Friday, November 22, 2024
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‘जम्मू कश्मीर में बचे हैं सिर्फ 50 आतंकी, ये अब तक की सबसे कम संख्या’: रिपोर्ट, LOC पर घुसपैठ कर रहा आतंकवादी ढेर

जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि साल 2017 में घाटी में आतंकियों की संख्या 350 थी, जो घटकर दहाई अंक में आ गई है। उन्होंने कहा कि आतंकी इकोसिस्टम को घेर लिया गया है। चाहे वह पथराव हो या अलगाववादियों, फाइनेंसरों पर कार्रवाई हो या सीमा पार से ड्रोन के जरिए आने वाले हथियारों को जब्त करना हो। आतंकवाद पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है।

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों द्वारा आतंकियों के सफाए का काम जारी है। शाहपुर में सेना ने पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे एक आतंकी को मार गिराया है, जबकि दो अन्य घायल हो गए हैं। जम्मू-कश्मीर में अब सिर्फ 50 आतंकी रह गए हैं, जो इनकी संख्या का अब तक का सबसे निचला स्तर है।

दरअसल, रविवार (9 अप्रैल 2023) को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (LOC) पर सेना को घुसपैठ की जानकारी मिली। इसके बाद सेना ने पूरे इलाके को घेर लिया। दोनों तरफ से घंटों तक मुठभेड़ होती रही। आखिर सेना ने कामयाबी हासिल करते हुए एक आतंकी को मार गिराया। इस ऑपरेशन में दो आतंकी घायल हो गए हैं।

बता दें कि रविवार की तड़के सुबह 2 बजे के आसपास पाकिस्तान की तरह से 3 आतंकियों ने घुसपैठ करने की कोशिश की थी। सीमा पर हलचल होता देख सेना सतर्क हो गई और इस दौरान फायरिंग में एक आतंकी को मार गिराया। वहीं, दो आतंकी भागने भाग निकले। इसके बाद सेना ने इलाके को घेर लिया। मुठभेड़ में दोनों घुसपैठिए घायल हो गए हैं।

इस तरह जम्मू-कश्मीर में आतंकियों का लगभग पूरी तरह सफाया होने वाला है। इंडिया टुडे के राज्य के एक प्रमुख पुलिस अधिकारी के हवाले से कहा है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद खत्म होने के कगार पर है। उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में आतंकवाद शुरू होने के बाद पहली बार ऑपरेशन में आतंकवादियों की संख्या 70 से नीचे आई है।

जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक आंतरिक आकलन में स्थानीय आतंकवादियों की संख्या सिर्फ 29 बताई गई है। इनमें सिर्फ तीन पुराने आतंकवादी हैं। इनके नाम हैं – फारूक अहमद भट उर्फ ​​नली जावेद अहमद मट्टू और रियाज अहमद उर्फ शेतारी। वहीं, विदेशी आतंकियों की संख्या 20 से 24 बताई गई है।

वहीं, केंद्र के हिसाब से जम्मू कश्मीर में काम कर रहे विदेशी आतंकियों की संख्या 30 से 35 है। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि साल 2017 में घाटी में आतंकियों की संख्या 350 थी, जो घटकर दहाई अंक में आ गई है। इसके लिए उन्होंने सुरक्षा बलों की सतर्कता को जिम्मेदार ठहराया।

दिलबाग सिंह ने कहा, “हमने चारों तरफ से आतंकी इकोसिस्टम को घेर लिया है। चाहे वह पथराव हो या अलगाववादियों, फाइनेंसरों पर कार्रवाई हो या सीमा पार से ड्रोन के जरिए आने वाले हथियारों को जब्त करना हो। पुलिस और सुरक्षाबलों ने काफी हद तक आतंकवाद पर काबू पाने में कामयाबी हासिल की है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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