उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित डासना देवी मंदिर के महंत और अब जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर बने यति नरसिंहानंद सरस्वती की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। खबर है कि गाजियाबाद पुलिस यति नरसिंहानंद के खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए प्रक्रियाएँ भी शुरू हो चुकी हैं।
डासना देवी के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती पर मारपीट, हत्या की कोशिश, महिलाओं से अभद्रता जैसे कई आरोप हैं। एएसपी और सीओ सदर आकाश पटेल का कहना है कि आए दिन मंदिर के प्रांगण में तरह-तरह की गैर-कानूनी गतिविधियाँ होती रहती हैं। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस की एक अस्थायी टीम को भी वहाँ तैनात किया गया है, लेकिन अराजकता के कारण हालात बदतर होते जा रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए विवादित महंत के खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि इसकी मंजूरी के लिए एसडीएम के पास फाइल भेजी गई है। इसकी मंजूरी मिलते ही आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
गाजियाबाद सदर के एसडीएम डीपी सिंह ने इस बात की पुष्टि की है कि गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई के लिए एक फाइल उनके पास आई है, लेकिन उन्होंने अभी तक उसे देख नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामले में एसडीएम की कोई खास भूमिका नहीं होती। जल्द ही फाइल देखने के बाद उसे कार्रवाई के लिए आगे बढ़ा दिया जाएगा।
वहीं, इस मामले में गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार ने यति नरसिंहानंद सरस्वती को कानून-व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा बताया है। पुलिस अधिकारी मुताबिक, मंदिर में जब भी कुछ होता है तो वे पुलिस को जाँच नहीं करने देते और उल्टे पुलिस पर ही आरोप मढ़ देते हैं। इसलिए वो गुंडा एक्ट के लिए सर्वथा उपयुक्त हैं।
गौरतलब है कि यति नरसिंहानंद सरस्वती लगातार विवादों में बने रहते हैं। इसी साल अगस्त महीने में उन्होंने महिला नेताओं को रखैल करार दिया था। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में महंत यति नरसिंहाननद सरस्वती ने कहा था, “अब सरकारी ठेकों का रेट 10% हो गया है। जितनी भी भाजपा की महिला नेताएँ आपको दिखाई दे रही हैं, वो एक नेता के पास गईं और दूसरे के पास नहीं गईं तो दूसरा उनका काम नहीं करेगा। तीसरे से काम है तो तीसरे के पास जाना है। ये है राजनीति। पूरा मजा आ रहा है। इतनी महिलाएँ राजनीति में घूम रही हैं, पूरा मजा आ रहा है।”