पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा पर प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी आँखें बंद कर रखी है। उन्हें पीड़ितों का दुख और कष्ट सुनाई नहीं दे रहा है। इस बीच टीएमसी के गुंडों द्वारा शरीरिक हिंसा और यौन शोषण की शिकार कई महिलाएँ उनके साथ हुए भयावह वारदात के बारे में बताने के लिए आगे आई हैं।
इसी कड़ी में ऑर्गनाइजर की एक रिपोर्ट में ऐसी ही शोषित महिलाओं की कुछ कहानियों को प्रकाशित किया गया है, जिन्हें पश्चिम बंगाल में भाजपा का समर्थन करने की कीमत चुकानी पड़ी है।
बीजेपी की पोलिंग एजेंट पिंकी बाज ने टीएमसी के अत्याचारों को साझा किया
पश्चिम बंगाल के उत्तरी परगना के जयग्राम गाँव की रहने वाली 34 वर्षीय पिंकी बाज ने दिल्ली स्थित राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को दी गई अपनी शिकायत में ममता बनर्जी की टीएमसी के सत्ता में वापसी के साथ उनके परिवार के साथ हुए भयावहता के बारे में बताया।
पिंकी ने आरोप लगाया कि 2 मई 2021 की शाम करीब साढ़े सात बजे मुजफ्फर बैद्य, महबूर बैद्य, आखर भागी, आजा मुल्ला, लबावली गाजी और अन्य के नेतृत्व में टीएमसी के करीब 50 गुंडे उनके घर में घुस आए। पिंकी ने बताया, “उन्होंने मुझे गंदी गालियाँ दी। बांस के डंडों, लोहे की छड़ों और नंगे हाथों से पीटा। घर के एक-एक सामान को नष्ट कर दिया और 3 लाख रुपए के सामान को लूट लिया।”
टीएमसी के गुंडों ने कहा, “जैसी तुम्हारी हिंदू देवी माँ काली न* गी है। वैसे ही तुमको न*गा करेंगे।” पिंकी ने आगे बताया कि उन्होंने मेरे भगवान को गाली देकर मेरे धार्मिक विश्वास पर हमला किया। गंदी गालियाँ दीं और मेरे साथ बलात्कार करने की धमकी भी दिया। इसके अलावा देवी काली और भगवान राम को लेकर भी सेक्सुअल कमेंट किया।
भाजपा कार्यकर्ता ने अपने साथ घटी भयावह घटना का जिक्र करते हुए कहा, “टीएमसी के गुंडों ने मेरा शारीरिक और मानसिक शोषण किया और मेरे धार्मिक विश्वास पर भी हमला किया। ये ऐसा अपमान है, जिसमें मैं जिंदगीभर नहीं भूल सकती।”
ऑर्गनाइजर ने दावा किया है कि टीएमसी के गुंडों ने 2 मई 2021 के काफी पहले से ही बीजेपी कार्यकर्ता पिंकी को परेशान करना शुरू कर दिया था। रिपोर्ट के मुताबिक, 17 अप्रैल 2021 को अनुसूचित जाति से आने वाली पिंकी पोलिंग बूथ पर थी। इसी दौरान टीएमसी के गुंडों ने उनसे अभद्रता करते हुए जातिसूचक गालियाँ दी। इतना ही नहीं उन्होंने बीजेपी वर्कर को रेप की धमकी देते हुए सत्ता में वापसी होने पर गोली मारने की भी धमकी दी थी।
पिंकी बाज ने अपनी शिकायत में बताया है कि उसी दिन मतदान खत्म होने के बाद जब वो अपने बेटे के साथ अपने घर जा रही थीं तो रास्ते में मुजफ्फर बैद्य, महबूर बैद्य, आखर भागी, आजा मुल्ला, लबावली गाज़ी ने उन्हें रोक लिया। साथ ही पिंकी के 17 वर्षीय बेटे को बेरहमी से पीटा।
