वाशिंगटन पोस्ट की ग्लोबल ओपिनियंस राइटर राणा अयूब ने अयोध्या मामले को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिसके बाद यूपी पुलिस ने उन्हें चेतावनी दी। हिन्दुओं व भारत के ख़िलाफ़ अक्सर बयान देने वाली राणा अयूब जम्मू-कश्मीर को लेकर भी ज़हर उगलती रहती हैं। अयोध्या विवाद पर फैसला आने से पहले उन्होंने ट्वीट किया:
“शनिवार (नवंबर 9, 2019) का दिन भारत के लिए बहुत बड़ा दिन होगा। बाबरी मस्जिद भारतीय मुस्लिमों की आस्था का स्मारक था। इसे दिसंबर 6, 1992 को उन्हीं लोगों ने ध्वस्त कर दिया, जो आज सत्ता में हैं। इसने मेरी ज़िंदगी बदल दी। इस घटना ने मेरे जैसी करोड़ों मुस्लिमों की ज़िंदगी बदल दी, जिन्हें रातोंरात बेदखल कर दिया गया। मुझे उम्मीद है कि मेरा देश फ़ैसले के दिन मुझे निराश नहीं करेगा।”
Tomorrow is a big day for India. The Babri Masjid, a monument of faith for Indian muslims was demolished on 6th Dec 1992 by those in power today. It changed my life and a generation of Muslims who were ‘othered’ overnight. I hope my country does not disappoint me tomorrow.
— Rana Ayyub (@RanaAyyub) November 8, 2019
राणा अयूब ने इस ट्वीट में सीधा-सीधा आरोप लगाया कि आज जो लोग सत्ता में हैं, उन्होंने ही मस्जिद को ध्वस्त किया था। इसके बाद अमेठी पुलिस ने उन्हें तुरंत अपना ट्वीट डिलीट करने को कहा। अमेठी पुलिस ने राणा अयूब से कहा कि उन्होंने एक राजनीतिक टिप्पणी की है। साथ ही पुलिस ने कहा कि अगर अयूब ने तुरंत अपना ट्वीट
डिलीट नहीं किया तो उनके ख़िलाफ़ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। हालॉंकि बाद में अमेठी पुलिस ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया।
राणा अयूब अक्सर अपने भारत-विरोधी रुख का प्रदर्शन करते रहती हैं। हाल ही में उन्होंने दावा किया था कि भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर में सैकड़ों बच्चों को गिरफ़्तार कर रखा है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया था कि सुरक्षा बलों ने एक 92 वर्षीय वृद्ध महिला पर हमला किया। राणा अयूब गैंग के अन्य पत्रकारों ने आरोप लगाया कि अयूब के उपर्युक्त ट्वीट के कारण अमेठी पुलिस एक पत्रकार को धमकाने का कार्य कर रही है। जॉय अयूब ने लिखा कि राणा अयूब के इस ट्वीट के जवाब में नरसंहारक प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं।
वहीं, फ़ाय डिसूजा ने पुलिस से पूछा कि उक्त ट्वीट के माध्यम से राणा अयूब ने आईपीसी की कौन सी धारा का उल्लंघन किया है? उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अयोध्या पर फ़ैसले के दिन डिबेट करने वाले सभी पत्रकारों को सावधान रहना चाहिए। ‘फॉरेन पॉलिसी’ के मैनेजिंग एडिटर रवि अग्रवाल ने लिखा कि पुलिस राणा अयूब को चुप कराने की कोशिश कर रही है। रेबेका विन्सेंट ने तो ट्विटर के सीईओ जैक को टैग कर के उन्हें यूपी पुलिस को रोकने को कहा। ताज़ा सूचना के अनुसार, अमेठी पुलिस ने ट्विटर पर राणा अयूब को ब्लॉक कर दिया है। हालाँकि, इसका कारण स्पष्ट नहीं हो सका है।
गौरतलब है कि अयोध्या विवाद में आज (9 नवंबर 2019) सुबह 10:30 बजे सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली संविधान पीठ ने 16 अक्टूबर को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। पाँच सदस्यीय पीठ ने छह अगस्त से लगातार 40 दिन इस मामले की सुनवाई की थी। पीठ में मुख्य न्यायाधीश के अलावा जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एसए नजीर शामिल हैं।