8 पुलिसकर्मियों की जान लेने वाला कानपुर का दुर्दांत अपराधी विकास दुबे अभी तक फरार है और उत्तर प्रदेश पुलिस को आशंका है कि उसे प्रशासन और राजनीति में पैठ किए लोगों से मदद मिल रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस बात को समझा है और आपराधिक नेटवर्क को जड़ से ख़त्म करने के लिए विकास दुबे को संरक्षण और समर्थन देने वाले हर उस व्यक्ति की सूची बनाई जा रही है, जिसने उसकी मदद की है।
ये मामला मुख्यमंत्री और उनके सरकार की छवि को भी नुकसान पहुँचाने वाला बन गया है, इसीलिए सीएम योगी सख्त हैं। विकास दुबे से जुड़े सारे नेताओं की लिस्ट तैयार की जा रही है, चाहे वो किसी भी राजनीतिक पार्टी में क्यों न हों। इस काम में प्रशासनिक तंत्र के साथ-साथ ख़ुफ़िया विभाग भी लगा हुआ है। यहाँ तक कि भाजपा के भी जिन नेताओं के विकास दुबे से सम्बन्ध हैं, उनका भी ब्यौरा जुटा कर आगे की कार्रवाई तैयार की जा रही है।
इस बात का पूरा ध्यान रखा जा रहा है कि सब कुछ एकदम गोपनीय तरीके से हो। ‘अमर उजाला’ की ख़बर के अनुसार, जिन भी नेताओं पर शक की सूई घूमेगी, उन्हें स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तलब करेंगे और उनसे स्पष्टीकरण माँगा जाएगा। सरकार के भी एक मंत्री के साथ विकास दुबे की तस्वीर वायरल हो रही है, जिसे लेकर सीएम योगी सख्त हैं। विकास दुबे के संरक्षण गैंग पर पुलिस-प्रशासन की टेढ़ी नज़र है और उन्हें बेनकाब किया जाना है।
इधर विकास दुबे पर इनामी राशि भी बढ़ा दी गई है। उस पर 1 लाख रुपए का इनाम रखा गया है। साथ ही उसके 18 अन्य गुर्गों पर भी 25-25 हज़ार रुपए का इनाम रखा गया है। यह भी पता चला है कि विकास दुबे ने पहले ही पुलिस विभाग को धमकी दी थी, जिसे उतनी गंभीरता से नहीं लिया गया। अपनी धमकी में उसने पुलिसिया कार्रवाई के बाद बागी हो जाने की बात कही थी। पुलिस बल में कम ही जवान थे, जिससे उसे फरार होने का मौका मिल गया।
कानपुर मुठभेड़ के आरोपित विकास दुबे को पकड़ने के लिए यूपी पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है और इसमें कई टीमें लगाई गई हैं। इसी बीच सोशल मीडिया पर कुछ लोग इसे ‘ब्राह्मण बनाम ठाकुर’ बना कर पेश करते हुए उसके समर्थन में लिख रहे हैं। सोशल मीडिया में लोग पुलिस के जवानों के बलिदान का अपमान करते हुए विकास दुबे के कृत्य को सही ठहरा रहे हैं, जिसके कारण कई केस दर्ज किए गए हैं।
Breaking News : Shri Yogi Adityanath Ji Govt makes strong stern steps against Vikas Dubey main accused for Kanpur UP Police mens killings. #योगी_का_चला_बुल्डोजर pic.twitter.com/g7w7IuoNVU
— Reema Kaur Ahluwalia (@Reema_ahluwalia) July 4, 2020
पुलिस गैंगस्टर विकास दुबे के समर्थन में लिखने वालों पर शिकंजा कसने के लिए सोशल मीडिया पर नज़र रख रही है। विकास दुबे के तीन अन्य भाई भी हिस्ट्रीशीटर हैं। साथ ही उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाले राहुल तिवारी भी फरार हैं क्योंकि उनके परिवार को डर है कि विकास उन्हें नुकसान पहुँचा सकता है। सोशल मीडिया पर इन अपराधियों के समर्थन में लिखने वालों को पुलिस चिह्नित कर रही है।
‘हिंदुस्तान’ की ख़बर के अनुसार, पुलिस एनकाउंटर में मार गिराए गए विकास दुबे के मामा और चचेरे भाई का पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया। बताया गया है कि पुलिस ने परिजनों को इसकी सूचना दे दी थी, इसके बावजूद कोई भी नहीं आया। इसके कारण पुलिसकर्मियों ने ही भैरोघाट स्थित विद्युत शवदाह गृह में इन दोनों का अंतिम संस्कार करा दिया। वीडियोग्राफी के साथ पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया पूरी की गई।
गौरतलब है कि कानपुर में दो जुलाई को हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर हमला किया। हमले में आठ पुलिसकर्मी की मौत हो गई। इस घटना के बहाने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यूपी पुलिस का मजाक उड़ाने की कोशिश की है। विकास दुबे की सपा-बसपा के कई नेताओं से करीबी रही है। उसकी पत्नी सपा के टिकट पर पंचायत चुनाव भी लड़ चुकी है।