वाराणसी में स्थित उदय प्रताप कॉलेज के बाहर छात्रों के बड़े समूह ने अवैध रूप से मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन किया है। यूपी कॉलेज की जमीन पर बनी इस मस्जिद पर वक्फ बोर्ड अपना दावा ठोंक रहा था। कॉलेज कैम्पस के बाहर छात्र इसके खिलाफ जुटे और वह मस्जिद को हटाए जाने की माँग कर रहे हैं।
शुक्रवार (6 दिसम्बर, 2024) को सैकड़ों छात्रों ने यूपी कॉलेज के बाहर भगवा झंडे लेकर प्रदर्शन किया। इन्होने माँग की कि यहाँ जुमे की नमाज अदा करने के लिए इकट्ठा हुआ नमाजियों को रोका जाए। छात्रों ने कहा कि अगर नमाजी यहाँ पर नमाज अदा करेंगे तो वह भी हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे।
इन छात्रो में बड़े छात्र नेता भी शामिल हैं। उन्होंने भगवा झंडों के साथ यूपी कॉलेज के बाहर प्रदर्शन किया। छात्रों ने कहा कि मस्जिद कमिटी के पास यूपी कॉलेज की जमीन का कोई भी मालिकाना हक़ नहीं है, इसके बाद भी वह यहाँ नमाज पढ़ने पर अड़े हुए हैं। गुस्साए छात्रों ने इस कॉलेज के बाहर लगाई गई पुलिस की बैरीकेडिंग तोड़ दी।
इससे पहले भी मंगलवार (3 दिसम्बर, 2024) को भी यूपी कॉलेज के भीतर छात्रों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया था। तब भी छात्रों की पुलिस से झड़प हुई थी। कई छात्रों को इस दौरान पुलिस हिरासत में लिया था। वहीं पुलिस ने मस्जिद को लेकर भड़काऊ बयान पर मुख्तार अहमद, गुलाम रसूल समेत 12 लोगों पर FIR दर्ज की है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश वक्फ बोर्ड ने यूपी कॉलेज की जमीन पर अपना दावा ठोंका था। यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सहायक सचिव आले अतीक ने वक्फ एक्ट 1995 के तहत 2018 में कॉलेज प्रबंधक को नोटिस भेजा।
नोटिस में वसीम अहमद निवासी भोजूबीर तहसील सदर, वाराणसी ने कहा है कि ग्राम छोटी मस्जिद नवाब टोक मजारात हुजरा उदय प्रताप कॉलेज भाेजूबीर की संपत्ति कॉलेज के नियंत्रण में है। इसे सुन्नी बोर्ड कार्यालय में पंजीकृत कराया जाए। नोटिस में आगे कहा गया कि 15 दिनों में जवाब दें। इसके बाद कॉलेज प्रबंधन की बात नहीं सुनी जाएगी।
इसका जवाब देते हुए उदय प्रताप शिक्षा समिति के तत्कालीन सचिव यूएन सिन्हा ने कहा था कि यूपी कॉलेज की स्थापना 1909 में हुई है। कॉलेज की जमीन इंडाउमेंट ट्रस्ट की है और चैरिटेबल इंडाउमेंट एक्ट के तहत आधार वर्ष के बाद ट्रस्ट की जमीन पर किसी का मालिकाना हक खुद समाप्त हो जाता है। हालाँकि, वक्फ बोर्ड ने इस सम्पत्ति पर से अपना दावा छोड़ दिया है।
राजा उदय प्रताप सिंह जूदेव ने 115 साल पहले किया था स्थापित
यूपी कॉलेज करीब 500 एकड़ में फैला है। इसके द्वारा प्रदेश में डिग्री कॉलेज, इंटर कॉलेज, रानी मुरार बालिका स्कूल, राजर्षि शिशु विहार, राजर्षि पब्लिक स्कूल संचालित किया जाता है। इन सबमें करीब 20,000 विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं। उदय प्रताप कॉलेज की स्थापना लगभग 115 साल पहले सन 1909 में भिनगा (बहराइच, उत्तर प्रदेश) के राजा उदय प्रताप सिंह जूदेव ने की थी।
प्रिंसिपल के रूप में 1 नवंबर,2001 को कार्यभार सँभालने वाले डॉक्टर डीके सिंह ने कहा कि इस मामले का उन्होंने संज्ञान लिया था। उन्होंने कहा, “कार्यभार सँभालने के बाद हमारे छात्रों ने बताया किया कि कुछ लोग मस्जिद में निर्माण कार्य कर रहे है। वे लोग निर्माण करने के लिए रात में बालू और सीमेंट जबरदस्ती ला रहे थे। हालाँकि, सुरक्षाकर्मियों ने इसका विरोध किया था।”
प्रिंसिपल ने आगे बताया कि उन्होंने इसकी सूचना तुरंत पुलिस-प्रशासन को दी और निर्माण सामग्री को मस्जिद से बाहर निकाला गया। उन्होंने बताया कि इसके कुछ दिनों के बाद सूचना मिली कि कॉलेज की बिजली लाइन से मस्जिद में बिजली का इस्तेमाल हो रहा है। इसका बिजली बिल कॉलेज को देना पड़ता था।
प्रिंसिपल ने बताया, “लगभग एक साल पहले हमने मस्जिद का बिजली कनेक्शन कटवा दिया।” रिपोर्ट के मुताबिक, उदय प्रताप कॉलेज परिसर में मस्जिद और मज़ार का निर्माण समाजवादी पार्टी की पिछली सरकार की शह पर किया गया था। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि ये निर्माण पूरी तरह अवैध है।