भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति का विसर्जन कराने ले जा रहे हिंदू युवकों पर मुस्लिम भीड़ ने लाठी-डंडे और बाँस से हमला कर दिया। मूर्ति पर बाँस से हमला कर क्षतिग्रस्त कर दिया गया। घटना बिहार के मोतिहारी के महिषी थाना के तरनिया गाँव की है।
इस बाबत हमने बजरंग दल के चटिया अनुमण्डल अध्यक्ष गोलू खेलानी से बात की। उन्होंने बताया कि ये घटना शुक्रवार (सितंबर 18, 2020) को घटित हुई। गोलू खेलानी ने बताया कि शुक्रवार की शाम लगभग 4 बजे कुछ हिंदू युवक भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति का विसर्जन करने के लिए जा रहे थे। रास्ते में थोड़ी दूर मुस्लिम बस्ती पड़ती है। जैसे ही गाड़ी मुस्लिम बस्ती के पास पहुँची, उन लोगों ने मूर्ति ले जाने से मना किया।
गोलू खेलानी के अनुसार, “समुदाय विशेष के लोगों ने चेतावनी दी कि अगर मूर्ति को इस रास्ते से ले जाया जाएगा तो वो लोग उसे तोड़ देंगे, मगर हिंदुओं ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। वो आगे बढ़ने लगे। ये देख मुस्लिम भीड़ आक्रामक हो गई और उन पर हमला कर दिया। पहले उन्होंने गाड़ी पर बाँस से हमला किया। फिर दलित ड्राइवर सुखारी राम पर हमला किया। उनसे गाड़ी की चाबी छीन ली। इसके बाद मूर्ति पर बाँस से हमला कर क्षत-विक्षत कर दिया। इस हमले में कई लोग घायल भी हो गए।”
मूर्ति का विसर्जन करने जा रहे हिंदू युवकों पर हमला करने वाले आरोपितों के नाम मोहम्मद निराला, दानिश और सरफराज है। गोलू खेलानी ने बताया कि जब उन्होंने पुलिस से इसकी शिकायत की, तो पहले तो पुलिस ने केस ही नहीं दर्ज किया और फिर बाद में पुलिस ने हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों के खिलाफ FIR दर्ज कर दिया, जबकि हिंदुओं की कोई गलती नहीं थी। विसर्जन करने जा रहे युवकों की संख्या भी 10-15 ही थी। इस घटना के बाद गाँव में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
गौरतलब है कि इससे पहले बिहार के शेखपुरा जिले में सरस्वती मूर्ति विसर्जन के दौरान शनिवार (फरवरी 1, 2020) को 2 सम्प्रदायों के बीच भड़की हिंसा में जेडीयू के एक स्थानीय नेता की मौत हो गई थी। पुलिस ने इस संबंध में 4 आरोपितों को गिरफ्तार किया था। पुलिस के मुताबिक शनिवार देर शाम सरस्वती प्रतिमा ले जा रहे जुलूस पर मुस्लिम युवकों ने हमला कर दिया गया था। इसी हमले में जदयू के प्रखंड अध्यक्ष अमित कुमार विश्वास के सिर पर गहरी चोट आई थी। और रविवार को उनकी मौत हो गई थी।
इस मामले में आरोपितों की पहचान इस्माइल खान, सैफुल खान, इश्तियाक खान, शहंशाह खान, अशरफ खान, आसिफ खान, अकबर खान, इरफान आलम के रूप में हुई थी। इनमें से असलम, शहंशाह, आसिफ और अकबर को गिरफ्तार कर लिया गया था।