इन दिनों सोशल मीडिया पर उत्तराखंड के ऋषिकेश में मजारों को ध्वस्त करने के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। कुछ हैंडलों पर इसे LIVE भी किया गया है। वीडियो वायरल होने के बाद मुस्लिम तबके के कुछ लोग इस मामले में प्रशासन से कार्रवाई की माँग कर रहे हैं। वहीं ‘देवभूमि रक्षा अभियान’ के स्वामी दर्शन भारती ने अपने संगठन द्वारा मजारों को तोड़े जाने की जिम्मेदारी भी ली है। ऑपइंडिया ने उन लोगों से सम्पर्क किया जिन्होंने मजारों के ध्वस्तीकरण की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने अपनी कार्रवाई को पूरी तरह से कानून के दायरे में बताते हुए हमसे अपने काम को एक बड़ी साजिश के खिलाफ संघर्ष का नाम दिया।
ऋषिकेश और आसपास के क्षेत्रों में मजारों के खिलाफ हल्लाबोल की शुरुआत करने की जिम्मेदारी एक स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रभूषण शर्मा ने ली है। ऑपइंडिया से मंगलवार (5 सितंबर, 2023) को हुई बातचीत के दौरान उन्होंने हमें विस्तार से पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस अभियान की शुरुआत उन्होंने पिछले माह 26 अगस्त से की थी।
ऋषिकेश व आस-पास घरों में 200 से अधिक मजारें
चंद्रभूषण शर्मा ने दावा किया कि प्राइवेट नौकरी के दौरान फील्ड में रह कर उन्होंने पाया कि ऋषिकेश व आसपास 200 से अधिक मजारें घरों के अंदर बन चुकी हैं। इन्हें हिन्दू धर्म के पूर्व सैनिक, व्यापारी और यहाँ तक कि मंदिर के पुजारियों तक ने अपने घरों में बनवा रखा था। कुछ मजारें बनाने वालों के घर तक ही सीमित थीं जबकि कई अन्य तो धीरे-धीरे सार्वजनिक रूप ले चुकी थीं। यहाँ कव्वाली आदि बजा कर सालाना उर्स मनाया जा रहा था और बाहरी लोग नमाज़ पढ़ने लगे थे।
मंदिर के पुजारी के रूप मे उन्होंने मनसा देवी मंदिर ऋषिकेश के पुरोहित का नाम लिया जिनके घर लगभग 10 साल से अंदर ही अंदर मजार बनी थी। दावा है कि पुरोहित इसे पीर बाबा-शिव बाबा नाम से प्रचारित करते थे। चंद्रभूषण शर्मा के मुताबिक, शुरुआत में काफी विरोध के बाद आखिरकार पुजारी ने मजार तोड़ने के लिए अपनी सहमति दे दी थी। उन्होंने बताया कि एक पूर्व सैनिक ने तो हाइवे के किनारे ही इतनी बड़ी जमीन में मजार बनवा रखी थी जहाँ कम से कम 3 दुकानें बन जातीं।
ऋषिकेश के कई हिस्सों में फैला है जाल
जिन मजारों को 27 अगस्त से 3 सितंबर के बीच ध्वस्त किया है, वो ऋषिकेश के अमित ग्राम, मनसा देवी वार्ड और सुमन विहार इलाके में हैं। चंद्रभूषण शर्मा ने बताया कि ये अभियान अभी आगे भी तब तक जारी रहेगा जब तक ऋषिकेश मजार मुक्त नहीं हो जाता। साथ ही उन्होंने कहा कि यह काम अपने खुद के पैसे और जनसहयोग से किया जा रहा है जिसमें अगली कार्रवाई की जानकारी किसी को भी नहीं दी जाती। आगे भी अवैध मजारों को वैध तरीके से तोड़ने की बात खुद को इस अभियान में सक्रिय भागीदार बताने वाले ऋषिकेश के अनिल कुमार ने भी कही। हमें बताया गया कि घर के अंदर मजार वाली साजिश से ऋषिकेश शहर और 5 किलोमीटर का इलाका बुरी तरह से प्रभावित है।
दरगाहों पर रची जाती है साजिश
चन्द्रभूषण शर्म ने हमें बताया कि जो लोग किसी वजह से छोटी-छोटी बातों से परेशान हो कर दरगाहों पर जाते हैं वहाँ उन्हें घर में मजार बनाने की सलाह दी जाती है। दरगाह के नाम पर चंद्रभूषण ने खासतौर पर रुड़की की पिरान कलियर का नाम लिया। यहाँ उन्हें न सिर्फ घर में मजार बनाने वाले कारीगर दिए जाते हैं बल्कि बाद में अंदर ही अंदर इबादत करने के लिए नमाज़ी टोपी सहित इस्लामी वेशभूषा भी दी जाती है। शर्मा का दावा है कि इसी जगह पर उन्हें इबादत की ट्रेनिंग आदि भी मिलती है।
शर्मा ने बताया कि मंदिर के पुरोहित और सैनिक सहित अन्य व्यापरी भी दरगाहों पर बताए कानून से अंदर ही अंदर इबादत करते थे।
हर ध्वस्तीकरण की लिखित सहमति
हमने चंद्रभूषण शर्मा से सवाल किया कि मजारों पर हथौड़े चलाने पर क्या उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही। इस सवाल के जवाब में शर्मा ने कहा कि उन्होंने इस कार्रवाई की लिखित अनुमति और सहमति उन मकान मालिकों से ले रखी है जिन्होंने किसी की बातों में आ कर घर में मजार बनवा ली थी। शर्मा ने यह भी कहा कि ऋषिकेश को मजार मुक्त करने के अभियान से पहले उन्होंने सभी कानूनी पहलुओं पर गंभीरता से विचार किया था।
घरों में बनी मजारों के ध्वस्तीकरण के अभियान में शामिल एक अन्य व्यक्ति अनिल कुमार ने भी बताया कि उन्होंने घर मालिकों से इसकी अनुमति और सहमति ले रखी थी। अनिल कुमार ने हमें कुछ मकान मालिकों के सहमति पत्र भी भेजे। इस सहमति पत्र में स्वेच्छा और हिन्दू धर्म के सम्मान में अपने घर से मजारों को हटाने की अनुमति लिखी हुई है। साथ ही भविष्य में दोबारा ऐसा कृत्य न करने व कभी न्यायालय आदि न जाने की घोषणा की गई है। सहमति पत्र की शुरुआत ‘श्री गणेशाय नमः’ से की गई है।
कुछ धर्मान्तरित हिन्दू ही हैं साजिश के संचालक
चंद्रभूषण शर्मा ने बताया कि ऋषिकेश में फ़ैल रहा मजारों का जाल पिछले 30 सालों से शुरू हुआ है। पिछले हफ्ते जो मजारें तोड़ी गईं हैं उनमे से कुछ 2 दशक पुरानी हैं। हालाँकि उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 5 से 6 साल के बीच तो अंधाधुंध मजारें बनी हैं। इसके पीछे चंद्रभूषण ने कुछ ऐसे हिन्दुओं को सक्रिय बताया जो अंदर ही अंदर धर्म परिवर्तन कर चुके हैं। नाम न बताने की शर्त पर उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति का जिक्र किया है जो पहले हिन्दू था लेकिन अब वह इस्लामी रंग-ढंग में रहता है। शर्मा ने कहा कि अथाह पैसे का मालिक और बाउंसरों की सुरक्षा में चलने वाला वह व्यक्ति अब हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान कर के लोगों को अपने में मिलाने का प्रयास करता है।
चन्द्रभूषण शर्मा ने इस अभियान में शामिल अपने अन्य साथियों का नाम बताने से इंकार कर दिया। उन्होंने निकट भविष्य में इसे गति देने का भी एलान किया और लोगों से जागरूकता की अपील की।
जिसने बनवाई मजार उसी की बीवी से लव जिहाद
ऑपइंडिया ने इस मामले में देवभूमि रक्षा अभियान के संरक्षक स्वामी दर्शन भारती से बात की। स्वामी दर्शन भारती ने हमें बताया कि ऋषिकेश के जिस अमित ग्राम इलाके में सबसे अधिक मजारें घर में बनी हैं वहाँ के एक मकान में लव जिहाद की घटना घट चुकी है। दर्शन भारती ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि उस हिन्दू परिवार ने लगभग 15 साल पहले घर में मजार बनवाया था जिसका पति इबादत ही करता रह गया और उसकी बीवी मुस्लिम के साथ भाग गई। स्वामी के अनुसार यह घटना लगभग 5 साल पुरानी है।
प्रशासन जता चुका है लाचारी
मजारों के खिलाफ खुद से कार्रवाई के सवाल पर स्वामी दर्शन भारती ने हमें बताया कि उन्होंने इस बाबत पहले प्रशासन से ही बात की थी। उन्होंने दावा किया कि मजारों को निजी मकानों में स्वेच्छा से बने होने की बात कह कर प्रशासन ने किसी भी कार्रवाई में असमर्थता जताई थी। संगठन द्वारा चलाए जा रहे अभियान को उन्होंने कानूनी और अंतिम विकल्प बताया। साथ ही उन्होंने इसे बेहद खतरनाक साजिश बताते हुए कहा कि पहाड़ियों के खिलाफ अंदर ही अंदर पहाड़ी ही खड़े कर दिए गए।
साधु-संतों में मुस्लिमों का डर
धर्मनगरी ऋषिकेश में चुपके से इतनी मजारें बन जाने के पीछे स्वामी दर्शन भारती ने वहाँ तमाम संतों में मुस्लिमों का डर बताया। उन्होंने इस डर को कइयों की मजबूरी कहा और आगे से अवैध मज़ार विरोधी अभियान में शामिल होने की अपील की।