Sunday, December 22, 2024
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तमिलनाडु में आतंकी का जनाजा निकला ‘शान’ से… हजारों कट्टरपंथी शामिल, सुरक्षा में DMK सरकार ने 2000 पुलिसकर्मी लगाए: विरोध करने वाले BJP नेता गिरफ्तार, अन्नामलाई भी हिरासत में

तमिलनाडु सरकार ने आतंकवादी एस ए पाशा के जनाजे की न सिर्फ अनुमति दी, बल्कि 2000 से ज्यादा पुलिसवालों को भी सुरक्षा में लगाया। इस दौरान हजारों कट्टरपंथियों, नेताओ, अभिनेताओं की भीड़ ने उसे किसी 'हीरो' की तरह विदाई दी।

देश के दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में साल 1998 में सीरियल धमाके हुए थे। ये धमाके कोयंबटूर में हुए, जिसमें 58 लोगों की मौत हुई तो 231 लोग घायल हुए। इन धमाकों के दोषी एस-ए पाशा की मौत कुछ दिन पहले हुई। तमिलनाडु सरकार ने आतंकवादी एस ए पाशा के जनाजे की न सिर्फ अनुमति दी, बल्कि 2000 से ज्यादा पुलिसवालों को भी सुरक्षा में लगाया। इस दौरान हजारों कट्टरपंथियों, नेताओ, अभिनेताओं की भीड़ ने उसे किसी ‘हीरो’ की तरह विदाई दी। एक आतंकी के महिमामंडन का बीजेपी ने विरोध किया, लेकिन आतंकवादियों को जेल में मालिश की सुविधा देने वाली डीएमके सरकार ने इसे नजरअंदाज किया और विरोध प्रदर्शन करने वालों को ही हिरासत में ले लिया।

इस बीच, बीजेपी ने तमिलनाडु सरकार द्वारा आतंकवादी के जनाजे की अनुमति देने का विरोध किया गया। बीजेपी ने इस बात से आपत्ति जताई कि अनगिनत मासूमों की जान लेने वाले आतंकवादी का जनाजा निकाला गया और उसे आतंकी की तरह गुमनाम नहीं, बल्कि किसी हीरो की तरह शानदार विदाई दी गई। लेकिन डीएमके सरकार को ये पसंद नहीं आया। इस बात की तस्दीक ये दो तस्वीरें भी करती हैं।

आतंकवादी को हीरो जैसी विदाई देने के डीएमके सरकार के फैसले के खिलाफ बीजेपी, हिंदू मुन्नानी और विश्व हिंदू परिषद के नेताओं ने रैली का आयोजन किया था। इस रैली में सैकड़ों लोग शामिल हुए, जो आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश देना चाहते थे। लेकिन डीएमके सरकार ने इन राष्ट्रवादी आवाजों को दबाने के लिए पुलिस का सहारा लिया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

तमिलनाडु बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने ट्वीट कर राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने बताया कि डीएमके सरकार की पुलिस ने उन्हें, हिंदू मुन्नानी के प्रदेश अध्यक्ष केदेश्वर सी. सुब्रमण्यम, विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष शिवलिंगम, बीजेपी के अन्य कार्यकर्ताओं और आम जनता को हिरासत में ले लिया। यह गिरफ्तारी उस समय हुई जब वे ‘ब्लैक डे रैली’ में शामिल होकर डीएमके सरकार का विरोध कर रहे थे।

अन्नामलाई ने इसे डीएमके सरकार की वोट बैंक राजनीति का हिस्सा बताया और कहा कि सरकार ने एक तरफ आतंकवादी के जनाजे को समर्थन दिया, जबकि दूसरी तरफ जन सुरक्षा की माँग करने वालों को जेल में ठूँस दिया।

तमिलनाडु में एक तरफ आतंकी को हीरो जैसी विदाई जाती है, तो विरोध प्रदर्शन करने वाले राष्ट्रवादी नेताओं को डीएमके की सरकार जेल में ठूँस देती है। दोनों तस्वीरें सामने हैं। बताइए, देश में आतंकियों का महिमामंडन करने में कितनी आगे निकल गई है इंडी गठबंधन, जहाँ उप मुख्यमंत्री खुद को प्राउड क्रिश्चियन बताता है और सनातन की तुलना डेंगू-मलेरिया से करते हुए सनातन को मिटाने की बात करता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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