उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के डासना इलाके स्थित एक देवी मंदिर में एक बच्चे की पिटाई का वीडियो वायरल करते हुए दावा किया गया था कि पानी पीने के कारण उसके साथ ऐसा किया गया। लेकिन, स्थानीय लोग कुछ और ही सच्चाई बताते हैं। इस विषय पर अखिल भारतीय संत परिषद के राष्ट्रीय संयोजक और शिव शक्ति धाम डासना के संत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने ‘The Quint’ को इस पूरे मामले पर आईना दिखाया।
दरअसल, मंदिर के बाहर एक बोर्ड लगा है, जिस पर लिखा है कि यहाँ मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित है। यति नरसिंहानंद सरस्वती ने मुस्लिमों की बढ़ती जनसंख्या पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इस क्षेत्र में 95% मुस्लिम हैं और हिन्दू मात्र 5% बचे हैं। उन्होंने कहा कि इस मंदिर में आसपास के कई गाँवों के लोगों की श्रद्धा है और बड़ी संख्या में बहू-बेटियाँ दर्शन के लिए आती हैं, जिनके साथ ‘मुस्लिम गुंडे’ छेड़खानी करते हैं।
उन्होंने कहा कि अगर कोई हिन्दू लड़का इस तरह की हरकत करता है तो परिवार उसे डाँटता है और चेतावनी देता है, लेकिन मुस्लिमों के मामले में ऐसा नहीं है और जब उनके युवकों की छेड़खानी की शिकायत लेकर उनके परिजनों के पास विरोध दर्ज कराया जाता था तो मुस्लिम समाज के कई लोग उसके बचाव में आ जाते थे, जिनमें कई बुजुर्ग भी होते थे। उन्होंने बताया कि इन्हीं चीजों से परेशान होकर ‘मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित’ वाला बोर्ड लगाया गया।
उन्होंने पूछा कि जब मंदिर के बाहर नल है, सड़क पार करने पर नल है और पास ही स्थित पंचायत भवन में पानी पीने की सार्वजनिक व्यवस्था है, फिर भी वो लड़का मंदिर के भीतर पानी पीने क्यों आया? ‘The Quint’ वालों ने ये पूछ कर यति नरसिंहानंद सरस्वती पर निशाना साधना चाहा कि उस लड़के को पढ़ने-लिखने नहीं आता था और वो बोर्ड पढ़ नहीं पाया। इस पर यति ने पूछा कि 14-15 वर्ष के लड़के को क्या पढ़ना नहीं आता?
उन्होंने कहा कि जब ऐसा तो फिर इतनी बड़ी संख्या में पैदा ही क्यों किए जा रहे हैं? उन्होंने जानकारी दी कि उनके महंत रहते इस मंदिर में 4 बार डकैती की घटनाएँ हो चुकी हैं। उन्होंने ‘The Quint’ वालों से पूछा कि क्या उन डकैतियों के वक़्त वो लोग यहाँ इंटरव्यू लेने आए? उन्होंने बताया कि उनसे पहले यहाँ जितने भी महंत रहे, उन्हें या तो पीट कर भगा दिया गया या मार डाला गया। उन्होंने पूछा कि तब ख़बरें प्रकाशित की गईं क्या?
यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि स्थानीय ही नहीं बल्कि वो दुनिया के सभी मुस्लिमों का यहाँ स्वागत करते हैं, वो आएँ और महादेव व माता के विधि-विधानों के हिसाब से पूजा करें। उन्होंने कहा कि वो अपने मस्जिद में हमें हवन-यज्ञ करने के लिए आमंत्रित करें। लेकिन, साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी बहन-बेटियों के साथ छेड़खानी करने के लिए, हिन्दू प्रतिमाओं को अपमानित करने के लिए और उनकी रेकी कर के हत्या की साजिश के लिए कोई आएगा, तो ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि वो 24 घंटे खतरे में जी रहे हैं क्योंकि PFI से उन्हें धमकियाँ मिलती रहती हैं व स्थानीय मुस्लिमों ने पंचायत कर के उनकी हत्या का फरमान सुनाया है। उन्होंने बताया कि जब उनकी हत्या में वो असफल रहे तो गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र के डासना इलाके में दूधिया पीपल गाँव में भाजपा के स्थानीय मंडल अध्यक्ष बीएस तोमर की हत्या कर दी गई। उन्होंने पूछा कि CCTV कैमरे के सामने, पूरी दुनिया के सामने हुई इस वारदात पर ‘The Quint’ ने कोई वीडियो या डॉक्यूमेंट्री बनाई? उन्होंने कहा:
“मुझे बड़ा दुःख होता है जब आप (‘The Quint’ जैसे मीडिया संस्थान) कुछ घटनाओं को पकड़ कर हिन्दुओं को बदनाम करने के लिए कैमरा लेकर मंदिरों तक पहुँच जाते हैं, लेकिन सच्ची घटनाओं पर कभी ध्यान नहीं देते। आप कहते हैं ये छोटी घटना नहीं है। कौन सा चोर पकड़े जाने के बाद कहता है कि वो चोरी करने आया था? हमें इस परिसर में पत्रकार और सरकारी अधिकारी से लेकर कोई भी व्यक्ति मुस्लिम नहीं चाहिए। इलाके के एक-एक बच्चे को ये पता है। यहाँ आपको जो इतनी बंदूकें दिख रही हैं, वो मुस्लिमों के डर से हैं। हमें एक-एक रुपया भीख से लाना पड़ता है। जान की सुरक्षा के लिए बॉडीगार्ड्स रखने पड़ते हैं। पिछले वर्ष यहाँ के विधायक असलम चौधरी का बेटा मंदिर में लड़की छेड़ रहा था, जिसकी पिटाई हुई थी। वो भी नाबालिग था। तब ‘The Quint’ या ‘The Wire’ आया क्या?”
महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि पुलिस ने दबाव डाल कर समझौता कराया। उन्होंने कहा कि ये सनातन धर्म को मानने वालों का मंदिर है। इसके बाद उन्होंने बताया कि इस मामले में हिरासत में लिए गए आरोपित उनके बच्चे हैं और उनके लिए वो कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि वो मंदिर के सम्मान, धर्म की रक्षा और हिन्दुओं के लिए अंतिम साँस तक लड़ेंगे। उन्होंने पूछा कि ‘The Quint’ और ‘The Wire’ जैसे चैनल उनके पीछे क्यों पड़े हुए हैं?
उन्होंने कहा कि मीडिया के फर्जी लोग, जिन्हें विदेश से और इस्लामी संस्थाओं से फंडिंग मिलती है, वो बिना मतलब इस मंदिर को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने पूछा कि जब हम तुम्हारे मस्जिदों में नहीं जा रहे और लड़कियों को नहीं छेड़ रहे, फिर हमने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है कि हमारे मंदिर को बदनाम कर रहे हो? उन्होंने कहा कि जिसकी पिटाई हुई वो बच्चा नहीं था, डॉक्टर तोमर को भी नाबालिगों ने ही मारा था, यहाँ नाबालिग हत्याएँ करते हैं।
बता दें कि मंदिर के पुजारी ने कहा था कि मुस्लिम बच्चे को गलत तरीके से पीड़ित के तौर पर दिखाया जा रहा है। उन्होंने कहा था कि आसिफ मंदिर में पानी पीने नहीं आया था। ये लोग मंदिर में आकर हिंदू लड़कियों से छेड़खानी करते हैं और मूल्यवान चीजें चोरी कर लेते हैं। उन्होंने कहा कि वह सिर्फ देखने में बच्चा लगता है, लेकिन उसके अंदर जो पलता है, उसके दिमाग में जो भरा जाता है, वह बच्चों का खेल नहीं है।