Saturday, November 23, 2024
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त्रिपुरा में सांप्रदायिक हिंसा पर HC ने लिया स्वत: संज्ञान, पूछा- हिंसा रोकने के लिए सरकार की क्या है योजना, 10 नवंबर तक माँगी रिपोर्ट

इसके अलावा, मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायमूर्ति एस तलपात्रा की खंडपीठ ने राज्य के भीतर शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की।

पूर्वोत्तर भारत के त्रिपुरा राज्य में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने व उनकी संपत्तियों को नुकसान पहुँचाने की खबरों पर हाईकोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया है और सरकार से रिपोर्ट माँगी है। मामले का संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायमूर्ति सुभाशीष तलपात्रा ने त्रिपुरा सरकार को इस संबंध में 10 नवंबर तक विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है। साथ ही यह भी पूछा कि सांप्रदायिक उन्माद भड़काने की साजिश को नाकाम करने के लिए राज्य की क्या योजना है।

इसके अलावा, मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायमूर्ति एस तलपात्रा की खंडपीठ ने राज्य के भीतर शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की। कोर्ट ने राज्य के भीतर शांति और व्यवस्था बहाल करने के लिए प्रिंट मीडिया द्वारा निभाई गई ‘सक्रिय व सकारात्मक भूमिका’ को भी स्वीकार किया।

राज्य सरकार ने कोर्ट के समक्ष एक संक्षिप्त नोट देकर राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव लाने के लिए उसके द्वारा उठाए गए कुछ महत्वपूर्ण कदमों के साथ-साथ ऐसी हिंसा के अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में बताया। इसको लेकर कोर्ट ने कहा कि उसकी एकमात्र चिंता त्रिपुरा के सभी नागरिकों की के जीवन, उनकी संपत्ति और स्वतंत्रता को लेकर है। न्यायालय ने यह भी उल्लेख किया कि राज्य पर कानून और व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ नागरिकों को उनके जीवन, आजीविका और संपत्तियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है।

इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि जहाँ सांप्रदायिक हिंसा हुई है, उन स्थानों पर विभिन्न शांति समितियों का गठन किया गया है, न्यायालय ने ऐसे कदमों को और अधिक विस्तार करने की बात कही। कोर्ट ने कहा, “राज्य न केवल जिला स्तर पर बल्कि उप-मंडल स्तर पर और यदि आवश्यक हो तो पंचायत स्तर पर भी शांति समितियाँ बनाने पर विचार कर सकता है और हम सभी राजनीतिक दलों से ऐसी शांति प्रक्रिया में पूरी तरह से भाग लेने का आह्वान करते हैं, ताकि लोगों का विश्वास हो सके। साथ ही राज्य में शांति बहाल हो सके और अप्रिय घटना से उपयुक्त तरीके से निपटा जा सके।”

गौरतलब है कि त्रिपुरा पुलिस ने राज्य के पानीसागर में मस्जिद में आगजनी और तोड़फोड़ के दावों को झूठा करार दिया है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि इस संबंध में सोशल मीडिया में शेयर की जा रही तस्वीरों और वीडियो का राज्य में हुई घटना से कोई संबंध नहीं है। यहाँ बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हुई हालिया हिंसा के विरोध में विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने रैली निकाली थी। इसके बाद से मस्जिद को निशाना बनाए जाने का दावा किया जा रहा था।

बता दें कि VHP ने बंगलादेश में हिन्दुओं पर हुए हमलों के विरोध में पानीसागर में रैली का आयोजन किया था। इसी रैली में मस्जिद पर हमले का दावा किया गया था। पानीसागर उत्तर त्रिपुरा जिले के अंतर्गत आता है। सोशल मीडिया पर मस्जिद पर कथित हमले का वीडियो वायरल होने के बाद त्रिपुरा के कई क्षेत्रों में तनाव फ़ैल गया था। कुछ क्षेत्रों में छिटपुट हिंसक गतिविधियाँ भी हुई थीं। हालात को काबू करने के लिए पुलिस ने इलाके में धारा 144 लागू कर दी थी और धर्मस्थलों की सुरक्षा को भी बढ़ा दिया गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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