वाराणसी के ज्ञानवापी विवादित ढाँचे में शिवलिंग मिलने के बाद स्थानीय अदालत ने उस स्थान को सील कर दिया है, लेकिन मुस्लिम पक्ष शांति और सौहार्दता बिगड़ने की बातें करते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस DY चंद्रचूड़ और जस्टिस PS नरसिम्हा की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की। जस्टिस चंद्रचूड़ जहाँ उस बेंच का हिंसा थे जिसने अयोध्या राम जन्मभूमि का फैसला सुनाया, जबकि जस्टिस नरसिम्हा हिन्दू पक्ष की तरफ से उस मामले में वकील रहते पेश हुए थे।
वहीं अब ‘हिन्दू सेना’ ने भी सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है और कहा है कि ‘Ancient Monuments’ में गिने जाने वाले 1991 के ‘वर्शिप एक्ट’ के तहत नहीं आते हैं। संगठन ने हस्तक्षेप याचिका के जरिए अपनी बात रखने की अपील की। बता दें कि मुस्लिम पक्ष ने सेवर सर्वे रोकने की माँग की है। बता दें कि ‘वर्शिप एक्ट’ पर खुद सुप्रीम कोर्ट में मामले विचाराधीन हैं, जिनमें इसकी संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाए गए हैं।
इसे हिन्दुओं, बौद्ध, सिख और जैन समुदाय के अधिकारों के विरुद्ध बताया गया है। इससे पहले मुस्लिम पक्ष इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुँचा था, जिसने स्थानीय अदालत के फैसले को रोकने से इनकार कर दिया था। अब उस आदेश के खिलाफ मस्जिद इंतजामिया कमिटी सुप्रीम कोर्ट पहुँची है। मस्जिद कमिटी का कहना है कि 1991 में भी इस पर कोर्ट में केस दायर किया गया था, जिस पर HC ने रोक लगा दी थी पर अब फिर से ये सब किया जा रहा है।
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— JagranJosh India (@Jagranjosh) May 17, 2022
ज्ञानवापी के लिए लड़ाई अब काशी से दिल्ली पहुँच गई है। उधर एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह ने सर्वे रिपोर्ट जमा कराने के लिए वाराणसी की स्थानीय अदालत से दो दिन की मोहलत मांगी है। विशाल सिंह ने कहा कि रिपोर्ट लगभग तैयार है। हालाँकि, इसे पेश करने में दो दिन और समय लग सकता है। सर्वे और वीडियोग्राफ़ी खत्म हो चुके हैं, अब सिर्फ अदालत में रिपोर्ट देना है। सुप्रीम कोर्ट ने ‘हिन्दू सेना’ को सुनवाई के वक्त आने के लिए कहा है।