पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा के मामले में कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश के बाद केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) ने मंगलवार (1 सितंबर 2021) को 10 नए केस दर्ज किए। इसके साथ ही सीबीआई द्वारा दर्ज मामलों की संख्या बढ़कर 31 हो गई है।
ज़ी न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी ने नए मामलों के संबंध में जानकारी साझा करते हुए कहा, “सीबीआई ने डब्ल्यूपीए (पी) के मामले में पारित माननीय कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में दस और मामले दर्ज किए हैं। केस नंबर 142, 143, 144, 145, 146, 147, 148, 149 और 167 की जाँच अपने हाथ में ले ली जो पश्चिम बंगाल के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में दर्ज थे।” पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में भाजपा कार्यकर्ता धर्म मंडल और दो अन्य की हत्या के आरोप में 28 अगस्त 2021 को बीजू और आसीमा घोष को गिरफ्तार करने के बाद सीबीआई ने यह कदम उठाया है।
सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए 10 केसों में पहला मामला बीरभूम जिले के नलहाटी पुलिस स्टेशन में 14 मई को जगधारी गाँव के एक ग्रामीण के धान के खेत में मृत पाए जाने के बाद दर्ज किया गया था। दूसरा मामला शांतिनिकेतन थाने में दर्ज एक भीषण सामूहिक दुष्कर्म का था। तीसरा मामला दुकानदारों से रंगदारी वसूलने और हत्या से जुड़ा है। इस मामले में पीड़िता के पिता ने दक्षिण 24 परगना के रामनगर थाने में मामला दर्ज कराया था।
चौथा मामला एक बाइक सवार को पीट-पीटकर मार डालने के मामले में 24 परगना के जगद्दल थाने में दर्ज किया गया था। इस घटना में मृतक के बड़े भाई को भी बेरहमी से पीटा गया था और एक आरोपित ने उसके मुँह में बन्दूक डालकर उसके छाती पर बैठ गया था। एक अन्य आरोपित ने उसे हथियार के बट से लगातार पीट रहा था। इसके बाद आरोपितों ने पीड़ित के पेट में गोली मार दी और बम फेंक कर फरार हो गए। बाद में घायलों ने दम तोड़ दिया।
दक्षिण 24 परगना के नरेंद्रपुर थाने में दर्ज एक अन्य मामला हत्या और छेड़छाड़ का है। शिकायतकर्ता के घर पर लोहे की रॉड, बाँस, पिस्टल और डंडे से हमला किया गया था। दर्ज किए गए नए मामलों में छह हत्या के, दो गैंगरेप और रेप के आरोप में दर्ज किए गए थे और अन्य हमले और संपत्ति को नष्ट करने से संबंधित हैं।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने 19 अगस्त को पश्चिम बंगाल में हुई राजनीतिक हिंसा के मामले की जाँच CBI को सौंपी थी। राज्य में 2 मई को चुनाव परिणाम तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के पक्ष में आने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं व समर्थकों के खिलाफ जम कर हिंसा हुई थी।