उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) को लेकर बीजेपी सरकार ने विशेषज्ञों की समिति का गठन किया था। इस समिति का कार्यकाल 6 महीने के लिए और बढ़ा दिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार UCC पर समिति को 2.5 लाख से अधिक सुझाव मिले हैं। इनमें से कुछ बेहद महत्वपूर्ण बताए जा रहे हैं।
रिटायर्ड न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली समिति का कार्यकाल अब 27 मई 2023 तक रहेगा। इसी साल मई में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस समिति का गठन किया था। उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान सत्ता में वापसी पर यूसीसी का वादा किया था। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार समिति को शादी, तलाक, लिव-इन रिलेशनशिप, बच्चों की संख्या वगैरह को लेकर भी लोगों से सुझाव मिले हैं।
5 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति की प्रदेश भर में अब तक 30 बैठकें हो चुकी है। इसका मकसद लोगों का सुझाव लेना था। इसके लिए बकायदा एक वेबसाइट भी बनाया गया है। हालाँकि मुस्लिमों में अभी भी यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर संशय बना हुआ है। उनका मानना है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड का लक्ष्य उनको निशाना बनाना है। समिति उनकी आशंकाओं को दूर करने की भी लगातार कोशिश कर रही है।
समिति ने अलग-अलग समुदाय के लोगों और नेताओं के साथ बैठक करके उनकी समस्याओं को समझने का प्रयास किया है। समिति ने हाल ही में मुस्लिमों के साथ पिरान कलियार में बैठक की थी। वहीं सिख समुदाय के लोगों के साथ उधम सिंह नगर के नानकमाता में, जबकि ईसाई समुदाय के साथ नैनीताल में और अखाड़ा परिषद के साथ हरिद्वार में अलग-अलग बैठक आयोजित की गई।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार आम लोगों की सलाह पर समिति ने अपनी रिपोर्ट में भी कुछ सुझाव दिए हैं। ये सुझाव लैंगिक समानता, महिलाओं की विवाह की उम्र, पैतृक संपत्तियों में बेटियों की हिस्सेदारी, LGBTQ जोड़ों के कानूनी अधिकार और लिव इन रिलेशनशिप से जुड़े हुए हैं।