उत्तर प्रदेश के मेरठ में ईसाई में धर्मांतरण का खुलासा किया है। पुलिस की छापेमारी में एक मकान के भीतर 40 से ज्यादा महिलाएँ और बच्चे मौजूद मिले। धर्मांतरण के लिए लोगों को लड़का-लड़की की शादी कराने के लिए चर्च द्वारा खर्च उठाने, नकद पैसे देने और बीमारी दूर करने का लालच देकर ब्रेनवॉश किया जा रहा था। यह सब नेटवर्क मार्केटिंग की तरह अंजाम दिया जा रहा था।
कंकरखेड़ा थाना इलाके की विकास एन्क्लेव कॉलोनी में केरल का बिज्जू मैथ्यू दो महीने पहले किराए का मकान लेकर अपने परिवार के साथ यहाँ रहता है। यहाँ वह हर रविवार को प्रार्थना सभा का आयोजन करता था। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग सुबह से लेकर शाम तक इस मकान में आते रहते थे। इसको देखकर स्थानीय लोगों को संदेह हुआ और उन्होंने इसकी सूचना स्थानीय पुलिस और हिंदू संगठनों को दे दी।
रविवार (20 अक्टूबर 2024) को पुलिस और हिंदू संगठन के लोग वहाँ पहुँचे तो महिलाएँ और बच्चे जमीन पर बैठे हुए थे। वहीं, बिज्जू और उसकी पत्नी कुर्सी पर बैठकर हिंदू धर्म के खिलाफ लोगों को भड़का रहे थे। बिज्जू कह रहा था, “जो तुमसे प्यार करे उसको प्यार करो। आज करवाचौथ का दिन है लेकिन परिवार तुमसे प्यार नहीं करता, परमेश्वर करता है इसलिए परमेश्वर की शरण में आओ।”
वह लोगों से कह रहा था, “तुम्हें यीशु की पूजा करनी है। पैसा क्या चीज है? जो तुम चाहोगे, वह सब मिलेगा। तुम्हारे देवता क्या दे पाए आज तक? समाज में तुम्हें इज्जत तक नहीं मिलती। यीशु की शरण में चले आओ। यहाँ सब कुछ मिलेगा तुम्हें।” उसके हिंदू विरोधी प्रवचन को सुनकर हिंदू संगठनों के साथ-साथ स्थानीय लोग भड़क गए। इस दौरान भाजपा के पूर्व पार्षद ऋषिपाल सिंह भी मौजूद थे।
इसके बाद पुलिस ने बिज्जू और उसकी पत्नी के साथ-साथ एक व्यक्ति को लेकर थाने आ गई। एक व्यक्ति की तहरीर पर पुलिस ने इन तीनों के खिलाफ मामला दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया। भाजपा नेता अनमोल ने दावा किया कि पूछताछ में उन्हें पता चला है कि ये पति-पत्नी अब तक 300 लोगों का धर्मांतरण करा चुके हैं। दरअसल, बिज्जू पादरी के रूप में काम करता है।
भास्कर की टीम ने अपनी ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान पाया कि धर्मांतरण का यह खेल बहुत सुनियोजित तरीके से खेला जा रहा था। यह बिल्कुल नेटवर्क मार्केटिंग की तरह काम करता है। यहाँ जिस व्यक्ति का धर्मांतरण किया जाता है, उसे दो अन्य लोगों को लाना होता है और उन्हें धर्मांतरण कराना होता है। इसके बदले में उन्हें तमाम तरह के लालच दिए जाते हैं।
ईसाई में धर्मांतरण के लिए बिज्जू तीन लालच देता था। पहला, धर्मांतरण करने वाले परिवार के लड़का या लड़की की शादी करवाएगी और इसका खर्च चर्च के लोग उठाएँगे। दूसरा, धर्मांतरण करने वाले व्यक्ति या परिवार को खुद का रोजगार करने के लिए 2 से 5 लाख रुपए तक की मदद देने का वादा करता था। तीसरा, बीमारियाँ ठीक करने के लिए पवित्र जल और झाड़-फूँक का वादा करते थे।।
भाजपा नेता अनमोल ने कहा कि करीब डेढ़ महीने से बिज्जू के आवास वाले मकान में महिलाओं एवं बच्चों का लगातार आना-जाना लगा था। बाद में पता चला कि वे ईसाई धर्म का प्रचार कर रहे हैं। अनमोल का दावा है कि बिज्जू और उसकी पत्नी पिछले 15 साल से मेरठ के अलग-अलग इलाके में किराए पर मकान लेते हैं और वहाँ पर प्रार्थना सभा आयोजित करके लोगों। को ईसाई में धर्मांतरण करवाते हैं।
अनमोल के अनुसार, यहाँ आने वाली एक महिला ने बताया कि हमसे कहा जाता था कि जो कुछ हम सीखते हैं, उसको आगे भी 2 लोगों को बताना और सिखाना है। उन्हें परमेश्वर की कृपा और उसके चमत्कारों के बारे में बताना है। इस तरह से यह नेटवर्क बनता चला जाता था। एक आदमी का धर्म बदलता तो वो दूसरे आदमी को धर्मांतरण के लिए तैयार करता। उनका फोकस गरीब और महिलाओं पर होता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि धर्मांतरण के इस गिरोह का नेटवर्क बहुत मजबूत है। आम जनता के बीच में इनके लोग मौजूद हैं। इनमें मिशनरी स्कूलों के शिक्षक भी शामिल हैं। ये शिक्षक शहर के नामी स्कूलों में बच्चों का नामांकन कराने का लालच देते हैं। ये गरीब और महिलाओं को अनाज एवं दवाएँ देकर झाँसे में लेते और फिर उनका ब्रेनवॉश करते थे।
इस मामले पर एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह का कहना है कि धर्मांतरण का आरोप है और इसकी जाँच सीओ दौराला शुचिता सिंह को सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि जाँच के बाद जो भी तथ्य सामने आएँगे, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। एसपी आयुष विक्रम सिंह ने कहा कि यदि धर्मांतरण की बात सच निकलती है तो आरोपितों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।