उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक मिशनरी स्कूल की शिक्षिका पर 10वीं कक्षा के छात्र के साथ शारीरिक संबंध बनाने और फिर ईसाई धर्मांतरण के लिए ब्रेनवॉश करने का मामला सामने आया है। छावनी थाने में इसे लेकर गुरुवार (16 नवंबर, 2023) को 4 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। मामला सेंट एलाईयसिस (Aloysius) स्कूल का है। 16 वर्षीय छात्र के पिता ने शिकायत में कहा है कि परिवार को बच्चे की चैट के माध्यम से आता चला कि शिक्षिका ईसाई मजहब अपनाने और शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव बना रही थी।
पिता ने बताया है कि जब विद्यालय में इस संबंध में शिकायत की गई तो अध्यापिका ने अपने कृत्य को स्वीकार कर लिया और फिर उसके बाद बच्चे को परेशान करने के लिए उसका पता निकलवाने लगी, ताकि मामला न्यायालय तक न पहुँचे। शिक्षिका के भाई ने भी जान-माल को नुकसान पहुँचाने की धमकी दी थी। FIR में आरोपित शिक्षिका ओलिब रोहित पर आरोप लगा है कि उन्होंने अन्य छात्र-छात्राओं का भी स्कूल में धर्मांतरण कराया है। साथ ही विरोधी पक्ष और कुछ मीडिया पोर्टलों पर पीड़ित बच्चे की तस्वीर वायरल करवाने का आरोप भी लगा है।
दोनों के चैट भी वायरल हुए हैं। फेसबुक मैसेंजर के एक चैट में लड़का पूछ रहा है कि आप 7:10 में क्यों आओगी, जिस पर शिक्षिका जवाब दे रही है कि हमें उसी समय पर बुलाया गया है। इसके बाद लड़का कहता है कि आओ जब भी आना है। इसके बाद अन्य चैट्स में बैकग्राउंड दिल की इमोजी वाला दिख रहा है। इसमें शिक्षिका ‘मिस यू, वॉन्ट यू’ लिख रही है, वहीं लड़का भी ‘आई लव यू’ लिख रहा है। एक चैट में हग करने की बात हो रही है। एक चैट में लड़का गुस्सा रहा है, क्योंकि महिला टीचर ने किसी अन्य लड़के की तस्वीर लाइक की है।
फिर वो सफाई देती है कि जिसका पोस्ट उसने लिखे किया है वो उसके भाई जैसा है। इधर लड़का धमकी देता है कि वो भी हर लड़की के पोस्ट पर लाइक-कमेंट करेगा। एक चैट में महिला खुद का दिल टूटा हुआ बता रही है और हमेशा के लिए चली जाने की बात कर रही है। साथ ही वो कहती है कि उसका दिल रो रहा है। वो लिखती है, “तुमने मुझे जीरो बना दिया, मैं बहुत अच्छा था।” उक्त स्कूल केंट कानपुर में स्थित है। कोर्ट ने भी विश्लेषण में पाया कि पीड़ित परिवार वाले दिए गए साक्ष्य और शिक्षिका के फोन में मिले सबूत मेल खा रहे थे।
पीड़ित पिता ने ‘JMD News’ और ‘SP News 365’ के खिलाफ भी पुलिस में प्रार्थना पत्र देते हुए कहा है कि इन्होंने बच्चे की तस्वीर वायरल कर दी। इस बारे में बात करते हुए बच्चे के पिता ने बताया कि जब तक वो अपने बेटे को न्याय नहीं दिला देते, तब तक वो अपनी शिखा नहीं बाँधेंगे। उन्होंने बताया कि उनका एक बेटा और एक बेटी है। जहाँ बेटा छोटा है, वहीं बेटी बड़ी है। उन्होंने पुलिस पर आरोपित शिक्षिका से घूस लेने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने आरोप लगाया कि 9 नवंबर को कोर्ट का आदेश आया, जबकि पुलिस ने FIR दर्ज करने में एक सप्ताह की देरी कर दी। उन्होंने SHO पर आरोप लगाया कि उनके खिलाफ जाँच रिपोर्ट तैयार की गई और उन पर ही उल्टा आरोप लगा दिया कि वो महिला के साथ संबंध बनाना चाहते हैं। पिता ने बताया कि थाना प्रभारी अजय सिंह ने इसके बाद शिक्षिका की तरफ से ही शिकायत ले ली। उन्होंने थाने में अपने और अपनी पत्नी से अभद्रता का भी आरोप लगाया।
पीड़ित पिता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी पत्र भेज कर मामले की जानकारी दी है। उन्होंने ऑपइंडिया से बात करते हुए बताया कि मामला खत्म करने के लिए SHO ने उन पर दबाव बनाया और कई मुकदमों में फर्जी फँसाने की धमकी दी। आरोपित शिक्षिका की उम्र 43 साल बताई जा रही है। एक लोकेश नाम के शिक्षक का भी नाम सामने आया है, जिसके बारे में पीड़ित पिता ने कहा कि आरोपित शिक्षिका एप पति को छोड़ कर उसके साथ कुछ महीने रही है।
लोकेश ने भी बच्चे के पिता को फोन कर के धमकाया। स्कूल के व्हाट्सएप्प ग्रुप में बच्चे और उसके परिवार की पहचान वायरल करने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि लिंक दिए जाने के बावजूद थाना प्रभारी ने कोई सबूत न मिलने की बात कही। उन्होंने कहा कि ऐसे पुलिस अधिकारी सीएम योगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम कर रहे हैं, ताकि जनता उनसे त्रस्त हो जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपित शिक्षिका की तरफ से मोटा पैसा पुलिस ने लिया है।
उन्होंने कहा, “मिशनरियों के पास पैसे की कोई कमी नहीं है। मेरे बेटे के जाल में फँसने के बाद उसके व्यवहार में बदलाव आने लगा था। मेरी पत्नी शाम को पूजा करती थी तो वो आपत्ति जताता था। मंदिर में जाती थी तो रिएक्ट करने लगा था। हम बच्चे को स्कूल नहीं भेज रहे, उसका साल खराब हो रहा है। इस पर पुलिस-प्रशासन कुछ नहीं कर रहा। बच्चा वहाँ नहीं पढ़ पाएगा। हमारे अनुरोध के बावजूद DM को SHO को पत्र नहीं लिखा। दूसरे स्कूल में स्थानांतरित करने की हमारी माँग नहीं मानी गई।”
प्रकरण से जुड़ा वीडियो भी सामने आया है, जिसमें पुलिस पीड़ित बच्चे के माता-पिता से कह रही है कि हमसे मत उलझिए। साथ ही परिवार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया गया। पुलिस ने कहा कि आप मुझसे ऐसे बात नहीं कर सकते हो। इस दौरान पीड़ित के पिता कहते हैं कि हाथ क्यों लगा रहे हो। साथ ही जाँच अधिकारी (सब-इंस्पेक्टर) का एक स्टिंग भी सामने आया है, जिसमें वो कहता दिख रहा है कि अधिकारियों के कहने पर सबको कमरे से निकाल कर बच्चे का बयान लिया।
इसमें रोहित नाम का अधिकारी आगे कहता है, “माता-पिता के बिना बयान रिकॉर्ड करना अधर्म नहीं है। कानून अलग चीज है, धर्म-अधर्म अलग चीज है। हमें अधिकारियों द्वारा दिए गए आदेश का पालन करना है और इसमें कुछ गलत हो जाता है तो कोई पाप नहीं है। मेरे पास सारे साक्ष्य हैं कि किसने क्या कहा। बच्चे के साथ गलत हुआ है, उसकी भी एक हद है। मैं माफ़ी माँगता हूँ। जब सारी चीजें हो चुकी हैं तो फोन मैंने नहीं लिया।” ऑपइंडिया के पास वीडियो, FIR कॉपी और अन्य दस्तावेज मौजूद हैं।