राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने तृणमूल कॉन्ग्रेस नेता और माओवादी समर्थक छत्रधर महतो को रविवार (मार्च 28, 2021) को झाड़ग्राम से गिरफ्तार कर लिया। छत्रधर महतो को साल 2009 के सीपीआई नेता प्रबीर महतो की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
West Bengal: National Investigation Agency (NIA) has arrested TMC leader Chhatradhar Mahato in connection with 2009 murder case of CPI(M) leader Prabir Mahato.
— ANI (@ANI) March 28, 2021
He will be produced before the court today.
आरोप है कि साल 2009 में टीएमसी नेता छत्रधर महतो और उसके सहयोगियों ने फायरिंग करके राजधानी एक्सप्रेस को अपने कब्जे में करने की कोशिश की थी। लगभग 4 से 5 घंटे तक यह ड्रामा चला था। एक दूसरी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार महतो को UAPA के तहत 2009 के राजधानी एक्सप्रेस केस में गिरफ्तार किया गया है।
#NewsAlert | NIA arrests TMC leader Chhatradhar Mahato in connection with a 2009 murder case.
— TIMES NOW (@TimesNow) March 28, 2021
Sreyashi with details. pic.twitter.com/cD8nwTdAva
जानकारी के मुताबिक महतो को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा। बता दें कि इससे पहले भी महतो को एनआईए ने गिरफ्तार किया था। लेकिन जेल से आने के बाद महतो को टीएमसी में शामिल कर लिया गया था। छत्रधर महतो बीते साल माओवाद का रास्ता छोड़कर तृणमूल कॉन्ग्रेस में शामिल हुए थे।
एनआईए ने 16, 18 और 22 मार्च को टीएमसी नेता छत्रधर महतो को एजेंसी के सामने पेश होने के लिए समन भेजा था। लेकिन छत्रधर महतो ने बताया कि उन्हें दाँत में दर्द है इसलिए वो एजेंसी के सामने पेश नहीं हो सकते। उन्होंने दाँत में दर्द की मेडिकल रिपोर्ट भी दिखाई दी थी लेकिन एनआईए उनसे संतुष्ट नहीं थी।
इसके बाद राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने हाई कोर्ट का रूख किया। तब कोर्ट ने आदेश दिया कि अगर छत्रधर महतो एजेंसी के सामने पेश नहीं होते हैं तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।
गौरतलब है कि हाल ही में टीएमसी नेता छत्रधर महतो को झाड़ग्राम में हुई सीएम ममता बनर्जी की रैली में स्टेज पर उनके साथ देखा गया था। माना जाता है कि छत्रधर महतो मुख्यमंत्री के काफी करीबी हैं। लोकसभा चुनाव 2019 में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद इस बार विधानसभा चुनाव 2021 में छत्रधर महतो पर टीएमसी के पक्ष में वोट डलवाने की बड़ी जिम्मेदारी थी।
छत्रधर महतो पिछले साल फरवरी में ही जेल से छूटे हैं, दस साल तक वो जेल में रहे। जेल से छूटने के बाद टीएमसी ने महतो को जिला समिति में शामिल कर लिया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एनआईए को भुवनेश्वर-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस अपहरण मामले की जाँच करने का आदेश दिया था। 2009 में इस ट्रेन का अपहरण हुआ था और इसका आरोप पीसीएपीए पर लगाया गया था। जो माओवादी इस घटना में शामिल थे, वो महतो की रिहाई की माँग करते रहे।