सुदर्शन टीवी इन दिनों अपने ‘यूपीएससी जिहाद’ शो को लेकर सुर्खियों में है। वहीं अब दलित कार्यकर्ता संजीव नेवार ने शीर्ष अदालत में सुदर्शन टीवी मामले में इंटरवेंशन याचिका दायर करने की बात बुधवार (23 सितंबर, 2020) को ट्विटर के जरिए कही है। उन्होंने कहा कि चैनल पर ‘लाइव शो के दौरान उनकी टिप्पणियों की गलत व्याख्या की गई। इतना ही नहीं शो के प्रसारण के खिलाफ दायर याचिका में उनकी टिप्पणी को ‘हेट स्पीच’ और ‘फेक सूचना’ करार दिया गया।
I am filing an intervention petition in SC in @SudarshanNewsTV case since the definition of Zakat as reproduced by me in show from Islamic texts has been portrayed as #HateSpeech and Fake Information. Would like to ask if these texts are hate speech. My advocate is @shashank_ssj.
— Sanjeev Newar संजीव नेवर (@SanjeevSanskrit) September 23, 2020
संजीव ने ट्वीट किया, “मैं सुदर्शन न्यूज टीवी मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक इंटरवेंशन याचिका दायर कर रहा हूँ क्योंकि ज़कात की परिभाषा के अनुसार मेरे द्वारा प्रस्तुत की गई इस्लामिक जानकारी को ‘हेट स्पीच’ और ‘फर्जी जानकारी’ के रूप में प्रदर्शित किया गया है। मैं यह पूछना चाहता हूँ कि क्या कि क्या ये टेक्स्ट हेट स्पीच है।” उन्होंने यह भी बताया, “मेरे वकील शशांक शेखर झा हैं।”
Similarly, my concern over Rohingya infiltration as reproduced from government statements has also been classified as hate speech.
— Sanjeev Newar संजीव नेवर (@SanjeevSanskrit) September 23, 2020
उन्होंने यह भी बताया कि कैसे देश में रोहिंग्याओं की घुसपैठ के खतरे के बारे में उनकी टिप्पणियों को भी ‘हेट स्पीच’ के रूप में करार दिया गया था। संजीव नेवार ने लिखा, “इसी तरह रोहिंग्या घुसपैठ पर मेरी चिंता को भी जो कि सरकारी बयानों पर आधारित है, उसे भी हेट स्पीच के रूप में वर्गीकृत किया गया है।”
गौरतलब है कि इससे पहले लेखक और एक्टिविस्ट मधु पूर्णिमा किश्वर ने भी बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय में एक हस्तक्षेप (इंटरवेंशन) याचिका दायर करने की जानकारी ट्विटर के जरिए दी थी। उन्होंने बताया है कि कोर्ट में उनके बयान का गलत अनुवाद करके उसे हेट स्पीच के सबूत की तरह पेश किया गया।
अपने ट्विटर पर मधु पूर्णिमा किश्वर लिखती हैं, “सुदर्शन टीवी के शो यूपीएससी जिहाद में डिबेट के दौरान मेरी टिप्पणी के छोटे से हिस्सा का बेहूदा अनुवाद करके, कोर्ट में हेटस्पीच के सबूत के तौर पर पेश किए जाने के बाद मैंने सुप्रीम कोर्ट में एक हस्तक्षेप याचिका दायर की है।”
उल्लेखनीय है कि 28 अगस्त को प्रसारित होने वाले एक कार्यक्रम के प्रोमो को प्रसारित करने के बाद हिंदी समाचार चैनल सुदर्शन न्यूज को लोगों की नाराजगी का सामना करना पड़ा। दरअसल, सुदर्शन न्यूज के मुख्य संपादक सुरेश चव्हाणके ने जानकारी दी थी कि चैनल देश में प्रशासनिक और पुलिस सेवाओं में विभिन्न पदों पर चुने गए समुदाय की संख्या में अचानक वृद्धि का विश्लेषण करेगा। साथ ही इस बात की भी जानकारी दी जाएगी कि कैसे अन्य लोगों की तुलना में मजहब विशेष के उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त अंकों में वृद्धि हुई है।
जिसके बाद प्रोमो को लेकर मजहबी कार्यकर्ता उत्तेजित हो गए और उन्होंने प्रसारण को रोकने के लिए कई मामले दायर किए। जिस पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस शो के प्रसारण पर रोक लगा दी। वहीं सूचना मंत्रालय और प्रसारण ने शो को प्रसारित करने का संकेत दे दिया। हालाँकि, बाद में सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश पारित कर कार्यक्रम के प्रसारण को रोक दिया।