पश्चिम बंगाल में तृणमूल कॉन्ग्रेस (टीएमसी) की एक नेता द्वारा एक महिला को कोरोना वायरस का वैक्सीन लगाने का मामला सामने आया है। हालाँकि टीएमसी नेता का कहना है कि उसने सिर्फ पोज दिया है, वैक्सीन नहीं लगाई।
मामला आसनसोल का है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आसनसोल म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (AMC) के द्वारा शनिवार (03 जुलाई) को रेड लाइट एरिया कुलटी में टीकाकरण कैंप का आयोजन किया गया था। इस सरकारी टीकाकरण कैंप में AMC की डेप्युटी मेयर तबस्सुम आरा मौजूद थीं। जब टीकाकरण चल ही रहा था तब तबस्सुम ने नर्स से वैक्सीन से भरा सिरिंज लिया और एक महिला को लगा दिया।
Tabassum Ara says she was only holding the injection & has done a nursing course in school. Adds, it’s an awareness drive she was holding so that more get vaccinated. pic.twitter.com/4isVF3pX3k
— Sreyashi Dey (@SreyashiDey) July 3, 2021
हालाँकि, इस पूरे मामले में विवाद उत्पन्न होने के बाद टीएमसी नेता तबस्सुम आरा ने कहा कि उन्होंने महिला को कोई वैक्सीन नहीं लगाई है। आरा ने कहा कि उन्होंने तो सिर्फ इंजेक्शन के साथ पोज दिया है ताकि फोटो ली जा सके और इसके द्वारा लोगों में जागरूकता फैले।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जिस महिला को इंजेक्शन लगाया गया है, उस महिला ने भी बताया है कि उसे वैक्सीन लगाई गई है और जिस महिला ने उसे वैक्सीन लगाई, वह न तो डॉक्टर थी और न ही नर्स।
इस मामले पर टिप्पणी करते हुए बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी अकेले ही डॉक्टर, इंजीनियर और वैज्ञानिक की भूमिका अदा करती हैं। ऐसे में उनकी पार्टी की नेता (तबस्सुम) ने बस उसी परंपरा को आगे बढ़ाया है।
एसोसिएशन ऑफ हेल्थ सर्विस डॉक्टर्स के राज्य महासचिव मानस गुप्ता ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि तबस्सुम ने कोई ट्रेनिंग ली है या नहीं, लेकिन किसी भी नेता को वैक्सीन नहीं लगानी चाहिए, जागरूकता के लिए भी नहीं। क्योंकि, कोरोना वायरस की वैक्सीन एक डीप इंट्रा-मस्क्युलर वैक्सीन होती है और बिना ट्रेनिंग के इसे लगाए जाने से दूसरे दुष्परिणाम भी सामने आ सकते हैं।
हालाँकि, यह पहला मामला नहीं है जब बंगाल में कोरोना वायरस की वैक्सीन के संबंध में कोई विवाद उत्पन्न हुआ है। इससे पहले खुद को आईएएस अधिकारी बताकर एक व्यक्ति द्वारा फर्जी टीकाकरण कैंप का आयोजन किया गया था। बीजेपी ने इसे केंद्र के खिलाफ बड़ी साजिश बताते हुए इसकी सीबीआई जाँच कराने की माँग की थी। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया था कि यह TMC की एक साजिश है।
इस मामले में आरोपित देबांजन देब के ट्विटर अकाउंट पर टीएमसी के कई मंत्रियों और नेताओं के साथ उसकी तस्वीरें देखी गईं। इनमें मंत्री फिरहाद हकीम, मंत्री सुब्रत मुखर्जी से लेकर सांसद डॉ शांतनु सेन आदि शामिल हैं। हालाँकि. टीएमसी नेतृत्व ने इस मामले में किसी भी प्रकार की संलिप्तता से पूरी तरह इनकार किया था।