Friday, November 1, 2024
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तिरुपति मंदिर में सिर्फ हिंदू काम करेंगे: TTD के नए अध्यक्ष BR नायडू ने कहा- मुस्लिम कर्मचारियों को दूसरे विभागों में भेजने या रिटायर करने पर विचार

इसी साल फरवरी में तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने कहा था कि वह मुस्लिम भक्तों के तिरुपति की सेवा करने का रास्ता तलाशेगा। ऐसा मुस्लिम भक्तों के अनुरोध पर करने की बात कही गई थी। बोर्ड ने दावा किया था कि कुछ मुस्लिम भक्तों ने भगवान् वेंकटेश्वर की सेवा करने की माँग बोर्ड से की है। इसे श्रीवरी सेवा के नाम से जाना जाता है।

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) बोर्ड के नवनियुक्त अध्यक्ष बीआर नायडू ने कहा है कि भगवान वेंकटेश्वर के निवास तिरुपति मंदिर में काम करने वाले सभी लोग हिंदू होने चाहिए। उन्होंने कहा कि वे आंध्र प्रदेश की सरकार से बात करेंगे कि दूसरे धर्म के कर्मचारियों का क्या किया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे कर्मचारियों को दूसरे विभागों में भेजा जा सकता है या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) दी जा सकती है।

बीआर नायडू ने गुरुवार (31 अक्टूबर 2024) को कहा, “तिरुमाला में काम करने वाला हर व्यक्ति हिंदू होना चाहिए। यह मेरा पहला प्रयास होगा। इसमें कई मुद्दे हैं। हमें इस पर विचार करना होगा।” भगवान वेंकटेश्वर के अनन्य भक्त नायडू ने कहा कि वह TTD बोर्ड के अध्यक्ष नियुक्त किए जाने को सौभाग्य मानते हैं। इसके लिए उन्होंने आंध्र प्रदेश के सीएम एन चंद्रबाबू नायडू को धन्यवाद दिया।

बीआर नायडू ने आरोप लगाया कि वाईएसआर कॉन्ग्रेस की पिछली सरकार के दौरान तिरुमाला में कई अनियमितताएँ हुईं। उन्होंने कहा कि अब मंदिर की पवित्रता की रक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वे कर्तव्य पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ निभाएँगे। बता दें कि बीआर नायडू मीडिया पर्सनालिटी हैं। वह भक्ति चैनल के साथ-साथ तेलुगु टीवी चैनल भी चलाते हैं।

दरअसल, मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली आंध्र प्रदेश की एनडीए सरकार ने बुधवार (30 अक्टूबर 2024) को TTD के लिए 24 सदस्यों वाला एक नया बोर्ड गठित किया। सरकार ने बीआर नायडू को नवगठित टीटीडी बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया है, जबकि भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड की सह-संस्थापक और एमडी सुचित्रा एला को बोर्ड में सदस्य बनाया है।

बता दें कि कुछ दिन पहले ही तिरुपति मंदिर के प्रसाद में गाय एवं सुअर का मांस और मछली का तेल पाए जाने पर विवाद बढ़ गया था। इसकी जाँच के लिए SIT गठित की गई थी। इसके बाद जगन मोहन रेड्डी के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान तिरुपति मंदिर का प्रशासन करने वाले तिरुपति देवस्थानम बोर्ड से जुड़े लोगों पर सवाल उठाया गया था।

इसी साल फरवरी में तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने कहा था कि वह मुस्लिम भक्तों के तिरुपति की सेवा करने का रास्ता तलाशेगा। ऐसा मुस्लिम भक्तों के अनुरोध पर करने की बात कही गई थी। बोर्ड ने दावा किया था कि कुछ मुस्लिम भक्तों ने भगवान् वेंकटेश्वर की सेवा करने की माँग बोर्ड से की है। इसे श्रीवरी सेवा के नाम से जाना जाता है।

यह एक प्रकार की कारसेवा होती है, इसमें बोर्ड हिन्दू श्रद्धालुओं को मंदिर से जुड़े कामों में लगाता है। हिन्दू भक्त इसे अपनी श्रद्धानुसार कर सकते हैं, इसके लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। इसकी शुरुआत TTD ने वर्ष 2000 में की थी। इस सेवा के तहत मंदिर प्रशासन ऐसे श्रृद्धालुओं को 60 से अधिक क्षेत्रों, जैसे कि- ट्रांसपोर्ट, साफ़ सफाई, अन्नप्रसादम और अन्य कार्यों में लगाता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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