टीएमसी के गुंडों ने बीजेपी कार्यकर्ता और उसके बेटे को तब तक परेशान किया, जब तक कि वो उस गाँव को छोड़कर नहीं गए। हालाँकि ऐसा नहीं है कि गाँव छोड़ने के बाद बच गए। दरअसल, गाँव के बाहर रहकर काम करने वाले पिंकी के पति ने मामले का समाधान निकालने के लिए मुजफ्फर बैद्य को फोन किया। लेकिन आरोपित ने कहा कि पहले उन्हें उनकी पत्नी को उसके पास भेजना होगा। इसके बाद ही वो उन्हें गाँव में आने देंगे।
ऑर्गनाइजर के साथ बात करते हुए बीजेपी की पोलिंग एजेंट पिंकी बाज ने कहा कि वो चाहती हैं कि टीएमसी के गुंडों को उनके किए पापों की सजा जरूर मिले।
बीजेपी कार्यकर्ता अपर्णा दास के साथ टीएमसी के गुंडों ने किया रेप, जहर खिलाया
पिंकी बाज की ही तरह टीएमसी के गुंडों ने खेजुरी विधानसभा क्षेत्र के बरोटोला की रहने वाली भाजपा कार्यकर्ता अपर्णा दास को भी खूब प्रताड़ित किया गया। इसके कारण उन्हें गाँव छोड़कर जाना पड़ा। उन्होंने कहा कि अगर 5 साल बाद प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनेगी तो ही वह वापस अपने गाँव आएँगी।
दास ने अपने साथ हुई उस दर्दनाक घटना को याद करते हुए कहा कि दो जून 2021 को मुस्लिम समुदाय के कुछ लड़के उनके घर आए और उन्हें गाँव छोड़ने की धमकी दी। इसके बाद, “एक रात के बाद वो वापस आए और मेरे घर के सामने बम ब्लॉस्ट कर दिया। अगले दिन वो फिर आ धमके और फिर से बम फोड़ा।”
अपर्णा दास ने बताया, “उसके अगले दिन एक बार फिर उस्मान (आरा), गौतम दास, शुशांत दास, सुब्रतो दास नाम के टीएमसी के गुंडे रात करीब 10 बजे मेरे घर आ धमके। उन्होंने मेरी बहू से दरवाजा खोलने को कहा। मेरी बहू असम से है, वो इनके बारे में नहीं जानती थी। इसलिए उसने मुझे देखने के लिए कहा। मैंने तुरंत उसे एक कमरे में बंद कर दिया और दरवाजा खोल दिया। वो सभी जबरन मेरे घर के अंदर घुस आए और मुझसे मेरी बहू को बाहर निकालने को कहने लगे। उन्होंने उसके साथ रेप करने को कहा। इसके बाद मैं उनके पैरों में गिर गई। मैंने उनसे कहा कि मैं उनकी माँ जैसी हूँ और वो उनकी बहन जैसी है। मैं उनके सामने हमें जाने देने की भीख माँगती रही, वो जिद पर अड़े रहे। करीब एक घंटे तक आतंकित करने के बाद अगले दिन आने का बोलकर वो चले गए।”
पिछली रात हुई घटना से डरी अपर्णा ने इसके बारे में अपने पड़ोसियों से बात की तो उन्होंने बहू को किसी सुरक्षित जगह भेजने की सलाह दी। ताकि टीएमसी के गुंडे वहाँ नहीं पहुँच सकें। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ता ने अपनी बहू को पड़ोसी के ही घर में छिपा दिया। अपर्णा दास ने उस घटना को याद करते हुए बताया कि 5 जून 2021 की टीएमसी के वो गुंडे वापस से उनके घर आ धमके और दरवाजा पीटने लगे। अपर्णा यह जानती थीं कि दरवाजा खोलना खतरनाक हो सकता है, इसलिए उन्होंने कोई जवाब ही नहीं दिया।”
