सीएए और एनआरसी का विरोध करते-करते पूर्वोत्तर को भारत से अलग करने की बात कहने वाले शरजील के खिलाफ चार्जशीट अंततः दाखिल कर दी गई। दिल्ली पुलिस ने यह चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने शरजील को देशद्रोही भाषण देने और दंगे उकसाने के लिए आरोपित बनाया है।
शरजील पर 13 दिसंबर 2019 को जामिया में देशद्रोही भाषण देने और दंगे भड़काने का आरोप है। उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 124 ए और 153 ए के तहत केस दर्ज किया गया था।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ में भड़काऊ भाषण देने के मामले में दिल्ली पुलिस ने शरजील को 28 जनवरी को बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया था। शरजील भड़काऊ भाषण देने के मामले में राजद्रोह का मामला दर्ज किए जाने के बाद से फरार था। दिल्ली पुलिस ने शरजील के खिलाफ 25 जनवरी को मामला दर्ज किया था।
चर्चा में क्यों आया शरजील?
एक ऑडियो क्लिप में शरजील इमाम को यह कहते हुए सुना गया कि असम को भारत के शेष हिस्से से काटना चाहिए और सबक सिखाना चाहिए क्योंकि वहाँ बंगाली हिंदुओं और मुस्लिम दोनों की हत्या की जा रही है या उन्हें निरोध केंद्रों में रखा जा रहा है। उसने यह भी कहा था कि अगर वह पाँच लाख लोगों को एकत्रित कर सकें, तो असम को भारत के शेष हिस्से से स्थायी रूप से अलग किया जा सकता है। अगर स्थायी रूप से नहीं तो कम से कम कुछ महीनों तक तो किया ही जा सकता है। भारत के ‘टुकड़े-टुकड़े’ करने की बात करते हुए शरजील ने कहा था कि ‘चिकेन्स नेक’ वाले क्षेत्र को ब्लॉक कर के पूरे उत्तर-पूर्व को शेष भारत से अलग-थलग कर देने का लक्ष्य होना चाहिए।
शाहीन बाग का मास्टरमाइंड शरजील इमाम भारत को इस्लामिक मुल्क बनाना चाहता है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक वह कट्टरपंथ से बहुत ज्यादा प्रभावित है। पुलिस की पूछताछ में उसने कबूल किया था कि उसके अलग-अलग भाषणों के वीडियो के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है और न ही उसे अपनी गिरफ्तारी पर कोई पछतावा है। उसने मस्जिदों में भड़काऊ पर्चे बँटवाए थे। उसने सीएए और एनआरसी को लेकर कई पैम्पलेट तैयार किए थे, जिनमें भयभीत करने वाली भड़काऊ बातें लिखी हुई थी।
कौन है शरजील इमाम?
शरजील इमाम बिहार के जहानाबाद का रहने वाला है। वह जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर हिस्टोरिकल स्टडीज का छात्र है। शरजील की फेसबुक प्रोफाइल के मुताबिक, वह आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस में पोस्ट ग्रैजुएशन भी कर चुका है।