उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने कहा है कि उन्हें समान नागरिक संहिता से कोई समस्या नहीं है, उन्होंने इसके इस्लाम विरोधी होने की बातों को नकार दिया है। साथ ही साथ उन्होंने कहा है कि इसका पालन करने में कोई समस्या नहीं है, क्योंकि यह इस्लामिक मान्यताओं पर कहीं भी अतिक्रमण नहीं करता।
ANI से UCC पर बात करते हुए उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स ने कहा, “मुझे विश्वास है कि इस विधेयक को पूरा देश हाथों-हाथ स्वीकार करेगा। इसके बारे में यह अफवाह फैलाई जा रही है कि UCC इस्लाम विरोधी है, मैं यह कह सकता हूँ कि इसमें कुछ भी इस्लाम के खिलाफ नहीं है और यह इस्लामिक भावनाओ से कहीं नहीं टकराता।”
उन्होंने आगे कहा, “खुद के मुस्लिम होने के नाते मैं कुरान के सामने यह बात पूरी ईमानदारी से कहता हूँ कि UCC को मानने में कोई समस्या नहीं है। जो इसका विरोध कर रहे हैं वह असली मुसलमान नहीं हैं। वह राजनीतिक मुस्लिम हैं जिनका कनेक्शन समाजवादी पार्टी और कॉन्ग्रेस से है। मैं फिर से पूरी जिम्मेदारी से कहता हूँ कि यह बिल इस्लाम का उल्लंघन नहीं करता और मुस्लिम UCC का पालन कर सकते हैं।”
UCC को बुधवार (7 फरवरी, 2024) को उत्तराखंड विधानसभा से बहुत से पास किया गया था। इसके उत्तराखंड विधानसभा से पास होने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इसे ‘उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक दिन’ बताया। उन्होंने कहा कि इस कानून से समाज के सभी वर्गों को फायदा होगा।
UCC को उत्तराखंड विधानसभा में 6 फरवरी को रखा गया था। इससे पहले इसे कैबिनेट की मंजूरी हासिल हुई थी। इस बिल का ड्राफ्ट एक पाँच सदस्यीय पैनल ने 2 फरवरी, 2024 को उत्तराखंड सरकार को सौंपा था। इस तरह से उत्तराखंड आजाद भारत का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने UCC लागू किया है। उत्तराखंड में लाए गए UCC के अंतर्गत विवाह, उत्तराधिकार, तलाक और लिव इन रिलेशनशिप जैसे मामलों के नए नियम बनाए गए हैं। इन्हें समान रूप से राज्य की पूरी जनता पर लागू किया जाएगा।