सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या मामले पर ऐतिहासिक फैसला सुनाए जाने के बाद बाबरी मस्जिद पक्षकार इकबाल अंसारी का बड़ा बयान आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अंसारी ने मस्जिद के लिए मिलने वाली 5 एकड़ जमीन पर स्कूल या अस्पताल खोलने की बात कही है। उन्होंने कहा, “अगर सरकार हमें जमीन देती है तो हम वहाँ पर स्कूल या फिर अस्पताल बनवाएँगे।”
इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा है कि कोर्ट के फैसले के बाद हिंदू-मुस्लिम के बीच पैदा हुई नफरत खत्म हो गई हैं। इसलिए अब वे नहीं चाहते कि हिंदुस्तान में माहौल में बिगड़े।
न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, इकबाल अंसारी ने उनसे बातचीत में बताया कि उन्होंने पहले ही कहा था कि कोर्ट जो भी फैसला करेगी, वह उसका सम्मान करेंगे। उन्हें कोर्ट ने मस्जिद के लिए जमीन दी है। लेकिन कहाँ दी है, उन्हें ये नहीं मालूम।
उनके मुताबिक अगर जमीन पर विचार करने के लिए उन्हें बुलाया जाएगा तो वह इस पर अपनी रणनीति जरूर बताएँगे। इसके अलावा उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दोनों मजहबों के बीच नफरत जो पैदा हुई थी वो खत्म हो गई है। वह नहीं चाहते कि आगे किसी भी कारणवश दोनों समुदायों के बीच नफरत हो।
अंसारी ने कहा कि देश में मोदी और राज्य में योगी की सरकार है। इस बीच देश में अमन शांति रही है, वैसे ही आगे भी रहेगी। उनके अनुसार सरकार उन्हें कोर्ट के आदेशानुसार जमीन देती है तो वह उस पर स्कूल और हॉस्पिटल बनवाएँगे।
उन्होंने अपनी बातचीत में स्पष्ट कहा, “हम चाहते हैं कि इसमें अब कोई नया मोड़ ना आए। हिंदुस्तान में कोई अफरा-तफरी का माहौल ना हो। हम सरकार से माँग करेंगे कि हमें मदरसा बना कर दें।”
बता दें कि इससे पहले इकबाल अंसारी ही वह शख्स थे, जिन्होंने मुस्लिमों को दी जाने वाली जमीन पर माँग उठाई थी कि उन्हें उसी 67 एकड़ में जमीन चाहिए, जिसे 1991 में सरकार ने विवादित स्थल समेत अधिकृत किया था।
“अगर सरकार जमीन देना चाहती है तो हमें हमारी सुविधा के हिसाब से मिलनी चाहिए। आवंटित जमीन 67 एकड़ जमीन में से ही होनी चाहिए। तभी हम यह जमीन लेंगे। नहीं तो हम जमीन लेने की पेशकश को ठुकरा देंगे।”#RamMandirInAyodhya https://t.co/DdFe7Z6pfQ
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) November 12, 2019
इस दौरान अंसारी ने कहा था, “अगर वे हमें जमीन देना चाहते हैं, तो हमें हमारी सुविधा के मुताबिक दी जानी चाहिए और वह 67 एकड़ अधिग्रहित जमीन में से ही होनी चाहिए। तब हम यह लेंगे, अन्यथा हम इस पेशकश को ठुकरा देंगे, क्योंकि लोग कह रहे हैं चौदह कोस से बाहर जाओ और वहाँ मस्जिद बनाओ, यह उचित नहीं है। “