बीजेपी वर्कर ने बताया, “टीएमसी के गुंडों ने लात मारकर मेरे घर का दरवाजा खोल दिया और जबरन अंदर घुस आए और मेरी बहू के बारे में पूछा। उन्होंने उसे पूरे घर में ढूँढा, लेकिन जब वो नहीं मिली तो उस्मान ने मेरा रेप किया। मैं उससे दया की भीख माँगती रही कि मैं तुम्हारी माँ जैसी हूँ मेरे साथ ऐसा मत करो, लेकिन मेरी चीख-पुकार उसके बहरे कानों तक नहीं पहुँची। वह मेरा बलात्कार करता रहा। उस दिन एक मुस्लिम गुंडे ने एक हिंदू महिला का सम्मान लूट लिया। वे यहीं नहीं रुके। गौतम दास ने उस्मान को मुझे मारने की सलाह दी। ताकि मैं किसी को इसके बारे में बता न सकूँ। इसके बाद चारों ने मिलकर जबरदस्ती मेरा मुँह खोला और जहर डाल दिया। मैं अपना होश खो बैठी थी, मुझे नहीं पता कि मुझे कब और कैसे बचाया गया।”
टीएमसी के गुंडों के आतंक से आतंकित भाजपा कार्यकर्ता ने कहा, “मैं आप सभी से न्याय दिलाने का अनुरोध करती हूँ। मैं एक हिंदू महिला हूँ, जिसके सम्मान को मुस्लिम गुंडों ने लूट लिया है। मैं केवल एक विक्टिम बनकर नहीं रहना चाहती हूँ। प्लीज मुझे न्याय दिलाने के लिए आगे आएँ।”
पिंकी बाज और अपर्णा दास ये वो दो महिलाएँ हैं, राज्य में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद टीएमसी के गुंडों ने अपना शिकार बनाया।
भाजपा कार्यकर्ता की बेटी से पिता के सामने बंदूक की नोक पर गैंगरेप
इसी तरह, बीरभूम की रहने वाली 21 वर्षीय दिया गुहा ने बताया कि उनके पिता भाजपा कार्यकर्ता हैं और वो उन्हीं के साथ रहती हैं। 2 मई 2021 को स्थानीय टीएमसी नेता मामूल शेख और मुस्लिम समुदाय के 10 से 12 अन्य टीएमसी गुंडे उसके घर में घुस गए और सभी को पीटना शुरू कर दिया।
दिया ने बताया, “उन्होंने मेरे कपड़े फाड़ दिए और जब मेरे पिता ने मुझे बचाने की कोशिश की तो उन्हें बेरहमी से पीटा और कहा कि नहीं हम लोगों को तू नहीं चाहिए.. तेरी बेटी चाहिए.. हम लोगों को हिंदू लड़की चाहिए (हम आपको नहीं चाहते, हम आपकी बेटी चाहते हैं। हमें एक हिंदू लड़की चाहिए)”।
ऑर्गनाइज़र ने अपनी रिपोर्ट में आगे कहा है कि टीएमसी के इन गुंडों ने 21 वर्षीय युवती के साथ उसके पिता की आँखों के सामने बंदूक की नोक पर बारी-बारी से गैंगरेप किया। लड़की का पिता लाचार होकर अपनी बेटी को देखता रहा और एक के बाद एक सातों आरोपितों ने उसे ताने मारे।
यहीं टीएमसी के गुंडे गैंगरेप तक सीमित नहीं रहे। उन्हें दिया और उसके पिता की हत्या करने की भी कोशिश की और कहा, “लड़की और बाप को मार दो नहीं तो हमारे लिए ज़हर हो जाएगा।”
दिया ने कहा कि किसी तरह से उनके पिता ने अपनी पगड़ी से उनके नंगे शरीर को ढँका और घर के पिछले दरवाजे से बाहर निकलकर भाग गए। तब से वापस अपने घर नहीं लौट सके हैं।
हल्दीपारा गाँव में भी टीएमसी के गुंडों ने बीजेपी समर्थक का किया यौन शोषण
पूर्व बर्धमान जिले के हल्दीपारा गाँव की प्रतिमा दास ने रोते हुए अपनी आपबीती बताई। उन्होंने कहा, “मैं भाजपा समर्थक हूँ, इसी की सजा देने के लिए टीएमसी के गुंडे मेरे घर में घुस आए और घूँसे और डंडों से मुझे पीटा। उन्होंने मेरी साड़ी और ब्लाउज को फाड़ दिया और मेरे स्तनों पर चाकू से कई बार हमला किया। उन्होंने मेरे निजी अंगों को छूआ। ” प्रतिमा के मुताबिक, उनके ही घर में कैद करके रखा गया है। क्योंकि टीएमसी के गुंडों ने पूरे गाँव को घेर रखा है और किसी को भी न तो बाहर जाने दिया जा रहा है और न ही अंदर आने दिया जा रहा है।
