पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। महाराष्ट्र पुलिस के ही एक इंस्पेक्टर भीमराव घडगे की शिकायत पर उनके खिलाफ SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। एफआईआर विदर्भ के अकोला जिले में दर्ज की गई है। पुलिस इंस्पेक्टर भीमराव घडगे की शिकायत पर परमबीर सिंह, डीसीपी पराग मनेरे और 31 अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
VIDEO | मुंबईचे माजी पोलीस आयुक्त परमबीर सिंग यांच्यावर अकोल्यात गुन्हा दाखल https://t.co/bxZV7rHAuk #parambirsingh
— TV9 Marathi (@TV9Marathi) April 29, 2021
रिपोर्ट्स के मुताबिक, परमबीर और अन्य पुलिसकर्मियों पर 27 धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई है। इनमें आपराधिक षड्यंत्र, सबूतों को नष्ट करने और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम), 1989 भी शामिल हैं। अकोला पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज कर केस ठाणे शहर पुलिस को हस्तांतरित कर दिया है।
इंस्पेक्टर घडगे ने अपनी शिकायत में सिंह और अन्य अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाए हैं। यह मामला तब का है जब वे ठाणे पुलिस में तैनात थे। घडगे 2015-2018 तक ठाणे पुलिस कमिश्नरेट में तैनात थे। उनका आरोप है कि इस दौरान परमबीर सिंह के अधीन कई अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त था। उन्होंने यह भी दावा किया है कि सिंह ने उनसे कुछ ऐसे लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं करने को कहा था, जिन पर एफआईआर दर्ज थी। घडगे का आरोप है कि पिछड़ी जाति के होने के कारण उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया।
घडगे फिलहाल अकोला पुलिस नियंत्रण कक्ष में तैनात हैं। उनका आरोप है कि परमबीर सिंह के निर्देशों को मानने से इनकार करने पर उनके खिलाफ पाँच प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें निलंबित कर दिया गया। अपने आरोपों को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्य के गृहमंत्री को पत्र भी लिख है।
CBI has registered an FIR against former Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh and others in connection with allegations made by former Mumbai Police Commissioner Param Bir Singh. CBI is conducting searches at various places
— ANI (@ANI) April 24, 2021
गौरतलब है कि मुंबई पुलिस कमिश्नर पद से हटाए जाने के बाद परमबीर सिंह ने सीएम उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा था। इसमें उस समय राज्य के गृहमंत्री रहे अनिल देशमुख पर निलंबित इंस्पेक्टर सचिन वाजे के जरिए वसूली का आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया था कि देशमुख ने वाजे को सौ करोड़ रुपए की वसूली का टारगेट दे रखा था। शुरुआत में टालमटोल के बाद बाद देशमुख को इन आरोपों के कारण इस्तीफा देना पड़ा था। पिछले दिनों सीबीआई ने इस मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। वहीं वाजे इस समय एंटीलिया बम केस में एनआईए की गिरफ्त में है।