देश में एक ओर जहाँ तीन तलाक पर कानून बनने के बाद भी कट्टरपंथी उस पर बहस रोकने को तैयार नहीं हैं, वहीं, दूसरी ओर इससे जुड़े मामले भी कम होने का नाम नहीं ले रहे। वैसे तो विभिन्न कारणों से मुस्लिम महिलाओं के तीन तलाक पीड़िताओं में तब्दील होने के बहुत से उदाहरण हैं मगर बिहार के पटना का मामला थोड़ा अलग है। यहाँ पर नूरी फातमा नाम की महिला को उसके शौहर ने सिर्फ़ इसलिए तलाक दे दिया क्योंकि उसने मॉर्डन बनने और शराब पीने से मना कर दिया था। तलाक के बाद महिला अब इंसाफ माँगने के लिए जारी अपनी जंग के तहत बिहार राज्य महिला आयोग पहुँची।
गौरतलब है कि ये मामला पिछले साल अक्टूबर का है। जब फातमा ने अपने और इमरान के रिश्ते के बारे में बताते हुए शिकायत की थी। उसने बताया था कि उसका निकाह इमरान मुस्तफा से 2015 में हुआ था। इसके बाद दोनों दिल्ली शिफ्ट हो गए थे। लेकिन यहाँ आने के कुछ दिन बाद मुस्तफा, नूरी को मॉडर्न लड़कियों की तरह रहने के लिए कहने लगा, वो चाहता था कि नूरी छोटे कपड़े पहने, नाइट पार्टी में जाएँ, और शराब पिए। लेकिन जब उसने ऐसा करने से मना किया तो वो उसे हर रोज मारने लगा। इस दौरान उसका गर्भपात भी हुआ। मगर इमरान को कोई फर्क नहीं पड़ा। उसने पिछले साल एक सितंबर को नूरी के साथ अप्राकृतिक संबंध बनाने की कोशिश भी की थी, जिसका महिला ने विरोध किया था।
Patna: Woman given ‘triple talaq’ for not being ‘modern’
— ANI Digital (@ani_digital) October 13, 2019
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महिला ने अपनी शिकायत में इमरान पर आरोप लगाया, “कई सालों तक मुझ पर अत्याचार करने के बाद, कुछ दिन पहले उसने मुझे उसका घर छोड़ने को कहा। लेकिन जब मैंने मना किया, तो उसने मुझे तीन तलाक दे दिया।”
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, तीन तलाक के बाद से नूरी इंसाफ के लिए थाना से महिला आयोग तक दर-दर की ठोकरें खा रही हैं। उसने अपने शौहर इमरान के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में एफआइआर (FIR) दर्ज करवा दी है। साथ ही उसने बिहार राज्य महिला आयोग में भी शिकायत की थी। मगर, इमरान सुनवाई की तिथि पर बिहार महिला आयोग नहीं पहुँचा। अब महिला आयोग ने सुनवाई की अगली तिथि मार्च में रखी है। आयोग की अध्यक्ष दिलमणी मिश्र इस मामले को गंभीर बताते हुए कहती हैं कि इसमें नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।