दिल्ली के ‘अर्थ कल्चरल फेस्ट’ ने भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी और एआईएमआईएम चीफ ओवैसी के बीच “क्या भारत के संवैधानिक मूल्य सच में खतरे में हैं?” विषय पर एक बहस का आयोजन किया था जिसके मॉडरेटर जे. साई दीपक थे।
The much awaited panel is now live at Arth – A Culture Fest.
— Arth – A Culture Fest (@arth_live) February 23, 2020
Watch @Swamy39 and @asadowaisi in conversation with @jsaideepak discussing ” Are India’s Constitutional Values Really Under Threat?”
Watch it now:https://t.co/ux304rf0gzhttps://t.co/k6sDDcFhKd pic.twitter.com/G6mlg2qhU2
इस रोचक बहस में एक जगह सुब्रमण्यम स्वामी ओवैसी को चुनौती देते हुए पूछते हैं, “क्या वो कह सकते हैं कि ‘सभी धर्म ईश्वर तक पहुँचने का माध्यम हैं’ और, फिर खुद इस सवाल का जवाब देते हुए कहते हैं कि ओवैसी अगर यह बोल देंगे तो उन्हें Z प्लस सिक्योरिटी देने की जरूरत पड़ जाएगी।”
सुब्रमण्यम स्वामी ईसाइयत, इस्लाम और हिन्दू धर्म के बीच का फर्क बताते हुए कहते हैं, “हिन्दू धर्म जहाँ प्रत्येक मार्ग से ईश्वर की प्राप्ति सम्भव बताता है, वहीं ईसाइयत और इस्लाम दूसरे धर्मों को कमतर और शैतान का रास्ता करार देते हैं।”
पंथनिरपेक्षता के सवाल पर अपनी बात रखते हुए स्वामी कहते हैं, “या तो आप कहेंगे कि आप सभी धर्मों के प्रति सहिष्णु हैं लेकिन आप का धर्म सबसे श्रेष्ठ है, या आप हिन्दुओं की तरह कहेंगे कि ‘सभी धर्म ईश्वर तक जाते हैं’, इस्लाम ऐसा नहीं मानता कि सभी धर्मों के सहारे इंसान ईश्वर तक पहुँच सकता है और न ही ऐसा ईसाइयत मानती है।”
“यह राजनैतिक बयान है या धर्मशास्त्र से जुड़ा?” मॉडरेटर दीपक के इस सवाल पर सुब्रमण्यम स्वामी ने जवाब दिया कि यह बयान धर्मशास्त्र से संबंधित है।
सुब्रमण्यम स्वामी एकेश्वरवादी धर्मों के उस अभिन्न पहलू पर अपनी बात रख रहे थे जहाँ एक ईश्वर की मान्यता है और अन्य को कमतर माना जाता है जो महज शैतान प्रेरित शक्ति है जिसका काम इंसान को सच्चे ईश्वर से दूर ले जाना है।