तारीख थी 28 जून की। साल था 2022 का। शहर था राजस्थान का उदयपुर। मालदास स्ट्रीट की सुप्रीम टेलर्स में दो लोग आते हैं। कपड़ों की नाप देने। जैसे ही टेलर नाप लेने लगता है कस्टमर बनकर आए दोनों लोग हमला कर देते हैं। बर्बर तरीके से टेलर (Kanhaiyalal Taylor Murder) का गला रेत देते हैं।
इस टेलर का नाम था- कन्हैया लाल तेली। उनकी हत्या को दो साल हो चुके हैं। मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद ने बीजेपी की पूर्व नेता नुपूर शर्मा का समर्थन करने के कारण उनकी हत्या की थी। इस हत्या (Udaipur Kanhaiyalal Murder) ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया था। इस हत्या का खौफ आप इस बात से भी समझ सकते हैं कि दो साल बाद भी मालदास स्ट्रीट की उस गली में पुरानी रौनक नहीं लौटी है, जहाँ कन्हैया लाल की दुकान थी।
दूसरी ओर कन्हैया लाल परिवार आज भी न्याय की प्रतीक्षा में है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार कन्हैया लाल के बड़े बेटे यश साहू आज भी उन तीन प्रण का पालन कर रहे हैं जो उन्होंने पिता की हत्या के बाद लिए थे। यश तेली ने प्रण लिया था कि हत्यारों को जब तक फाँसी नहीं मिलती वे पिता की अस्थियाँ विसर्जित नहीं करेंगे। साथ ही नंगे पैर रहने और बाल नहीं कटवाने का भी प्रण लिया था।
एनडीटीवी राजस्थान को यश ने बताया, “इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए थी। हमें उम्मीद थी कि तीन से 6 महीने में न्याय मिल जाएगा। लेकिन 2 साल बाद भी हमें न्याय का इंतजार है।” वहीं दैनिक भास्कर को यश ने बताया कि हत्या के बाद से जाँच के कारण उनके पिता की दुकान बंद थी। जब एनआईए ने उन्हें दुकान की चाबी सौंपी तो वो दुकान से वह सिलाई मशीन लेकर घर आ गए जो पिता ने उनके जन्म से पहले खरीदी थी। वे कहते हैं, “उस सिलाई मशीन को जब भी देखता हूँ तो मुझे पापा की याद आ जाती है। ऐसा लगता है कि पापा हमारे आसपास हैं।”
रिपोर्ट में बताया गया है कि मालदास स्ट्रीट की जिस गली में कन्हैया लाल की दुकान थी, वहाँ आज भी 10 से ज्यादा दुकानें बंद है। कारोबारी आज भी डरे हुए हैं। उनके बिजनेस में भी उस घटना के बाद गिरावट आई है। कन्हैया लाल की हत्या की जाँच NIA कर रही है। पीड़ित परिवार को राज्य सरकार ने सुरक्षा दे रखी है। 24 घंटे घर पर पुलिस की तैनाती रहती है। लेकिन हत्यारों को अब तक सजा नहीं मिलने से कन्हैया लाल की पत्नी भी मायूस हैं। वे कहती हैं कि बेटे को तपती गर्मी में नंगे पैर ड्यूटी पर जाते देखती हूँ तो मन व्यथित हो जाता है। अब इस मामले में और देरी नहीं होनी चाहिए। जल्द से जल्द सुनवाई पूरी कर हत्यारों को फाँसी दी जानी चाहिए।
ईटीवी भारत की रिपोर्ट के अनुसार रियाज और गौस मोहम्मद सहित इस मामले के 8 आरोपित अभी अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद हैं। इस मामले में एक आरोपित को जमानत भी मिल चुकी है। सभी आरोपितों को अलग-अलग कोठरी में रखा गया है और सीसीटीवी कैमरों के जरिए उनकी निगरानी की जाती है।
जेल सुपरिटेंडेंट के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि आरोपितों में से कुछ अब अपनी करतूत पर कभी-कभी रोने लगते हैं। लेकिन कुछ की बॉडी लैंग्वेज में अभी भी बदलाव नहीं आया है। आरोपितों से मिलने के लिए उनके परिवार के लोग भी आते रहते हैं।