Sunday, November 17, 2024
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पश्चिम बंगाल में ताशीनारा बीबी के परिजनों ने की हॉस्पिटल स्टाफ सौम्यदीप की पिटाई, सेन ने कहा- अब मैं यहाँ काम नहीं कर पाऊँगा

“मैं दर्द में हूँ, लेकिन फिर भी मैं लोगों के लिए COVID वार्ड में अपनी ड्यूटी कर रहा हूँ। मैंने उन्हें सौहार्दपूर्ण और इमानदारी भरे शब्दों में कहा कि ICU में कोई बिस्तर नहीं है। उन्होंने मेरी बात नहीं मानी और (इसके बजाय मेरी पिटाई की) और मैं चाहता हूँ कि किसी और हॉस्पिटल वर्कर की पिटाई न हो, जैसा कि मेरे साथ हुआ। मैं अत्यंत कष्ट में हूँ।”

पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना में बडगे बुडगे क्षेत्र में जगन्नाथ गुप्ता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज अस्पताल में 45 वर्षीय मरीज ताशीराना बीबी के परिजनों ने हॉस्पिटल के एक कर्मचारी की बेरहमी से पिटाई की।

अधिकारियों के अनुसार, ताशीनारा बीबी को गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था। डॉक्टरों ने मरीज के परिवार को बताया कि उसे ICU में भर्ती किया जाना है। मगर इसके साथ ही उन्होंने खेद जताते हुए यह भी कहा कि फिलहाल कोई बेड खाली नहीं है, सभी बेड भरे हुए हैं। इसी बीच, मरीज के परिजन बिना अनुमति के आईसीयू वार्ड में घुस गए और तस्वीरें क्लिक करने लगे। बाद में, वो फिर से अस्पताल आए और फ्रंटलाइन वर्कर सौम्यदीप सेन की पिटाई करनी शुरू कर दी, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए। 

उसी समय, परिवार के एक अन्य सदस्य ने घातक हथियार के साथ अस्पताल में एक सुरक्षाकर्मी को डराया। खबर 24 X 7 से बात करते हुए, एक सुरक्षा गार्ड ने कहा, “वे मरीज के साथ आपातकालीन वार्ड में आए थे। मरीज के साथ दो लोग थे। हमने आपातकालीन वार्ड में एक व्यक्ति को अनुमति दी और दूसरे व्यक्ति को इंतजार करने के लिए कहा।”

उन्होंने आगे कहा, “डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि एक आईसीयू बिस्तर की आवश्यकता होगी, लेकिन फिलहाल कोई भी बेड उपलब्ध नहीं था। तभी परिवार के कई अन्य सदस्य आए और जबरदस्ती आईसीयू में घुस गए। उनमें से एक ने मुझे एक हथियार दिखाया और पूछा, ‘क्या आप यह चाहते हैं?’ इस बीच, उन्होंने हमारे स्टाफ सदस्य की पिटाई शुरू कर दी।” उन्होंने आगे कहा कि वे प्रदर्शन करेंगे, सहकर्मी फ्रंटलाइन वर्कर के लिए न्याय की माँग करेंगे। उन्हेंने पूछा, “हमारे स्टाफ के सदस्य पर हमला क्यों किया गया?” 

बीजेपी बंगाल द्वारा साझा किए गए वीडियो में, पीड़ित के हाथ में क्रेप बैंडेज लगा हुआ देखा जा सकता है। सौम्यदीप सेन ने कहा, “मैं कोरोना वायरस टेस्टके लिए ICMR फॉर्म भर रहा था। तभी एक परिवार का सदस्य मेरे पास आया और मरीज के स्वास्थ्य के बारे में पूछा। कोंकण दा (अस्पताल के एक अन्य कर्मचारी) ने मुझे बताया कि मरीज को आईसीयू बिस्तर की जरूरत थी। मैंने परिवार के सदस्य से विनम्रता से कहा कि मरीज के लिए कोई बिस्तर उपलब्ध नहीं है। परिवार के अन्य सदस्यों ने मुझे आईसीयू में उनके साथ जाने के लिए कहा, लेकिन मैंने अपने काम करना जारी रखा।”

रिपोर्टर द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या वह ठीक होने के बाद काम करना जारी रखेंगे, सेन ने रोते हुए कहा, “मैं अब यहाँ काम नहीं कर पाऊँगा। मैं अब 8 साल से बुडगे क्षेत्र में रह रहा हूँ। मैं आखिरी बार दुर्गा पूजा के दौरान घर गया था। मुझे लीवर की समस्या है। मैं पिछले 3 दिनों से saline पर हूँ। ”

पीड़ित ने रिपोर्टर से कहा, “मैं दर्द में हूँ, लेकिन फिर भी मैं लोगों के लिए COVID वार्ड में अपनी ड्यूटी कर रहा हूँ। मैंने उन्हें सौहार्दपूर्ण और इमानदारी भरे शब्दों में कहा कि ICU में कोई बिस्तर नहीं है। उन्होंने मेरी बात नहीं मानी और (इसके बजाय मेरी पिटाई की) और मैं चाहता हूँ कि किसी और हॉस्पिटल वर्कर की पिटाई न हो, जैसा कि मेरे साथ हुआ। मैं अत्यंत कष्ट में हूँ।”

भाजपा की राज्य इकाई ने इस घटना की निंदा की और पुलिस कार्रवाई में कमी की शिकायत की। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को संबोधित एक ट्वीट में, पार्टी ने कहा, “ताशीनारा बीबी के परिजनों ने बंगाल के एक मेडिकल कॉलेज में हथियार के साथ COVID फ्रंट-लाइनर्स पर शारीरिक हमला किया और धमकी दी। अस्पताल का कर्मचारी अभी भी सदमे में है। उम्मीद के मुताबिक 24 घंटे के बाद भी कोई पुलिस कार्रवाई नहीं हुई।”

गौरतलब है कि कोलकाता स्थित नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में सोमवार (10 जून) को एक बुजुर्ग मरीज मोहम्मद शाहिद की मौत के बाद उसके परिजनों ने डॉक्टर परिबाह मुखोपाध्याय पर घातक हमला किया। डॉक्टर्स के मुताबिक, करीब 200 की भीड़ ने मोहम्मद शाहिद की मौत के बाद अस्पताल में जमकर उत्पात मचाया। इस घटना के बाद राज्य के विभिन्न अस्पतालों के डॉक्टर न्याय की माँग करते हुए हड़ताल पर चले गए थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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