले, उत्तर प्रदेश के बरेली और मुरादाबाद जिलों में 2 मुस्लिम लड़कियों ने घर वापसी की है। इन दोनों ने इस्लाम छोड़ कर हिन्दू धर्म अपनाया और हिन्दू युवकों से विवाह किया है। बरेली में जहाँ रामपुर की फरहाना पल्ल्वी बन चुकी हैं तो वहीं मुरादाबाद की नरगिस अभी मानसी नाम से जानी जाएँगी। दोनों लड़कियों ने हिन्दू धर्म में अपनी पहले से आस्था बताते हुए खुद को अब तीन तलाक और हलाला के डर से आज़ाद बताया है।