राजस्थान के भरतपुर के एक होटल में सैकड़ों लोगों का धर्मांतरण किए जाने की कोशिश का मामला सामने आया है। हिंदू संगठनों के हंगामे के बाद कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई है। इन संगठनों का दावा है कि ईसाई मिशनरी से जुड़े लोगों ने महिलाओं को 500-500 रुपए दिए थे। साथ ही ईसाई बनने पर 40-50 हजार रुपए खाते में डालने का प्रलोभन दिया गया था।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार भरतपुर में हाइवे के पास स्थित एक होटल में रविवार (11 फरवरी 2024) को प्रार्थना सभा के नाम पर सैकड़ों लोग जुटाए गए थे। जब हिंदू संगठनों को इसकी जानकारी मिली तो वे भी मौके पर पहुँच गए। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच झड़प हो गई। मौके पर पहुँचकर पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया और हालात पर काबू पाया। इस संबंध में हिंदुवादी संगठनों की तरफ से स्थानीय अटल बाँध थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है।
राजस्थान पत्रिका ने भरतपुर के सीओ के हवाले से बताया है कि कुछ लोगों से पूछताछ चल रही है। दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। राजस्थान तक के अनुसार फिलहाल किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। 20 लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने जाँच पूरी होने के बाद ही पूरे घटनाक्रम का खुलासा करने की बात कही है।
दैनिक भास्कर ने विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष लाखन सिंह के हवाले से बताया है कि वे लोग जब मौके पर पहुँचे तो ईसाई धर्म की चंगेजी सभा चल रही थी। ईसाई मिशनरी से जुड़े लोग हिंदू देवी-देवताओं के बारे में आपत्तिजनक बातें कर रहे थे और लोगों से कह रहे थे कि ईसामसीह के पास सभी समस्याओं का हल है। ईसाई धर्म अपनाने पर उनकी सभी समस्याओं का हल हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि हिंदुवादी कार्यकर्ताओं ने जब इसका विरोध किया तो सभा में मौजूद लोगों ने मारपीट की कोशिश की। लाखन सिंह का यह भी दावा है कि सभा में आने के लिए महिलाओं को 500 रुपए दिए गए थे। बच्चों की शादी सहित कई अन्य कार्यों में उनकी मदद का वादा किया गया था। सभा में मौजूद लोगों की संख्या के बारे में अलग-अलग रिपोर्टों में अलग-अलग दावे किए गए हैं। 350 से लेकर करीब 500 लोगों के जुटान की बातें इन रिपोर्टों में कही गई है।