Friday, April 19, 2024
Homeदेश-समाजअयोध्या में जुटे VHP से जुड़े वकील और रिटायर्ड जज, समलैंगिक विवाह के खिलाफ...

अयोध्या में जुटे VHP से जुड़े वकील और रिटायर्ड जज, समलैंगिक विवाह के खिलाफ प्रस्ताव पारित: पहले भी भारतीय संस्कृति के लिए बताया था घातक

विहिप के कानूनी प्रकोष्ठ ने कहा है कि समलैंगिक विवाह पर निर्णय लेने में कोई जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि देश सामाजिक-आर्थिक क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण मुद्दों का सामना कर रहा है। इसमें गरीबी उन्मूलन, बुनियादी जरूरतें जैसे मुफ्त शिक्षा का अधिकार, प्रदूषण मुक्त वातावरण का अधिकार, जनसंख्या नियंत्रण शामिल हैं।

अयोध्या में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन (22-23 अप्रैल 2023) में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के कानूनी प्रकोष्ठ ने समलैंगिक विवाह के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है। इसमें निचली अदालतों से लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक से जुड़े विभिन्न राज्यों के 500 से अधिक अधिवक्ताओं और सेवानिवृत्त जजों ने भाग लिया। समलैंगिक विवाह को हिंदू संगठन पहले भी भारतीय संस्कृति के लिए घातक बता चुका है।

विश्व हिंदू परिषद ने 24 अप्रैल 2023 को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से प्रेस रिलीज जारी कर प्रस्ताव पास किए जाने की जानकारी दी है। इसमें कहा गया है समलैंगिक विवाह पर निर्णय लेने में कोई जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि देश सामाजिक-आर्थिक क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण मुद्दों का सामना कर रहा है। इसमें गरीबी उन्मूलन, बुनियादी जरूरतें जैसे मुफ्त शिक्षा का अधिकार, प्रदूषण मुक्त वातावरण का अधिकार, जनसंख्या नियंत्रण शामिल हैं।

प्रस्ताव में कहा गया है कि भारतीय समाज पुरुषों और महिलाओं के बीच विवाह को मान्यता देता है। विवाह की संस्था केवल दो विपरीत लिंग का मिलन ही नहीं है, बल्कि मानव जाति की उन्नति भी है। विहिप के मुताबिक, भारतीय समाज में विवाह को दो विपरीत लिंग के जोड़ों का पवित्र मिलन माना गया है। शादी सिर्फ दो व्यक्तियों का नहीं, बल्कि दो परिवारों का मिलन होता है। यह भारत में एक त्योहार के रूप में मनाया जाता है। यदि समलैंगिक विवाह की अनुमति दी जाती है तो यह तो ऐसा संभव नहीं होगा।

हिंदू संगठन ने कहा कि वर्तमान मामला समलैंगिक विवाह के पक्ष में संसद को कानून बनाने के लिए निर्देशित करने के इरादे से उसकी शक्तियों पर स्पष्ट रूप से अतिक्रमण करने का प्रयास है। इसके अलावा, वीएचपी ने यह भी कहा कि शीर्ष अदालत संसद को सोलह साल पहले छोड़ी गई एक रिपोर्ट की सिफारिशों को स्वीकार करने के लिए निर्देश दे, जो ईसाई या इस्लाम कबूलने वाले दलितों के आरक्षण से संबंधित है।

बता दें कि इससे पहले विश्व हिंदू परिषद ने कहा था कि जिस ‘जल्दबाजी’ से सुप्रीम कोर्ट समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की याचिकाओं का निस्तारण कर रहा है, वह उचित नहीं है। विहिप के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने शनिवार (22 अप्रैल 2023) को कहा था, “देश में समलैंगिक विवाह (Same-sex Marriage) को कानूनी मान्यता देने से नए विवाद पैदा हो सकते हैं। यह भारतीय संस्कृति के लिए घातक सिद्ध होगा।” जैन ने कहा था कि इस विषय पर आगे बढ़ने से पहले सुप्रीम कोर्ट को धर्मगुरुओं, चिकित्सा क्षेत्र, समाज विज्ञानियों और शिक्षाविदों की समितियाँ बनाकर उनकी राय लेनी चाहिए।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में LGBTQ+ व्यक्तियों के मौलिक अधिकारों को लागू करने की माँग को लेकर याचिका दायर की गई थी। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच सुनवाई कर रही है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में 21 राज्य-केंद्रशासित प्रदेशों के 102 सीटों पर मतदान: 8 केंद्रीय मंत्री, 2 Ex CM और एक पूर्व...

लोकसभा चुनाव 2024 में शुक्रवार (19 अप्रैल 2024) को पहले चरण के लिए 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 संसदीय सीटों पर मतदान होगा।

‘केरल में मॉक ड्रिल के दौरान EVM में सारे वोट BJP को जा रहे थे’: सुप्रीम कोर्ट में प्रशांत भूषण का दावा, चुनाव आयोग...

चुनाव आयोग के आधिकारी ने कोर्ट को बताया कि कासरगोड में ईवीएम में अनियमितता की खबरें गलत और आधारहीन हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe