तृणमूल कॉन्ग्रेस के नेता शेख शाहजहाँ को 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। गिरफ्तारी के तुरंत बाद शेख के वकील जमानत के लिए हाईकोर्ट पहुँचे और मामले की तत्काल सुनवाई का आग्रह किया, लेकिन कोर्ट ने नकार दिया और कहा कि उसे गिरफ्तार रहने दो। ऐसे आदमी से कोई हमदर्दी नहीं है। इससे पहले हाई कोर्ट ने शेख को 7 दिनों में गिरफ्तार करने का आदेश दिया था।
लगभग 55 दिनों से फरार शेख को बंगाल पुलिस ने गुरुवार सुबह नॉर्थ 24 परगना के मीनाखान इलाके से गिरफ्तार किया था। पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के यौन शोषण और जमीन कब्जाने के आरोप हैं। हालाँकि, उसकी गिरफ्तारी संदेशखाली में महिलाओं के उत्पीड़न मामले में नहीं, बल्कि जनवरी में उसके समर्थकों द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम पर किए गए हमले के मामले में हुई है।
जिला परिषद प्रधान शेख शाहजहाँ की गिरफ्तारी की बाद उसकी ओर से पेश वकील ने हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ से संपर्क किया। वकील ने कहा कि शेख की अग्रिम जमानत के लिए उसकी याचिका का अभी निपटारा किया जाना बाकी है। वकील ने दलील दी कि याचिका बेहद जरूरी है नियमित जमानत के लिए इसे तुरंत सूचीबद्ध किया जाए।
शाहजहाँ के वकील को देखकर बेंच ने कहा, “आइए, आपका इंतजार है।” बेंच ने दलील सुनने के बाद कहा, “उसे गिरफ्तार ही रहने दिया जाए। अगले 10 वर्षों तक यह व्यक्ति आपको बहुत व्यस्त रखेगा। आपके पास किसी और काम के लिए समय नहीं होगा। उसके खिलाफ 42 मामले दर्ज किए गए हैं। वह फरार भी रहा है। आपको जो भी चाहिए, आप सोमवार को आएँ। हमें उस व्यक्ति से कोई सहानुभूति नहीं है।”
साउथ बंगाल के ADG सुप्रतिम सरकार ने कहा कि वह 5 जनवरी को ED अधिकारियों पर हुए हमले के मुख्य आरोपितों में शामिल था। उसे इसी मामले में गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि इस गिरफ्तारी में सेक्शुअल असॉल्ट का कोई मामला नहीं है। उसके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए हैं। कुछ दिन पहले दर्ज हुए मामले 2-3 साल पहले की घटनाओं के हैं। उसकी जाँच में समय लगेगा।
इससे पहले भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बंगाल पुलिस ने शाहजहाँ को अपनी सेफ कस्टडी में लिया है। प्रभावशाली मध्यस्थों के माध्यम से पुलिस के साथ समझौते के बाद उसे बरमजुर-2 ग्राम पंचायत से दूर ले जाया गया है। उन्होंने कहा था कि पुलिस ने ऐसा इसलिए किया, ताकि उसकी पुलिस और न्यायिक हिरासत के दौरान उचित देखभाल की जा सके।
अपने ट्वीट में उन्होंने कहा था, “सलाखों के पीछे रहने के दौरान उसे 5 सितारा सुविधाएँ दी जाएँगी और उसके पास एक मोबाइल फोन भी होगी। इसके माध्यम से वह ‘तोलामूल पार्टी’ का नेतृत्व करने में सक्षम होगा। यहाँ तक कि वुडबर्न वार्ड में एक बिस्तर भी उसके लिए तैयार और खाली रखा जाएगा, ताकि वह चाहे तो वहाँ कुछ समय बिता सके।”
शाहजहाँ शेख की गिरफ्तारी के बाद संदेशखाली की महिलाएँ जश्न मना रही हैं। वे एक-दूसरे को गुलाल लगा रही हैं और मिठाई खिला रही हैं। दरअसल, सुंदरबन के टापू पर बसे संदेशखाली में महिलाओं ने शेख पर यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोप लगाए थे। महिलाओं का कहना है कि शाहजहाँ जिस महिला को चाहे उसे अपनी हवस का शिकार बनाता था। इससे पहले शाहजहाँ शेख के घर पर ED ने राशन घोटाला मामले में रेड डाली थी। तब से वह फरार है।