उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) जल्द ही लागू हो सकती है। राज्य के स्थापना दिवस (9 नवम्बर) को ही UCC लागू करने पर काम चल रहा है। UCC लागू करने के लिए बनाई गई कमिटी की भी सभी बैठकें पूरी हो चुकी हैं और इस पर अंतिम मुहर भी लग गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, UCC लागू करने और इसके नियम बनाने के लिए बनाए गए पैनल ने सोमवार (7 अक्टूबर, 2024) को इसके अंतिम प्रारूप पर मुहर लगा दी। कमिटी द्वारा दिया गया यह अंतिम प्रारूप अब प्रिंट रूप में लाया जाएगा। कमिटी के मुखिया का कहना है कि इसके बाद यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपी जाएगी।
UCC लागू करने की तैयारियों को पूरा करने के बाद इसे जल्द लागू किया जा सकता है। CM पुष्कर सिंह धामी पहले भी कह चुके हैं कि इसे 9 नवम्बर, 2024 को लागू करने का विचार है क्योंकि इस दिन राज्य का 25वाँ स्थापना दिवस होगा। उत्तराखंड की स्थापना 9 नवम्बर, 2000 को हुई थी। इसे उत्तर प्रदेश के पर्वतीय जिलों को अलग करके बनाया गया था।
कमिटी के मुखिया शत्रुघन सिंह ने बताया कि कई दौर की बैठकों के बाद उन्होंने UCC के नियम-कानून को अंतिम रूप दे दिया है। इन नियम-कानून को बनाने के लिए लगभग 130 बैठकें हुई हैं। CM धामी को इन नियम-क़ानून वाली लगभग 500 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
कमिटी ने बताया है कि UCC लागू होने के बाद 6 महीने का समय राज्य में लोगों को अपनी शादी पंजीकृत करवाने के लिए दिया जाएगा। यह सुविधा CSC पर भी मौजूद होगी। इसके अलावा राज्य में वसीयत जैसी सुविधाएँ एप के जरिए दी जाएँगी। UCC के भीतर बहुविवाह पर भी रोक लगाई गई है और लिव इन रिलेशनशिप के लिए भी रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है।
कमिटी के एक सदस्य ने बताया है कि जब राज्य में शादियों और लिव इन जैसे रजिस्ट्रेशन हो जाएँगे तो जनसंख्या को लेकर एक आँकड़ा भी सामने आ जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे नीतियाँ बनाने में मदद मिलेगी और पता भी चलेगा कि किसे इन नीतियों का लाभ दिया जाए।
UCC को फरवरी,2024 में विधानसभा में पेश किया गया था और यह बहुमत से पास हो गया था। इसके बाद मार्च, 2024 में इसको राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इसे मंजूरी दे दी थी। तब से इसे लागू करने के नियमों और कानूनों पर काम चल रहा था। अब यह अंतिम रूप पाने के बाद CM धामी के पास जाएगा और सरकार के फैसले के बाद राज्य में लागू होगा।
यदि 9 नवम्बर, 2024 को उत्तराखंड में UCC लागू हो जाता है तो यह ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य होगा। भाजपा शासित अन्य राज्य भी UCC लाने पर विचार कर रहे हैं।