सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फ़ैसले के आदेश पर रोक लगा दी जिसमें हेराल्ड हाउस को खाली करने का निर्देश दिया गया था। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश के ख़िलाफ़ एसोसिएटिड जर्नल लिमिटेड (AJL) की अपील पर भूमि और विकास कार्यालय को नोटिस जारी किया है।
इससे पहले AJL ने 28 फरवरी के दिल्ली हाईकोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, ताकि नई दिल्ली के आईटीओ में स्थित हेराल्ड हाउस को खाली करवाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए जाने वाले सख़्त क़दम को रोका जा सके। अपनी याचिका में AJL ने शहरी विकास मंत्रालय के 30 अक्टूबर 2018 के हेराल्ड हाउस को खाली न करने के नोटिस पर भी रोक लगाई की माँग की थी।
1 मार्च को हाईकोर्ट की दो सदस्यी पीठ द्वारा हेराल्ड हाउस खाली करने के ख़िलाफ़ दायर AJL की अपील ख़ारिज कर दी गई थी। दिया था। AJL ने सिंगल बेंच के 21 दिसंबर के उसे आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें केंद्र सरकार के नोटिस के ख़िलाफ़ दायर याचिका को ख़ारिज कर दिया था।
ख़बर के अनुसार, 7 मार्च को केंद्र सरकार द्वारा AJL को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 13 मार्च तक जवाब माँगा गया था। इस कारण बताओ नोटिस में केंद्र ने AJL से पूछा था कि दिल्ली के आईटीओ स्थित हेराल्ड हाउस को खाली करने का आदेश क्यों नहीं दिया जाना चाहिए?
हाईकोर्ट की एकल पीठ ने कहा था कि AJL के 99 प्रतिशत शेयर्स यंग इंडिया (YE) को ट्रांसफर करने पर उसकी 400 करोड़ से अधिक की संपत्ति भी गुप्त तरीके से ट्रांसफर हो जाती है। बता दें कि यंग इंडिया में सोनिया और राहुल गाँधी शेयरधारक हैं। हाईकोर्ट से AJL की याचिका ख़ारिज होने के बाद सरकार ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था।