Friday, April 26, 2024
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PM मोदी पर भड़ास से खुश, खालिस्तानी भिंडरावाले और पन्नू की आलोचना से भड़का संयुक्त किसान मोर्चा: मनसा को किया निलंबित

जब तक मनसा ने केंद्र और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बयानबाजी की, तब तक सभी ठीक थे, लेकिन जैसे ही उन्होंने आतंकवादियों के खिलाफ बोला तो उससे सिख समूह 'आहत' हो गया। मनसा ने अपना भाषण के 9 मिनट 30 सेकेंड तक पीएम मोदी के खिलाफ बात की तो वो सही था, लेकिन केवल 45 सेकेंड...

किसान आंदोलन में भाषण के दौरान पंजाब किसान यूनियन के अध्यक्ष रूलदू सिंह मनसा को अपनी स्पीच के दौरान खालिस्तानी आतंकी जरनैल सिंह भिंडरावाले की आलोचना करना महँगा पड़ गया। 25 जुलाई 2021 को एक्शन लेते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने रुलदू सिंह मनसा को 15 दिनों के लिए निलंबित कर दिया है। उन्होंने भाषण के दौरान प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस के मुखिया गुरुपतवंत सिंह पन्नू पर सिख युवाओं का ब्रेनवॉश करने का आरोप लगाया था।

दरअसल, मनसा के बयान पर पंजाब के 32 सिख समूहों ने आपत्ति जताई थी, जिसके बाद मनसा के खिलाफ यह कार्रवाई की गई। मनसा पर सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुँचाने का आरोप लगाया गया था। यूनियन लीडर हरिंदर सिंह लखोवाल ने 32 सिख समूहों की बैठक की अध्यक्षता की और जगजीत सिंह दल्लेवाल ने संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक की अध्यक्षता की थी।

कुंडली सीमा पर पत्रकारों से बात करते हुए दल्लेवाल ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के मंच से मनसा ने जो भाषण दिया था, उससे सिखों की भावनाएँ आहत हुई हैं और ये हमारे संगठन की नीतियों के खिलाफ है। वहीं लखोवाल ने रूलदू सिंह के भाषण को सिखों और बलिदानियों के खिलाफ बताया था। इसी के बाद मनसा पर 15 दिनों के लिए किसी भी मंच से कोई भी बयान देने पर प्रतिबंध लगा दिया गया।

भिंडरावाले और एसएफजे के पन्नू के खिलाफ मनसा का भाषण

रिपोर्ट के मुताबिक, रूलदू सिंह मनसा ने 21 जुलाई 2021 को प्रदर्शनकारी किसानों को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने विरोध प्रदर्शनों में खालिस्तानी ताकतों के घुसपैठ को लेकर बात की थी। हालाँकि, उन्होंने जरनैल सिंह भिंडरावाले या खालिस्तान आंदोलन का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका भाषण स्पष्ट रूप से खालिस्तानियों के खिलाफ था।

मनसा ने कहा था, “वे अमेरिका में बैठे हैं। मैं उन्हें सरकार द्वारा किराए पर लिए गए कुत्ते कहूँगा। ये भौंकते ही रहते हैं, लेकिन हम जानते हैं कि कैसे (अमृतसर) वहाँ बैठा एक कुत्ता पंजाब में युवाओं को भड़का रहा है। इनके उकसावे के कारण ही हमारे 25,000 युवा पुलिस के हाथों बलिदान हो गए। अब पन्नू नाम का यह कुत्ता ये करो, वो करो भौंक रहा है। एक और है हमेशा किसान नेताओं के खिलाफ बोलता है। मेरे दोस्तों आपकी कमाई डॉलर क्यों है? यहाँ आओ, ताकि तुम इस युद्ध की हकीकत जान सको। विदेश में बैठकर सुझाव देना आसान है।”

खास बात यह है कि जब तक मनसा ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बयानबाजी की, तब तक सभी ठीक थे, लेकिन जैसे ही उन्होंने आतंकवादियों के खिलाफ बोला तो उससे सिख समूह ‘आहत’ हो गया। मनसा ने अपना भाषण के 9 मिनट 30 सेकेंड तक केंद्र सरकार और पीएम मोदी के खिलाफ बात की तो वो सही था, लेकिन केवल 45 सेकेंड ही उन्होंने इन आतंकियों के खिलाफ बात की तो संयुक्त किसान मोर्चा को उससे दिक्कत हो गई। अपने भाषण के दौरान मनसा अपने भाषण के दौरान केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को भड़काते रहे, जबकि ये कानून किसानों को बेहतर बुनियादी ढाँचा और उपज बेचने के अधिक विकल्प प्रदान करने के लिए लाए गए हैं।

भाषण के दौरान मनसा ने लोगों से जमीनों को बचाने की अपील करते हुए आरोप लगाया कि नए कानून से किसानों की जमीन छीन ली जाएगी। हकीकत में यह कानून किसानों की भूमि को डिपोजिट के तौर पर शामिल किए बिना ही कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की शक्ति देता है। इसके साथ ही मनसा ने उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के खिलाफ लड़ने की भी बात की। साथ ही पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनावों में किसान नेताओं के चुनाव लड़ने को लेकर भी संकेत दिया।

किसान आंदोलन

केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल सितंबर 2020 में पारित किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठन नवंबर 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। इन विरोध प्रदर्शनों से न केवल दिल्ली, बल्कि आस-पास के राज्यों में व्यापारियों को करोड़ों का नुकसान हुआ है। गणतंत्र दिवस पर दंगे हुए। उन दंगों में 300 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हुए थे। अब एक बार फिर से इन कथित प्रदर्शनकारी किसानों स्वतंत्रता दिवस पर किसी भी मंत्री को तिरंगा नहीं फहराने और 15 अगस्त को हरियाणा में ट्रैक्टर रैली करने की धमकी दी है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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