मुहर्रम के 10वें दिन शनिवार (29 जुलाई) को निकाले गए ताजिए के जुलूस के दौरान भारत विरोधी और पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने के आरोप में जौनपुर जिले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने 33 लोगों को गिरफ्तार किया।
यह कार्रवाई घटना की 30 सेकंड की वीडियो क्लिप के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद की गई, जिसमें मुस्लिमों को अल्लाह-हु-अकबर, नारा-ए-तकबीर और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हुए सुना जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना उत्तर प्रदेश के जौनपुर के गोधना गाँव की बताई जा रही है।
➡️जौनपुर में लगे पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे
— TV9 Uttar Pradesh (@TV9UttarPradesh) August 1, 2023
➡️मोहर्रम के दशमी जुलूस के दौरान लगे नारे
➡️सोशल मीडिया पर वीडियो हो रहा वायरल
➡️पुलिस ने 33 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया
➡️मीरगंज थाना क्षेत्र के गोधना का मामला।@jaunpurpolice #jaunpur pic.twitter.com/91fuf4wZ8C
जौनपुर पुलिस ने इस मामले में मंगलवार (1 अगस्त 2023) को एक वीडियो बाइट जारी कर घटना की जानकारी दी। घटना के बारे में बोलते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) ग्रामीण शैलेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि 31 जुलाई को सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया जिसमें 10वीं मुहर्रम के जुलुस के दौरान कुछ असामाजिक तत्वों को भारत विरोधी और ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाते हुए देखा जा सकता है। ताजिए का यह जुलुस 29 जुलाई को जो जुलूस निकाला गया था।
उन्होंने कहा कि यह घटना मीरगंज पुलिस थाने की सीमा के अंतर्गत आने वाले गोधना गाँव में हुई।
थाना मीरगंज अंतर्गत मोहर्रम जुलूस के दौरान आपत्तिजनक नारा लगाने की घटना के संबंध में थाना स्थानीय पर 33 नामजद के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कर सभी को पुलिस हिरासत में लिया जा चुका हैं। घटना व कार्यवाही के सम्बन्ध में अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण जौनपुर,श्री शैलेन्द्र कुमार सिंह की बाईट। pic.twitter.com/fu3XNErWw0
— Jaunpur police (@jaunpurpolice) August 1, 2023
एएसपी ने आगे बताया कि पुलिस ने तुरंत वीडियो का संज्ञान लिया और 33 लोगों पर धारा 153ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 153बी (राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक आरोप, दावे; यदि सार्वजनिक पूजा स्थल आदि में किया गया हो) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
साथ ही 259ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, जिसका उद्देश्य किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाना ), 188 (किसी आदेश की जानबूझकर की गई अवज्ञा को अपराध माना जाता है, जिसे ऐसा करने के लिए कानून द्वारा सशक्त लोक सेवक द्वारा विधिवत प्रख्यापित किया गया है) और आईपीसी की धारा 505(2) (घृणास्पद भाषण) के तहत मामला दर्ज करते हुए कार्रवाई की गई है।