पश्चिम बंगाल के आसनसोल के ESI अस्पताल में क्वारंटाइन में रखे गए लोगों ने शनिवार (मई 9, 2020) को जमकर हंगामा किया। इनका कहना है कि अस्पताल के शौचालय में पानी की व्यवस्था नहीं है और न ही उन्हें पीने का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है।
क्वारंटाइन में रखे गए लोगों ने यह भी कहा कि अभी तक उनका कोरोना वायरस टेस्ट नहीं कराया गया है।
West Bengal: People kept in quarantine at ESI Hospital in Asansol, created ruckus y’day, alleging that the toilet facilities there don’t have water supply & the people are not being given access to proper drinking water. They also alleged that they’re not being tested for COVID19 pic.twitter.com/KGdKMBhwrb
— ANI (@ANI) May 9, 2020
क्वारंटाइन सेंटर में फँसे एक शख्स ने शिकायत करते हुए कहा कि 32 लोगों के लिए सिर्फ 1 लीटर पानी उपलब्ध कराया गया। उन्होंने अस्वास्थ्यकर परिस्थिति, जिसके तहत वो जीने को मजबूर थे, की तरफ इशारा करते हुए बताया कि भोजन को गंदे वाहनों में लाया जाता है।
एक अन्य व्यक्ति ने अस्पताल के अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे उनका कोरोना वायरस का टेस्ट करवाएँ और अगर उनका रिजल्ट नेगेटिव आता है, तो उन्हें जाने दिया जाए। वहीं एक व्यक्ति ने कहा, “जब तक हमें रिपोर्ट नहीं मिलती, हम कुछ नहीं खाएँगे।”
अब्दुल करीम हुसैन नाम के एक व्यक्ति ने कहा कि उन्हें बताया गया था कि उनके टेस्ट की रिपोर्ट आने के बाद उन्हें घर जाने दिया जाएगा। लेकिन अभी तक टेस्ट ही नहीं हुए हैं, तो रिपोर्ट मिलने का सवाल ही नहीं है। उन्होंने कहा कि शौचालय में पानी नहीं है। जिस जगह से पीने का पानी लिया जा सकता है, उसे बंद रखा गया है।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में 9 मई तक कोरोना संक्रमित मरीजों का आँकड़ा 1786 तक पहुँच गया है। राज्य के आसनसोल से भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो ने पिछले दिनों कोरोना संक्रमितों के लिए किए गए इंतजाम की पोल-पट्टी खोलते हुए ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया था।
वहीं इंटर मिनिस्ट्रियल सेंट्रल टीम (IMCT) ने भी पश्चिम बंगाल सरकार पर सहयोग न करने का आरोप लगाया था। अपूर्व चंद्रा ने अपनी चिट्ठी में कहा था कि उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को सात और राज्य के गृह, स्वास्थ्य, शहरी विकास और नगर पालिका विभाग के सचिवों को 4 चिट्ठियाँ लिखीं लेकिन एक का भी जवाब नहीं मिला। साथ ही उन्होंने बताया कि 12.8 फ़ीसदी मृत्यु दर के साथ पश्चिम बंगाल में सबसे तेज गति से कोरोना से लोगों की मौत हो रही है।