आज ‘महिला दिवस’ के अवसर पर हम कुछ ऐसी महिलाओं की दास्ताँ लेकर आ रहे हैं, जिनके पति सेना में थे और जिन्होंने अपने पति की मृत्यु के बाद सेना को ही अपनाया। इन्हीं में एक कैप्टेन शालिनी सिंह हैं, जिनके पति मेजर अविनाश सिंह भदौरिया के वीरगति को प्राप्त होने के बाद उन्होंने सेना ज्वाइन की। शालिनी को 2017 में ‘मिसेज इंडिया क्लासिक क्वीन ऑफ सबस्टेंस’ का अवॉर्ड भी मिला। शालिनी के पति कारगिल युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए थे। शालिनी भी अब सेना से रिटायर हो चुकी हैं। 2001 में जब मेजर भदौरिया बलिदानी हुए, तब शालिनी मात्र 21 साल की थीं। उनके बेटा ध्रुव तब 2 साल का ही था।
स्कवाड्रन लीडर समीर मिराज-2000 के क्रैश होने के कारण वीरगति को प्राप्त हो गए थे। उसके बाद उनकी पत्नी ने फेसबुक पर लिखा था- ‘मुझे अभी भी यकीन नहीं होता कि तुम जा चुके हो। किसी के पास मेरे सवालों का जवाब नहीं हैं। तुम ही क्यों?’ पति के बलिदान के बाद गरिमा अबरोल ने भी वायुसेना में शामिल होने का फ़ैसला किया। उन्होंने एएफएसबी के साथ सर्विस सिलेक्शन बोर्ड का इंटरव्यू पास किया था।
इसी तरह नीतू संब्याल भी अपने पति के वीरगति को प्राप्त होने बाद सेना में शामिल हुईं और लेफ्टिनेंट बनीं। जम्मू कश्मीर के साम्बा की नीरू के पति रवींद्र 2015 में एक इंजरी की वजह से दिवंगत हो गए थे। रवींद्र जम्मू कश्मीर राइफल्स में थे। उनकी एक छोटी बेटी भी है।
मेजर अमित देशवाल मणिपुर में उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त हो गए थे। वो अपने पीछे एक नन्हे बेटे को छोड़ गए थे। पत्नी नीता देशवाल ने हिम्मत नहीं हारी और उन्होंने चेन्नई में सेना के पासिंग आउट परेड में हिस्सा लेकर इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया। अमित झज्जर जिले के सुरमति गाँव में रहने वाले थे।
निधि मिश्रा की कहानी काफ़ी संघर्ष भरी है। उन्हें उनके ससुराल वालों ने ही बेदखल कर दिया था। जब उनके पति वीरगति को प्राप्त हुए, तब निधि के पेट में 4 महीने का बच्चा था। आज वो लेफ्टिनेंट निधि मिश्रा दुबे हैं। सुसराल वालों ने उनके पति की मृत्यु के बाद उन्हें सदमे से उबरने के लिए समय भी नहीं दिया और तुरंत निकल जाने को कहा। 7 सालों के संघर्ष के बाद निधि ने सेना में ट्रेनिंग ली।
“iria a la guerra contigo”
— INDIAN ARMY (@IA_adg) March 8, 2020
I would go to war with you
They decided to take on from where their men had left…#WomensDay #SheInspireUs @narendramodi pic.twitter.com/25o4W7UFod
गौरी महादिक के पति मेजर प्रसाद महादिक उग्रवादियों के हमले में वीरगति को प्राप्त हो गए थे। गौरी ने सेना ज्वाइन की और कहा कि वो वही कर रही हैं, जो उनके पति चाहते थे। वो चाहते थे कि गौरी हमेशा हँसती-मुस्कुराती रहे। दिसंबर 2017 में जब मेजर प्रसाद वीरगति को प्राप्त हुए, तब उन दोनों की शादी को महज दो साल ही हुए थे। गौरी ने चेन्नई में सेना की ट्रेनिंग ली। संयोग देखिए, उन्हें वही नंबर मिला जो उनके पति को मिला था।
वीरगति को प्राप्त मेजर विभूति ढौंडियाल की पत्नी निकिता कौल के परिवार को भी एक समय में कश्मीर को हमेशा के लिए अलविदा कहना पड़ गया था क्योंकि वो कश्मीरी पंडित थे। शादी के 10 माह बाद ही मेजर विभूति बलिदानी हो गए और निकिता अकेली रह गईं। लेकिन उन्होंने हौंसला नहीं हारा और सेना ज्वाइन किया।
पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए मेजर विभूति ढौंडियाल की पत्नी निकिता कौल ढौंडियाल ने अपने शॉर्ट सर्विस कमीशन परीक्षा और इंटरव्यू पास कर लिया हैhttps://t.co/0zaLw6iuVe
— News18 India (@News18India) February 20, 2020
सुष्मिता पांडेय न सिर्फ़ सेना में शामिल हुईं बल्कि अपने पति के समकक्ष पद पर पहुँचीं। उनकी शादी 2010 में मेजर नीरज से हुई थी। 16 मार्च 2016 को एक रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान नीरज वीरगति को प्राप्त हो गए थे। उस वक़्त उनका बेटा मात्र 4 साल का था। सुष्मिता एसएसबी की परीक्षा पास कर लेफ्टिनेंट बनीं।
कर्नल संतोष महादिक की पत्नी स्वाति महादिक सितम्बर 2017 में 11 महीनों के कठिन प्रशिक्षण हासिल करने के बाद सेना में अधिकारी के तौर पर शामिल हुईं। उनके पति 2015 में उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंक विरोधी अभियान में वीरगति को प्राप्त हो गए थे। उन्हें वीरता के लिए सेना मेडल से सम्मानित किया गया था। चेन्नई स्थित ओटीए में ट्रेनिंग के बाद वो सेना में बतौर अधिकारी शामिल हुईं।
वीरांगनायें आज अफसर बनी।लेफ्टिनेंट स्वाति,पति थे स्वर्गीय कर्नल संतोष महादिक और लेफ्टिनेंट नीधि, पति थे स्वर्गीय नायक मुकेश दूबे #भारतीयसेना pic.twitter.com/R2W4y34WCd
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) September 9, 2017
दून की कैप्टन प्रिया सेमवाल पश्चिम बंगाल के हल्दिया से पोरबंदर (गुजरात) के बीच आर्मी सेलिंग एक्सपीडिशन का हिस्सा बनीं और 45 दिनों में 3500 मील का सफर तय किया। प्रिया के पति नायक अमित शर्मा 20 जून 2012 को अरुणाचल प्रदेश में सेना के ऑपरेशन ऑर्किड के दौरान वीरगति को प्राप्त हो गए थे। प्रिया को कई बार सम्मानित किया जा चुका है।
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