उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) की सरकार राज्य के सभी स्कूलों में योग को अनिवार्य करने जा रही है। इसके लिए राज्य सरकार ने मसौदा भी तैयार कर लिया है। अब इसे मंजूरी के लिए शासन को भेजा गया है। शासन की अनुमति मिलने के बाद उसे लागू कर दिया जाएगा।
राज्य के स्कूलों में इसे अनिवार्य करने के पीछे सरकार का मकसद प्रतिभा को उभारना है। सरकार राज्य के दूरदराज के हिस्सों में मजबूत खेल संस्कृति को विकसित, खेल के बुनियादी ढाँचे का विकास और खिलाड़ियों को बढ़ावा देना चाहती है।
इसको लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव (खेल) नवनीत सहगल ने कहा, “इस नीति का उद्देश्य 5 से 14 वर्ष के आयु वर्ग में प्रतिभा की पहचान करके उनकी भागीदारी को बढ़ाना है। इसके साथ ही सार्वजनिक-निजी भागीदारी, सार्वजनिक-संघ भागीदारी और खेल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना है।”
राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार 100 करोड़ रुपए के प्रारंभिक कोष के साथ ‘उत्तर प्रदेश खेल विकास कोष’ बनाएगी। इस नीति के तहत खिलाड़ियों और स्कूली छात्रों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में भी योग अनिवार्य होगा। इसके साथ ही सभी जिला मुख्यालयों के खेल स्टेडियमों में योग के प्रशिक्षण एवं अभ्यास की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
नवनीत सहगल ने कहा कि केंद्र ने लखनऊ स्थित गुरु गोबिंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज को तीन खेलों के लिए ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (CoE)’ के रूप में विकसित करने की सहमति दी है। इसमें युवाओं के लिए खेल प्रबंधन, खेल पत्रकारिता, खेल कानून, खेल डेटा विश्लेषण सहित अन्य पाठ्यक्रम संचालित किए जाएँगे।
इसके अलावा, उच्च कोटि के प्रदर्शन करने वाले 20 छात्र-छात्राओं को केंद्र राष्ट्रीय और राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करेगी। सहगल ने आगे कहा कि युवा प्रतिभाओं को प्रशिक्षण देने के लिए हर जिले में एक जिला खेल केंद्र होगा। बुनियादी खेल और फिटनेस प्रशिक्षण के लिए डीएससी में एक जिला खेल कोचिंग केंद्र भी शामिल किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि नई नीति के तहत खेल संघों और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को अकादमियों की स्थापना के लिए पट्टे पर जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही खेल का मैदान विकसित करने के लिए ग्राम सभा की भूमि ग्रामीण अकादमियों को लीज पर दी जाएगी। अकादमी में कम-से-कम 50 प्रतिशत खिलाड़ी उत्तर प्रदेश के होंगे।