स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन (SIO) के सदस्य और जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र आसिफ तन्हा को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
आसिफ तन्हा पर आरोप है कि वह नागरिक संशोधन कानून (CAA) और NRC के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन में सक्रिय रूप से शामिल था। बताया जा रहा है कि आसिफ की गिरफ्तारी से एक दिन पहले उसे पूछताछ के लिए बुलाया गया था।
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ रविवार (दिसंबर 15,2019 ) को जामिया नगर इलाके में भड़की हिंसा को लेकर पुलिस ने पिछले साल दिसंबर में एफआईआर दर्ज की थी। जिसमें आसिफ तन्हा को भी आरोपित बनाया गया था।
यह FIR जामिया थाने के एसएचओ उपेंद्र सिंह ने दर्ज कराई थी। आरोपितों के खिलाफ आईपीसी की 13 धाराएँ लगाई गई थी। जिसमें आईपीसी की धारा- 143/ 147/ 148/ 149/ 186/ 353/ 332/ 308/427/435/ 323/341/120बी/34 के अलावा प्रिवेंशन ऑफ डेमेज टु पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट, 3/4 1984 शामिल है।
FIR में कहा गया था कि सभी प्रदर्शनकारियों ने मथुरा रोड को ब्लॉक कर दिया और हिंसक हो गए। उन्होंने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाना शुरू कर दिया और कई डीटीसी बसों में आग लगा दी गई।
उन्हें शांत करने के लिए कहा गया, लेकिन उन्होंने नारे लगाने शुरू कर दिए और परिसर के गेट 4, 7 और 8 को अवरुद्ध कर दिया।
एसएचओ उपेंद्र सिंह ने FIR में आगे बताया, हमने उनसे रास्ता खाली करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाना और पथराव करना शुरू कर दिया। पुलिस ने इस पूरी घटना में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए केवल 75 आँसू गैस के गोले दागे। इसके बाद विश्वविद्यालय परिसर के भीतर से पथराव शुरू कर दिया गया।
स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन ने हाल ही में देश भर में फैलाए गए CAA दंगों में प्रमुख भूमिका निभाई थी। इस संस्था के सचिव बरखा दत्त की जिहादन ‘हिरोइन’ लदीदा के पति शियास पेरुमथुरा हैं। वही लदीदा, जिसने दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया में विरोध के दौरान इन दोनों ने ‘जिहाद’ का आह्वान किया था, जिसके बाद यह विरोध-प्रदर्शन हिंसक हो गया था।
लदीदा ने अपने एक पोस्ट में खुले तौर पर ’जिहाद’ का आह्वान किया था और कहा था कि लोगों को “हमारे जिहाद के बारे में सीखना चाहिए।” अप्रैल 2018 से उसकी एक अन्य पोस्ट में वह भारत को ‘मिडिल फिंगर’ दिखाते हुए देश का अपमान करती हुई नजर आई थी।
बता दें कि 1981 में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) से अलग होने के बाद 1982 में जमात-ए-इस्लामी द्वारा SIO की स्थापना की गई थी।
गौरतलब है कि SIO महाराष्ट्र के प्रमुख सलमान अहमद को दिल्ली में हिंदू विरोधी दंगों से पहले फरवरी में नांदेड़ में एक CAA विरोधी सभा के दौरान भड़काऊ टिप्पणी करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था।