उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक पुलिस अफसर को अनुशासनहीनता की कठोर सजा दी है। वर्ष 2021 में कानपुर के एक होटल में एक महिला सिपाही के साथ पकड़े जाने वाले एक पुलिस उपाधीक्षक (DSP) रैंक के अधिकारी को अब कॉन्स्टेबल बना दिया गया है। उसे कॉन्स्टेबल बनाकर नई पोस्टिंग भी दे दी गई है।
अपने पुलिस करियर में डिमोशन का का यह तमगा पाने वाले अधिकारी का नाम कृपा शंकर कनौजिया है। पुलिस महकमे ने कृपा शंकर कनौजिया के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए उन्हें उनके भर्ती वाले पद पर वापस भेजा है। कनौजिया उत्तर प्रदेश पुलिस में कॉन्स्टेबल के रूप में भर्ती हुए थे और उन्हें दोबारा वही तैनाती दे दी गई है।
उनके खिलाफ यह कार्रवाई 18 जून, 2024 को की गई है। उन्हें गोरखपुर में पीएसी में तैनात किया गया है। उन्हें उन्हें गोरखपुर में 26वीं बटालियन पीएसी में ‘एफ’ दल में तैनात किया गया है। अब DSP होने के कोई अधिकार उनके पास नहीं रह जाएँगे और उनका वेतन समेत सुविधाएँ सिपाहियों वाली मिलेंगी।
कृपा शंकर कनौजिया के विरुद्ध यह कार्रवाई शनिवार (22 जून, 2024) को की गई है। उनके खिलाफ 2021 से ही विभागीय जाँच प्रचलित थी। जिसके पूरे होने के बाद यह एक्शन लिया गया है। उनके खिलाफ की गई कार्रवाई के पीछे उनका 2021 का एक कारनामा है।
दरअसल, वर्ष 2021 में कनौजिया उन्नाव जिले के बीघापुर थाने में तैनात थे। यहाँ वह DSP रैंक पर थे। वह इस थाने से पारिवारिक काम का कारण बता कर छुट्टी लेकर निकले थे। इसके बाद उनका फोन बंद आने लगा था। उनकी पत्नी ने उनके थाने में फोन करके जानकारी दी थी कि वह घर पर नहीं पहुँचे।
कनौजिया की पत्नी ने इसके बाद उन्नाव के एसपी से इस मामले की शिकायत की थी। कनौजिया की तलाश के लिए उनके नम्बर को सर्विलांस पर लगाया गया था। इससे मिले जानकारी के अनुसार पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उन्हें कानपुर में एक होटल में पाया था। यहाँ वह एक महिला कॉन्स्टेबल के साथ मौजूद थे।
इसके बाद उनकी पत्नी ने काफी हंगामा काटा था। महिला कॉन्स्टेबल के साथ पाए जाने के बाद कनौजिया के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई चालू कर दी गई थी। उनके खिलाफ हुई जाँच के बाद उनके खिलाफ प्रतिकूल कार्रवाई की गई और उन्हें उनके कॉन्स्टेबल पर भेज दिया गया।