NHRC ने पश्चिम बंगाल हिंसा की जाँच के लिए 7 सदस्यीय टीम का गठन किया
इस बीच राष्ट्रीय महिला आयोग ने बंगाल में महिलाओं के साथ हुए अत्याचार के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए एक जाँच समिति का गठन किया है। समिति ने पीड़ितों से मिलकर अपनी रिपोर्ट सौंपी है। वहीं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने 21 जून 2021 को राज्य में चुनाव बाद की हिंसा की जाँच के लिए 7 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है।
दरअसल, NHRC ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के 18 जून 2021 के उस आदेश का पालन किया है, जिसमें कोर्ट ने उसे शिकायतों की जाँच करने का निर्देश दिया था।
इस कमेटी का गठन कोलकाता हाई कोर्ट द्वारा ममता बनर्जी सरकार की याचिका को खारिज करने के बाद किया गया। बता दें कि ममता सरकार ने हाई कोर्ट में एनएचआरसी की जाँच के उसके (कोलकाता हाई कोर्ट) 18 जून 2021 के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की थी।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने हिंसा पर ममता बनर्जी की चुप्पी पर साधा निशाना
कोलकाता हाई कोर्ट द्वारा पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा की जाँच पर रोक लगाने की ममता बनर्जी की याचिका के खारिज होने पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सोमवार (21 जून 2021) को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को राज्य में चल रहे अपराधों को चुप रहकर देखने के मामले कड़ी फटकार लगाई गई है।
#WATCH | Probably for the first time in our democracy, I’m seeing a CM witnessing people being murdered because they didn’t vote for her party…Pahle to unke (Mamata Banerjee) haath khoon se sane hue the, ab daaman par bhi mahila ke atyachar ke daag hain: Union Min Smiriti Irani pic.twitter.com/XZ2p42C3uQ
— ANI (@ANI) June 21, 2021
ईरानी ने ममता पर निशाना साधते हुए सवाल किया, “महिलाओं को उनके घरों से निकाल दिया जाता है और खुलेआम बलात्कार किया जाता है। एक 60 वर्षीय महिला ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर दावा किया कि उसके साथ सिर्फ इसलिए बलात्कार किया गया क्योंकि वह एक भाजपा कार्यकर्ता और समर्थक थी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कितने बलात्कार चुपचाप देखेंगी?”
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “शायद हमारे लोकतंत्र में मैंने पहली बार देखा है कि एक सीएम को लोगों की हत्या होते सिर्फ इसलिए देख रही है, क्योंकि उन्होंने उसकी पार्टी को वोट नहीं दिया … पहले तो उनके (ममता बनर्जी) हाथ खून से सने हुए थे, अब दामन पर भी महिलाओं पर अत्याचार के दाग हैं।”