यस बैंक घोटाले की जॉंच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है राणा कपूर और उनके परिजनों की कारगुजारियॉं भी सामने आती जा रही है। इस मामले में सीबीआई ने बैंक के संस्थापक राणा कपूर और उनकी पत्नी बिंदू के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक नया मामला दर्ज किया है। यह मामला दिल्ली के पॉश अमृता शेरगिल मार्ग पर 1.2 एकड़ में फैले एक बंगले से जुड़ा है। बताया जा रहा है कि बैंक से कर्ज दिए जाने के बदले में राणा ने हाफ रेट पर यह बंगला हासिल किया था। राणा कपूर 16 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हिरासत में हैं।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार यह बंगला एक रियल एस्टेट फर्म से बाजार भाव से आधी कीमत पर खरीदा गया। बदले में यस बैंक से 1900 करोड़ रुपये का कर्ज मुहैया कराया गया। जॉंच एजेंसी को संदेह है कि आधी कीमत पर हुआ यह सौदा ब्लिस अडोब प्राइवेट लिमिटेड के जरिए कपूर को दी गई रिश्वत थी। इस कंपनी के दो निदेशकों में से एक कपूर की पत्नी बिंदू है।
पहले यह बंगला गौतम थापर का था। उन्होंने यस बैंक से 600 करोड़ रुपये का कॉर्पोरेट लोन लिया था। इसके बदले बंगला गिरवी रखा गया। लोन लेने के कुछ हफ्तों बाद ही थापर ने बंगला बेचकर लोन चुकाने की बात कही। इसके बाद बिंदु के नाम से एक शेल कंपनी ब्लिस अडोब प्राइवेट लिमिटेड बनाई गई। यस बैंक ने इस बंगले की बिक्री के अडोब को बोली लगाने के लिए आमंत्रित किया। अडोब ने सबसे ज्यादा बोली से महज कुछ ज्यादा (378 करोड़) देकर बंगला खरीद लिया।
आरोप है कि कपूर ने अडोब के जरिए भुगतान कर 378 करोड़ रुपए में बंगला खरीदा। यह राशि बाजार मूल्य से 307 करोड़ रुपए कम थी। सीबीआई ने थापर, राणा कपूर और उनकी पत्नी बिंदु के खिलाफ IPC और भ्रष्टाचार रोधक कानून के प्रावधानों के अंतर्गत आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। जाँच एजेंसी ने दिल्ली और मुंबई में कई स्थानों पर छापेमारी की है।
वहीं मोदी कैबिनेट ने शुक्रवार को यस बैंक के रीकंस्ट्रक्शन को मंजूरी दे दी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ”यस बैंक की 49% इक्विटी में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) निवेश करेगा। दूसरे निवेशकों से भी बैंक की मदद के लिए कहा जा रहा है।” आरबीआई ने यस बैंक के लिए रीकंस्ट्रक्शन प्लान पेश किया था। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने जो भी फैसले लिए हैं, वह यस बैंक के खाताधारकों के हित को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं।
राणा कपूर पर सीबीआई ने पहली FIR 8 मार्च को दर्ज की थी। इसमें कपूर और उनके परिवार की कंपनी ‘डू इट अर्बन वेंचर्स’ और ‘दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड’ (डीएचएफएल) के प्रमोटर-डायरेक्टर कपिल वाधवान के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र रचने, धोखाधड़ी करने और भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया था।