बिहार के समस्तीपुर जिले में दलित युवक को थूक चटवाने के मामले में पुलिस ने 3 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इसमें से एक आरोपित नामजद था, जिसका नाम फ़िरोज़ है। इसके अलावा पुलिस ने 2 अन्य आरोपितों की पहचान वीडियो फुटेज के आधार पर करने का दावा किया है। इनके नाम अनिल और विनोद पासवान हैं। मुख्य आरोपित अलाउद्दीन फरार है, जो वायरल वीडियो में मौलाना जैसी शक्ल में दिखाई दे रहा है। आरोप है कि उसी ने पीड़ित को थूक चाटने पर मजबूर किया था।
नहीं लगा है SC/ST एक्ट
इस घटना के शिकायतकर्ता चौकीदार राम भरोस पासवान ने अपनी शिकायत में 50 से 60 अज्ञात लोगों को आरोपित किया है। ऑपइंडिया ने इस घटना पर थाना प्रभारी विभूतिपुर संदीप कुमार से बात की। उन्होंने हमें बताया कि केस IPC की धारा 348 और 323 में दर्ज हुआ है। थाना प्रभारी के मुताबिक, अलाउद्दीन नाम का आरोपित अभी तक गिरफ्तार नहीं हुआ है और उसके बेटे फ़िरोज़ को पकड़ लिया गया है। गिरफ्तारी और पुलिस कार्रवाई को थानेदार संदीप ने मिले सबूतों और जारी अनुसंधान के आधार पर बताया।
जानकारी के मुताबिक, IPC की धारा 348 किसी व्यक्ति को बंधक बना कर उस से कोई अपराध कबूल करवाने पर हुई मारपीट के बाद लगती है। जबकि IPC की धारा 323 किसी के विरुद्ध सामान्य मारपीट के बाद लगती है। इन केसों में अधिकतम 3 साल की सज़ा है। केस में SC/ST एक्ट की धारा न जोड़ने के सवाल पर संदीप कुमार ने कहा कि उच्चाधिकारियों के जो भी निर्देश आएँगे, उस अनुसार काम किया जाएगा।
थानेदार के मुताबिक, अब तक हुई 3 गिरफ्तारियों पर कोई पुलिस प्रेसनोट नहीं बनी है जिसे बनाना सीनियर आधिकारियों का काम है। कम्युनिस्ट पार्टी से स्थानीय विभूतिपुर के विधायक कॉमरेड विधायक अजय कुमार पहले ही भीड़ में राजू की ही जाति के कुछ लोगों की मौजूदगी का बयान दे कर उसे पंचायत का फैसला बता चुके हैं।
लड़का-लड़की का बयान ले कर तय हो विवाद की वजह
ऑपइंडिया ने पीड़ित युवक राजू पासवान के गाँव महिसारी के मुखिया श्रवण पासवान से बात की। श्रवण ने हमें बताया कि राजू की पिटाई की वजह की उन्हें स्पष्ट जानकारी नहीं है और जो प्यार-मोहब्बत की बातें सामने आ रहीं हैं, उस पर खुद लड़का और लड़की के बयान ले कर निर्णय लिया जाना चाहिए। मुखिया ने हमें बताया कि पीड़ित राजू को पंचायत में बिठाया गया था और वो घटनास्थल पर पहुँच कर उसे छुड़ा कर लाए थे। श्रवण का ये भी कहना था कि पीड़ित और आरोपित, दोनों ही पक्ष मामले में किसी भी प्रकार की पुलिस कार्रवाई नहीं चाहते।
मुखिया ने बताया कि चकहबीब में जो भी माहौल बना था उसमें उनकी प्राथमिकता सबसे पहले राजू को बचा कर लाना थी। श्रवण ने हमें बताया कि घटना के बाद विभूतिपुर थाने के स्टाफ गाँव में पूछताछ के लिए आए थे। उनके मुताबिक, तब राजू को उसके ही घर वालों ने डर से घर में रहने के लिए कह दिया था जिसके चलते उस से पूछताछ नहीं हो पाई थी। राजू के कहीं चले जाने की खबरों को भी मुखिया श्रवण ने अफवाह बताया और कहा कि वो अपने घर में ही है।
मेरा पति नहीं, कैसे लड़ पाएंगे मुकदमा
ऑपइंडिया ने पीड़ित राजू पासवान की माँ मंजू देवी से बात की। राजू की माँ ने बताया कि उनका बेटा और लड़की दोनों एक ही कोचिंग में पढ़ते थे और घटना के दिन लड़की ने खुद ही राजू से खुद को गाँव छोड़ कर आने के लिए कहा था। दोनों के बीच प्यार-मोहब्बत की बातों को पीड़ित की माँ ने परिचय और दोस्ती करार दिया। राजू की माँ ने हमें बताया कि उनका बेटा अभी नाबालिग है और उसके पिता की पूर्व में हो चुकी है।
अपने बेटे के साथ हुए अमानवीय कृत्य को गलत बताते हुए मंजू देवी ने कहा कि वो कोई भी कानूनी कार्रवाई नहीं चाहती हैं क्योंकि उनके घर में कोई मुकदमे आदि की पैरवी के लिए नहीं है। राजू की माँ मंजू देवी के मुताबिक भी राजू कहीं नहीं गया है और वो अपने घर पर है।