धार्मिक दृष्टिकोण से देश के बेहद अहम चारधाम महामार्ग परियोजना को सर्वोच्च न्यायालय ने हरी झंडी दिखा दी है। सर्वोच्च न्यायालय के इस फ़ैसले के बाद अब चारधाम सड़क परियोजना को आसानी से पूरा किया जा सकेगा। इससे पहले एनजीटी (NGT: National Green Tribunal) के फ़ैसले के बाद कोर्ट ने चार धामों को जोड़ने वाली महामार्ग परियोजना पर रोक लगा दी थी।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तब उत्तराखंड सरकार और केंद्र सरकार से भी जवाब तलब किया था। सरकार के इस ड्रीम प्रोज़ेक्ट को रोकने के लिए “सीटिजन फॉर ग्रीन दून” नाम की एक एनजीओ ने कोर्ट में याचिका दायर किया था। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार से जवाब तलब किया था। शुक्रवार (जनवरी 11, 2019) को इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार के महामार्ग परियोजना प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखा दी है।
Supreme Court gives go-ahead to govt’s Char Dham road widening projects. The project aims to provide all-weather connectivity to the four shrines of Gangotri, Yamunotri, Kedarnath and Badrinath in Uttarakhand. pic.twitter.com/YoLMXeD4GB
— ANI (@ANI) January 11, 2019
जानकारी के लिए बता दें कि चारधाम को जोड़ने वाली यह महामार्ग परियोजना देश के पहाड़ी राज्यों के दुर्गम हिस्सों से होकर गुजरती है। पर्यावरण के हितों की अनदेखी को रोकने के लिए एनजीटी ने सरकार को कुछ सुझाव देने के बाद योजना को हरी झंडी दिखा दी थी। एनजीटी ने इसके साथ ही उत्तराखंड हाई कोर्ट के पूर्व जज यूसी ध्यानी के नेतृत्व में इस परियोजना की देख-रेख के लिए एक कमिटी का गठन भी कर दिया था। इसके आलावा एनजीटी ने इस महामार्ग पर पेट्रोल की 10 साल से ज्यादा पुरानी व डीज़ल की 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों की आवाजाही पर रोक लगाने का भी निर्देश दिया था।
एनजीटी के इस फ़ैसले के बाद “सीटिजन फॉर ग्रीन दून” नाम के एनजीओ ने परियोजना के ख़िलाफ़ कोर्ट में काम को रोकने के लिए याचिका दायर की थी।
यह सड़क परियोजना केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। इस परियोजना के लिए सरकार की तरफ़ से करीब 12 हजार करोड़ रुपए की बजट आवंटित की गई है। चार राज्यों को जोड़ने वाली इस परियोजना में लगभग 880 किलोमीटर से ज्यादा सड़क का चौड़ीकरण होना है।
सामरिक, पर्यटन और धार्मिक दृष्टिकोण से चारधाम महामार्ग परियोजना बेहद महत्वपूर्ण है। इस परियोजना के पूरा होते ही किसी भी मौसम में बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री की यात्रा आसान हो जाएगी।