Monday, November 25, 2024
Homeदेश-समाजविसर्जन के दौरान मोहम्मद निराला, दानिश और सरफराज ने किया बाँस से हमला: भगवान...

विसर्जन के दौरान मोहम्मद निराला, दानिश और सरफराज ने किया बाँस से हमला: भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति हुई खंडित, कई घायल

मूर्ति का विसर्जन करने जा रहे हिंदू युवकों पर हमला करने वाले आरोपितों के नाम मोहम्मद निराला, दानिश और सरफराज है। गोलू खेलानी ने बताया कि जब उन्होंने पुलिस से इसकी शिकायत की, तो पहले तो पुलिस ने केस ही नहीं दर्ज किया और फिर बाद में पुलिस ने हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों के खिलाफ FIR दर्ज कर दिया, जबकि......

भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति का विसर्जन कराने ले जा रहे हिंदू युवकों पर मुस्लिम भीड़ ने लाठी-डंडे और बाँस से हमला कर दिया। मूर्ति पर बाँस से हमला कर क्षतिग्रस्त कर दिया गया। घटना बिहार के मोतिहारी के महिषी थाना के तरनिया गाँव की है। 

इस बाबत हमने बजरंग दल के चटिया अनुमण्डल अध्यक्ष गोलू खेलानी से बात की। उन्होंने बताया कि ये घटना शुक्रवार (सितंबर 18, 2020) को घटित हुई। गोलू खेलानी ने बताया कि शुक्रवार की शाम लगभग 4 बजे कुछ हिंदू युवक भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति का विसर्जन करने के लिए जा रहे थे। रास्ते में थोड़ी दूर मुस्लिम बस्ती पड़ती है। जैसे ही गाड़ी मुस्लिम बस्ती के पास पहुँची, उन लोगों ने मूर्ति ले जाने से मना किया।

गोलू खेलानी के अनुसार, “समुदाय विशेष के लोगों ने चेतावनी दी कि अगर मूर्ति को इस रास्ते से ले जाया जाएगा तो वो लोग उसे तोड़ देंगे, मगर हिंदुओं ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। वो आगे बढ़ने लगे। ये देख मुस्लिम भीड़ आक्रामक हो गई और उन पर हमला कर दिया। पहले उन्होंने गाड़ी पर बाँस से हमला किया। फिर दलित ड्राइवर सुखारी राम पर हमला किया। उनसे गाड़ी की चाबी छीन ली। इसके बाद मूर्ति पर बाँस से हमला कर क्षत-विक्षत कर दिया। इस हमले में कई लोग घायल भी हो गए।”

मूर्ति का विसर्जन करने जा रहे हिंदू युवकों पर हमला करने वाले आरोपितों के नाम मोहम्मद निराला, दानिश और सरफराज है। गोलू खेलानी ने बताया कि जब उन्होंने पुलिस से इसकी शिकायत की, तो पहले तो पुलिस ने केस ही नहीं दर्ज किया और फिर बाद में पुलिस ने हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों के खिलाफ FIR दर्ज कर दिया, जबकि हिंदुओं की कोई गलती नहीं थी। विसर्जन करने जा रहे युवकों की संख्या भी 10-15 ही थी। इस घटना के बाद गाँव में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

गौरतलब है कि इससे पहले बिहार के शेखपुरा जिले में सरस्वती मूर्ति विसर्जन के दौरान शनिवार (फरवरी 1, 2020) को 2 सम्प्रदायों के बीच भड़की हिंसा में जेडीयू के एक स्थानीय नेता की मौत हो गई थी। पुलिस ने इस संबंध में 4 आरोपितों को गिरफ्तार किया था। पुलिस के मुताबिक शनिवार देर शाम सरस्वती प्रतिमा ले जा रहे जुलूस पर मुस्लिम युवकों ने हमला कर दिया गया था। इसी हमले में जदयू के प्रखंड अध्यक्ष अमित कुमार विश्वास के सिर पर गहरी चोट आई थी। और रविवार को उनकी मौत हो गई थी।

इस मामले में आरोपितों की पहचान इस्माइल खान, सैफुल खान, इश्तियाक खान, शहंशाह खान, अशरफ खान, आसिफ खान, अकबर खान, इरफान आलम के रूप में हुई थी। इनमें से असलम, शहंशाह, आसिफ और अकबर को गिरफ्तार कर लिया गया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

60% मुस्लिम, कॉन्ग्रेस के हुसैन परिवार का दबदबा… कुंदरकी जैसी ही है सामागुरी में BJP की जीत भी: असम-मेघालय में NDA का क्लीन स्वीप

असम की सामागुरी सीट पर बीजेपी को मिली जीत खास चर्चा का विषय रही। यह सीट मुस्लिम बहुल क्षेत्र में आती है और इसे कॉन्ग्रेस का गढ़ माना जाता था।

दिल पर पत्थर रखो या पहाड़ आरफा बीबी, पर सच तो यही है कि मंदिरों पर गढ़ी गई हैं मस्जिदें, तुम्हारे पुरखे भी हैं...

संभल हिंसा मामले को नया मोड़ देने के लिए आरफा खानुम शेरवानी ने पत्थरबाजी करने वाली भीड़ की करतूत को जायज दिखाते हुए कोर्ट पर सवाल खड़े किए हैं।
- विज्ञापन -