उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा के पीछे तजिंदर सिंह विर्क को मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। सोशल मीडिया व मीडिया में उन्हें सपा नेता बताया जा रहा है। वो रुद्रपुर का निवासी है। कहा जा रहा है कि वो सपा के मुखिया अखिलेश यादव का करीबी भी है। उत्तराखंड दौरे के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उसके यहाँ रुके भी थे। बताया जा रहा है कि फ़िलहाल वो गाड़ी की चपेट में आने से घायल है और उसका इलाज चल रहा है।
इस घटना में शुभम मिश्रा नाम के एक व्यक्ति की भी हत्या कर दी गई, जिसका आरोप तजिंदर सिंह विर्क पर ही लगा है। शुभम मिश्रा के पिता ने अपनी शिकायत में कहा है कि वो कुश्ती प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए गए थे। उनका परिवार शिवपुरी मोहल्ला में रहता है। तिकुनिया के बनवीरपुर वो कुश्ती प्रतियोगिता में शामिल होने गए थे, जिसका उद्घाटन उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को करना था।
This is Tajinder Singh Virk, the mastermind of the whole incident. He is a SP leader very close to Akhilesh.
— मुरली धर (@murli_dhar) October 4, 2021
Nowadays he is wearing Green topi in place of Red.#योगीजी_एक्शन_में_आओ#योगी_जी_लट्ठ_बजाओ
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पिता विजय मिश्रा ने बताया है कि शुभम उसी गाड़ी में बैठे हुए थे, जिसको हरिओम मिश्रा ड्राइव कर रहे थे। ये लोग मुख्य अतिथि का स्वागत करने के लिए जा रहे थे। तभी कार्यक्रम स्थल से 3 किलोमीटर दूर बैठी अराजक तत्वों की भीड़ ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। उन्होंने इस मामले में लवकुश नाम के एक गवाह का नाम भी लिया है, जो कुश्ती प्रतियोगिता देखने जा रहे थे। ये घटना तिकुनिया तिराहे पर हुई।
गवाह के हवाले से बताया गया है कि अमनदीप सिंह सिंधु, महेंद्र सिंह और तजिंदर सिंह विर्क शुभम मिश्रा को तलवार व लाठियों से मार रहे थे। साथ ही पत्थरबाजी भी की जा रही थी। इस घटना में शुभम व हरिओम की मृत्यु हो गई। पिता ने बताया है कि शुभम की पर्स और सोने की चेन भी गायब है। उन्होंने बताया है कि लवकुश व आशीष ने उन्हें इस मामले की जानकरी दी, जिससे उन्होंने पुलिस को अवगत कराया है।
बेटे शुभम मिश्रा का अंतिम संस्कार करने के बाद पिता विजय मिश्रा ने पुलिस में इस मामले की शिकायत की। उन्होंने रिपोर्ट लिख कर कानूनी कार्रवाई करने का आग्रह किया है। अखिलेश यादव के साथ तजिंदर सिंह विर्क की कई तस्वीरें भी वायरल हुई हैं। बताया जा रहा है कि आजकल वो लाल की जगह हरी पगड़ी पहनता है। उसने अपने ट्विटर हैंडल पर अखिलेश यादव की सभाओं की तस्वीरें शेयर करते हुए ‘जय समाजवाद’ भी लिखा है।
— Rohan Dua (@rohanduaT02) October 4, 2021
इसी तरह एक अन्य मृतक श्याम सुंदर निषाद का वीडियो भी सामने आया है। उनकी मॉब लिंचिंग कर दी गई। उनसे ‘किसान आंदोलनकारियों’ की भीड़ जबरन ये कबूल करने का दबाव बना रही थी कि वो ये बोलें कि मंत्री ने उन्हें किसानों को मारने के लिए भेजा है। भाजपा कार्यकर्ता श्याम सुंदर निषाद बार-बार ‘दादा… दादा, छोड़ दो’ की गुहार लगा रहे थे, लेकिन गुंडों का दिल नहीं पसीजा। उनसे जबरन कबुलवाया जा रहा था कि वो किसानों पर गाड़ी चढ़ाने आए हैं। उन्होंने जवाब दिया कि उन्हें मंत्री ने भेजा है, लेकिन इसके लिए नहीं।