उत्तर प्रदेश के शहर आजमगढ़ में सीएए के ख़िलाफ चल रहे धरने में लोगों को समझाने पहुँची पुलिस पर प्रदर्शनकारियों ने अचानक से पथराव कर दिया। इस दौरान पुलिस को हालात काबू करने के लिए आँसू गैस के गोले और रबड़ की गोलियाँ भी दागनी पड़ीं। इसके बाद इलाके में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।
आजमगढ़ के बिलिरियागंज कस्बे के मौलाना अली जौहर पार्क में मंगलवार को सीएए और एनआरसी के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन चल रहा था। इसे गंभीरता से लेते हुए पुलिस प्रशासन के अधिकारी मंगलवार को दो बार धरने पर बैठे लोगों को समझाने के लिए गए, लेकिन इसके बाद भी धरने को समाप्त नहीं किया गया। वहीं अधिकारियों ने धरने पर बैठे लोगों की सुरक्षा में पुलिस पार्क में पुलिस फोर्स को तैनात कर दिया। लेकिन बुधवार तड़के ही धरने पर बैठी महिलाओं ने वहाँ सुरक्षा में तैनात पुलिस के जवानों पर अचानक से पथराव कर दिया।
इसकी जानकारी जैसे ही पुलिस के अधिकारियों को हुई वह भारी संख्या में मौके पर पहुँच गए। इस पथराव में एसपी सिटी पंकज पांडेय भी घायल हो गए। वहीं बचाव में पुलिस ने लाठीचार्ज कर महिलाओं को खदेड़ना शुरू कर दिया और पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे। इसके बाद ही स्थिति को कंट्रोल में किया जा सका। वहीं धरना स्थल पर पुलिस द्वारा टैंकर से पानी भरवा दिया गया। इस घटना के बाद कस्बे का महौल तनाावपूर्ण बना हुआ है।
वहीं पुलिस ने घटना स्थल के आस-पास भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात कर दिया है। साथ ही पार्क की ओर जाने वाले रास्ते एहतियातन बंद कर दिया गया है। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उलमा कौंसिल के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना ताहिर मदनी और एक महिला सहित 20 लोगों को गिरफ्तार किया है। साथ ही 35 नामजद और करीब 100 लोगों के खिलाफ में मुकदमा दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि पार्क में धरने को लेकर पहले न तो कोई अनुमति ली गई और न ही किसी को इसके संबंध में बताया गया।