पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले से नाबालिग लड़की से गैंगरेप का मामला प्रकाश में आया है। यहाँ उधार नहीं चुका पाने के कारण एक आदिवासी व्यक्ति ने अपनी नाबालिग बेटी को बेच दिया। इसके बाद टीएमसी के नेता और उसके साथियों ने मिलकर उसका गैंगरेप किया। मामले में पुलिस ने टीएमसी के नेता दीप्तिमान घोष, पीड़िता के पिता समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, गैंगरेप की यह घटना बीरभूम जिले के बोलपुर के सियान मुलुक इलाके की है। आरोपित दीप्तिमान घोष टीएमसी का पंचायत सदस्य है। पीड़िता के परिवार के मुताबिक, उसके पिता नरेश सोरेन (बदला हुआ नाम) ने दीप्तिमान घोष से 1,00,000 रुपए उधार लिए थे। हालाँकि, जब वो कर्ज नहीं चुका पाए तो इसी साल 31 मार्च 2022 को अपनी नाबालिग बेटी को घोष के पास भेज दिया। घोष ने गाँव के ही अन्य लोगों के साथ मिल कर नाबालिग के साथ गैंगरेप किया।
TV9 बांग्ला की एक रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआत में लड़की के साथ 31 मार्च को स्थानीय युवकों ने गैंगरेप किया और पीड़िता को अपना मुँह बंद रखने के लिए धमकी भी दी। वहीं ABP के मुताबिक, वो स्थानीय युवा कोई और नहीं, बल्कि टीएमसी नेता दीप्तिमान घोष है। इसके बाद पीड़िता अपनी मामी के घर गई और अपना इलाज करवाया, उस दौरान भी वो लोकलाज के डर से चुप रही। लेकिन, जैसे ही बोलपुर वापस आई तो आरोपित टीएमसी नेता और तीन अन्य ने फिर से उसके साथ गैंगरेप किया। TV9 बांग्ला और ABP दोनों ने बताया कि लड़की के पिता भी जघन्य अपराध में शामिल हैं।
पानी सिर से ऊपर जाता देख पीड़िता ने अपने चचेरे भाई को अपनी आपबीती बताई और वो दोनों थाने में शिकायत कराने गए। मामले में बोलपुर थाने में आरोपितों के खिलाफ इंडियन पीनल कोड (IPC) की धारा 376D (सामूहिक बलात्कार), 506 (आपराधिक धमकी), और बाल यौन अपराध निवारण अधिनियम-2012 (POCSO) के तहत केस दर्ज किया गया।
पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार कर स्थानीय अदालत में पेश किया। कोर्ट ने उन्हें बुधवार (13 अप्रैल) को पुलिस कस्टडी में भेज दिया। बीरभूम के एसपी नागेंद्रनाथ त्रिपाठी ने मामले में कहा कि केस की जाँच की जा रही है और पीड़िता को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
टीएमसी नेता ने फँसाने का आरोप लगाया
इस बीच दीप्तिमान घोष ने खुद को फँसाए जाने का आरोप लगाया है। उसने कहा, “मुझे मामले में झूठा फँसाया जा रहा है। मैं निर्दोष हूँ और मुझे फँसाया जा रहा है।” वहीं पीड़िता को पहले बोलपुर उप-मंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन अब उसे कोलकाता के सेठ सुखलाल करनानी मेमोरियल अस्पताल (SSKM) में ट्रांसफर कर दिया गया है।
Zee24 घंटा की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस वारदात के बाद पीड़िता पूरी तरह से सदमे में है। अस्पताल के सूत्रों के हवाले से चैनल ने बताया कि पीड़िता अपने दर्द को बयाँ नहीं कर पा रही है। यहाँ तक कि उसने दिया हुआ खाना खाने से भी मना कर दिया। अब उसकी मानसिक और शारीरिक स्थिति की जाँच के लिए साइकोलॉजिस्ट और स्त्री रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति की गई है। पीड़िता को हैवी ब्लीडिंग हो रही थी, जिसके कारण मंगलवार (12 अप्रैल) की रात को उसकी सर्जरी की गई थी।
बच्चों और महिलाओं के खिलाफ अपराधों का टीएमसी का है रिकॉर्ड
ये कोई पहली बार नहीं है जब पश्चिम बंगाल में बच्चियों या महिलाओं के साथ इस तरह की घटनाएँ हुई हों। बुधवार (13 अप्रैल) को पश्चिमी मिदनापुर के कालूखनरा गाँव में तृणमूल कॉन्ग्रेस के पंचायत सदस्य अविजीत मंडल को एक दिव्यांग महिला से छेड़छाड़ और रेप की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पीड़िता कालाखुरा गाँव में अपनी बहन के घर आई थी, जहाँ मंडल ने उसका अपहरण कर उसका यौन शोषण किया।
इससे पहले इसी महीने 4 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के हंसखाली ब्लॉक नंबर- I के श्यामनगर इलाके में एक 14 वर्षीय लड़की के साथ कथित तौर पर बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में आरोपित का नाम ब्रजगोपाल है, जो तृणमूल कॉन्ग्रेस (टीएमसी) गजना ग्राम पंचायत सदस्य समर गोला का बेटा है। रेप की इस घटना के बाद प्रदेश में राजनीतिक उथल-पुथल पैदा हो गई थी। टीएमसी सुप्रीमो और मौजूदा सीएम ममता बनर्जी, ने भी पीड़िता के चरित्र पर सवाल खड़े किए थे।