Sunday, December 22, 2024
Homeदेश-समाजआरक्षण विरोधी हैं वामपंथी, वो हिंसक और मुस्लिमों के ख़िलाफ़ हैं: शाहीन बाग़ का...

आरक्षण विरोधी हैं वामपंथी, वो हिंसक और मुस्लिमों के ख़िलाफ़ हैं: शाहीन बाग़ का मुख्य सरगना

"सीपीएम एक निहायती हिंसक पार्टी है। केरल और बंगाल के इतिहास को देखें तो बहुत कुछ पता चलेगा। सीपीएम मुस्लिम-विरोधी भी है। सीपीएम का इतिहास ही मुस्लिमों और आरक्षण के ख़िलाफ़ रहा है।"

शाहीन बाग़ कोआर्डिनेशन कमिटी का चेयरमैन और इस पूरे विरोध प्रदर्शन का साज़िशकर्ता शरजील इमाम ने देश के ‘टुकड़े-टुकड़े’ करने की ओर इशारा तो किया ही, साथ ही उसने लोगों को भड़काने के लिए पूरा ज़ोर लगाया। इमाम ने शाहीन बाग़ में प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए स्वीकार किया कि जेएनयू में लेफ्ट वालों ने एबीवीपी के छात्रों की पिटाई की थी। साथ ही उसने बड़ा आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने गुंडों के साथ मिल कर वामपंथी छात्रों की पिटाई की। उसने आरोप लगाया कि कश्मीरी छात्रों और मुस्लिमों को खोज-खोज कर निशाना बनाया गया।

इमाम ने एबीवीपी और सीपीएम, दोनों को ही बराबर रूप से निशाने पर लिया। उसने कहा, “सीपीएम एक निहायती हिंसक पार्टी है और वो एबीवीपी से जरा भी अलग नहीं है। केरल और बंगाल का इतिहास को देखें तो सीपीएम के बारे में बहुत कुछ पता चलेगा। सीपीएम के कारण आम छात्रों की पिटाई हुई। सीपीएम मुस्लिम-विरोधी है। सीपीएम का इतिहास ही मुस्लिमों और आरक्षण के ख़िलाफ़ रहा है।”

इमाम ने याद दिलाया कि वामपंथी मंडल आयोग के ख़िलाफ़ थे, उन्होंने कभी मुस्लिमों व पिछड़ों का साथ नहीं दिया। उसने कहा कि कॉन्ग्रेस ने भी ऐसा ही किया है। इमाम लोगों को ये समझा रहा था कि मुस्लिमों का दोस्त कौन है और दुश्मन कौन है? उसने सलाह दी कि एक मुस्लिम एक हिन्दू को अपने साथ ला सकता है, इससे विरोध करने वालों को कम्युनल का टैग नहीं लगेगा। लेकिन इसके लिए उसने जो शर्त रखी वो अजीबोगरीब थी – “ग़ैर-मुस्लिम मुस्लिमों की शर्तों पर प्रदर्शनकारियों के साथ खड़े हों और नारा-ए-तक़बीर लगाएँ। अगर ग़ैर-मुस्लिम ऐसा नहीं करते हैं तो इसका अर्थ है कि वो मुस्लिमों के हमदर्द नहीं हैं, उनका इस्तेमाल कर रहे हैं।”

शरजील इमाम के ऐसा कहते ही वहाँ उपस्थित लोग नारा-ए-तक़बीर चीखने लगे। लोगों ने ‘अल्लाहु अकबर’ के नारे के साथ उसके इस बयान का स्वागत किया। उसने कन्हैया कुमार से आग्रह किया कि अगर 5 लाख लोग मुस्लिमों के साथ आ जाएँ तो पूरा नॉर्थ-ईस्ट कट कर अलग हो जाएगा। बकौल इमाम, “उत्तर-पूर्वी भारत और असम को देश से काट कर अलग करना मुस्लिमों की जिम्मेदारी है। कन्हैया कुमार सिर्फ ‘इंकलाब’ का नारा लगवा के वापस आ जाता है, जिससे कुछ भी फायदा नहीं होता।”

वामपंथियों को शरजील इमाम ने बताया हिंसक

उसने आरोप लगाया कि कॉन्ग्रेस और लेफ्ट वाले भारत की पूजा करते हैं। उसने स्पष्ट कहा कि वो लोग भारत की सरकार और संविधान से परेशान हैं और इसी स्पष्टता के साथ ही विरोध आगे बढ़ सकता है। मुस्लिमों को संगठित होने पर वह बोला, “मैं शाहीन बाग़ में कॉन्ग्रेस के ख़िलाफ़ रोज़ बोलता हूँ। एनआरसी और सीएए के बारे में बहुत लोगों को नहीं पता। अगर मुस्लिम ख़ुद को बचा पाए, तभी ये देश बच पाएगा। मुस्लिम संगठित हों।”

‘अरेस्ट करने को पुलिस टीम भेज दी है’ – असम को भारत से काटने वाले ‘इमाम’ पर अलीगढ़ SSP का आदेश

सबसे बड़ा फासिस्ट था गाँधी, संविधान और कोर्ट मुस्लिमों का दुश्मन: शाहीन बाग़ का सपोला शरजील

‘हम असम को हिंदुस्तान से परमानेंटली काट देंगे’ – शाहीन बाग के ‘मास्टरमाइंड’ की खुलेआम धमकी, वीडियो Viral

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।

जिस संभल में हिंदुओं को बना दिया अल्पसंख्यक, वहाँ की जमीन उगल रही इतिहास: मंदिर-प्राचीन कुओं के बाद मिली ‘रानी की बावड़ी’, दफन थी...

जिस मुस्लिम बहुल लक्ष्मण गंज की खुदाई चल रही है वहाँ 1857 से पहले हिन्दू बहुतायत हुआ करते थे। यहाँ सैनी समाज के लोगों की बहुलता थी।
- विज्ञापन -